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कविता

बडी कशमकश है…

बडी कशमकश है…

कवि : देव बडी कशमकश है बड़ी कशमकश है, ना दिल अपने बस है ना जान अपने बस है, बड़ी कशमकश है, किसी ने लगाया है दौलत का चश्मा, कहीं है लगा बस उम्मीदों का मजमा, है मशगूल दुनिया नही कोई बस है,  बड़ी कशमकश है बड़ी कशमकश है, जो लगता है सबको सही वो सही है, ज़माने का दस्तूर अब भी वही है, ना समझे जो कोई तो उसकी समझ है, बड़ी कशमकश है बड़ी कशमकश है, थे जो दोस्त कल तक हुए वो पराए, कई दीप यादों के हमने बुझाए, कहो किसको कैसे यकीं हम दिलाए, हुई दिल…
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साहित्य वीथिका ने बहाई रचनाओं की सुमधुर गंगा

साहित्य वीथिका ने बहाई रचनाओं की सुमधुर गंगा

साहित्यिक गतिविधियों के प्रति समर्पित संस्था" साहित्य वीथिका साहित्यिक सामाजिक संस्था" के तत्वावधान में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया | गोष्ठी की अध्यक्षता व मंच संचालन  संस्था  की अध्यक्ष मंजूषा श्रीवास्तव मृदुल जी द्वारा  किया गया |  गोष्ठी की मुख्य अतिथि श्रीमती नमिता सचान सुंदर जी  एवं आदरणीय रश्मि लहर जी थी  जिनकी उपस्थिति ने गोष्ठी में चार चांद लगा दिए | मां शारदे की आराधना और दीप प्रज्वलन से गोष्ठी का प्रारंभ हुआ  |  अतिथियों के स्वागत के पश्चात मां शारदे की वंदना हमारे अतिथि महोदया आदरणीय नमिता सुंदर जी के मुखारविंद से हुई | इसके बाद प्रबुद्ध  कवयित्रियों की रचनाओं की सुमधुर पावनी गंगा में सभी ने स्नान किया | काव्य गोष्ठी में नीरजा नीरू, पूनम सिंह चौहान, शशि तिवारी, शिल्पी बक्शी,रुबीना हमीद, मनोरमा श्रीवास्तव,गरिमा पंत, अंजली सारश्वत,मीनाक्षी पीयूष,रश्मि लहर, नमिता सुंदर एवं मंजूषा श्रीवास्तव  आदि ने  काव्य पाठ किया |  मुख्य अतिथि नमिता सचान "सुंदर" जी एवं रश्मि लहर जी ने कार्यक्रम की बहुत सराहना की और  आशीर्वचन दिए |  कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा |  अध्यक्ष मंजूषा श्रीवास्तव मृदुल जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ | 
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पुरबी बयार भोजपुरी साहित्यिक संस्था की काव्य गोष्ठी 

पुरबी बयार भोजपुरी साहित्यिक संस्था की काव्य गोष्ठी 

लखनऊ : "पुरबी बयार" भोजपुरी साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित प्रथम काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपने पाठ से लोगों का मन मोह लिया| समारोह की अध्यक्षता नरेन्द्र भूषण ने की| सभी ने भोजपुरी में पाठ कर माहौल में समां बाँध दिया| मुख्य अतिथि आदरणीया मनोरमा लाल जी पुरबी बयार साहित्यिक संस्था के आपन आशीर्वाद देके सब भोजपुरिया भाषी लोगन से कहनी ह की सबलोग आपस में मिलले पर भोजपुरिए में  बोली बतियाई।हिंदी में अगर दस गीत लिखल जाता त भोजपुरी में एक रचना जरूर लिखी सभे। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 सुभाष चंद रसिया जी  सभे उपस्थित भोजपुरी साहित्यकार लोगन के स्वागत आ अतिथि लोगन के माल्यार्पण कइके स्वागत कइनी ह। संस्था के सांस्कृतिक अध्यक्ष आर्यावर्ती सरोज "आर्या" अउरी कोषाध्यक्ष शीला वर्मा मीरा रहली। "बरगद पीपल नीम के,कितना मीठा छाँव। याद बहुत आवे हमे,आपन प्यारा गाँव।।" डॉ0 सुभाष चंद रसिया कार्यक्रम में अध्यक्ष श्री नरेन्द्र भूषण जी ने अपने विचार ब्यक्त करते हुए "भोजपुरी को मिठास से पूर्ण भाव रस अभिब्यक्ति का साधन बताया।इन्होंने कहा कि सभी लोग अन्य के साथ भोजपुरी में भी रचना करते रहिए।नियमित कार्यक्रम करते रहें।पुरबी बयार के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए नव वर्ष की भी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में निम्न कवियों के  काव्यपाठ किया। महेश चंद गुप्ता जी के संयोजन में आयोजित भइल काव्य समारोह में आर्यावर्ती सरोज जी,लोकेश त्रिपाठी,संध्या त्रिपाठी, श्यामल मजुमदार, प्रतिभा सिंह,डॉ0 विभा प्रकाश,प्रशांत त्रिपाठी, अलका अस्थाना,रमाशंकर सिंह,शीला वर्मा मीरा,कृष्णानन्द राय, रमेश चंद गुप्त,राजेश सिंह श्रेयस,अगम दयाल जी ने अपनी अपनी रचना के पाठ कइले। अंत  में संस्था की सांस्कृतिक सचिव आर्यावर्ती सरोज "आर्या " ने आभार ज्ञापन किया। और साथ ही अगली गोष्ठी तक के लिए कार्यक्रम स्थगित किया गया। 
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पहले आपकी ‘मुस्कान’, लखनऊ की पहचान

