25
Jun
अरविंद जयतिलक 25 जून, 1975 को देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गर्दन मरोड़कर देश में आपातकाल थोप दिया था। उन्होंने न सिर्फ संविधान की धज्जियां उड़ायी बल्कि जनतांत्रिक मूल्यों को भी नजरअंदाज कर मानवीय मूल्यों की निर्ममता से हत्या की। देश कराह उठा। अब जब भी 25 जून का दिन आता है लोकतंत्र के कलेजे पर आपातकाल की टीसें दर्द देने लगती है। उसी टीस का नतीजा है कि आपातकाल के साढ़े चार-पांच दशक बाद भी देश उस भयानक दौर को भूल नहीं पाता है। इन पांच दशकों में देश में…