पहले आपकी ‘मुस्कान’, लखनऊ की पहचान

मुस्कराए लखनऊ की काव्य गोष्ठी ने कवियों ने बाँधा समां लखनऊ| पहले आपकी मुस्कान, यही तहजीब है लखनऊ की पहचान... ! ‘मुस्कराए लखनऊ’ व आगमन की ओर से राष्ट्रीय पुस्तक मेला में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने कुछ इसी तरह की कविताओं से समां बाँध दिया| गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए जाने- माने कवि सूर्य कुमार पाण्डेय ने कविता को दिल की आवाज बताया| मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार दयानंद पाण्डेय ने नारी पर आधारित कविता सुनाकर समां बांध दिया| संयोजक मनीष शुक्ल ने कहा कि दूसरों के दर्द को समेटकर मुस्कान बिखेरना ही कवि का काम है| यही इस…
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चंद्रयान 3 : चांद पर बजा दिया, इसरो ने भारत का डंका।

चंद्रयान 3 : चांद पर बजा दिया, इसरो ने भारत का डंका।

आर्यावर्ती सरोज "आर्या", लखनऊ चंद्रयान पर मैं लिखूं, एक कविता अनमोल। धरती से दिखता सुन्दर, चांद धवल और गोल।। धरती मां ने भेजा है,राखी पर रक्षा बंधन। भारत मां ने लगा दिया, चंद्र भाल पर भी चंदन।। चंद्रयान3 चंद्र लोक में, कैसी शुभ घड़ी आई है। भारतवासी नाच रहे, चहुंओर बजी शहनाई है।। हे, चंद्रयान! लेकर आना,चंदा का सुन्दर शुभ संदेश। तुम अतिथि हो चांद नगर के,पा लेना आतिथ्य विशेष।। भारत के गौरव का तुम!, गुणगान वहां पर करना। रज भूमि का कण माथे पर, और! भाल पर मलना।। विक्रम लैण्ड दक्षिणी ध्रुव पर, धरना इसरो अमिट अवशेष। श्लोकों से…
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आगमन… एक ख़ूबसूरत अहसास ने दी संस्थापक पवन जैन को श्रद्धांजलि

आगमन… एक ख़ूबसूरत अहसास ने दी संस्थापक पवन जैन को श्रद्धांजलि

साहित्यिक संस्था आगमन एक ख़ूबसूरत अहसास के लखनऊ चैप्टर ने संस्थापक श्रद्येय पवन जैन की स्मृति में एक काव्य गोष्ठी व‌ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया| कार्यक्रम वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा बोरा के संयोजन में आयोजित किया गया|  अध्यक्षता नमिता सुन्दर व संचालन मनोज शुक्ल ने किया। काव्य गोष्ठी का प्रथम सत्र सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण व आराधना के साथ आरंभ हुआ,  जिसमें सभी रचनाकारों ने अपने उत्कृष्ट गीत, ग़ज़ल, दोहा, छंद, मुक्तक व छंदमुक्त काव्य से गोष्ठी को बाँधे रखा। नमिता सुन्दर के अध्यक्षीय सम्बोधन के साथ प्रथम सत्र समाप्त हुआ। द्वितीय सत्र में कवियों ने स्मृति शेष पवन…
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फादर्स डे : आसान नहीं पिता बन जाना..

फादर्स डे : आसान नहीं पिता बन जाना..

--आर्यावर्ती सरोज "आर्या" लखनऊ स्मरण हो उठती हैं पिता की वो त्याग भावना, मेरे लिए, वाहन प्रबंध और,स्वयं बस से जाना, स्कूटर, मोटरसाइकिल से विद्यालय छोड़ कर आना, मेरी सभी इच्छाएं पूर्ण करना  माथे पर सिकन तक न लाना, संघर्षों को स्वयं ही साधा, मुख पर ले प्रभामंडल की आभा, सुख -सुविधाओं का प्रबंध करना आचार- व्यवहार में पूर्ण रहना, गम्भीर व्यक्तित्व और एकनिष्ठ कर्तव्य, मन में ममत्व, सभी से अपनत्व, भीतर से सहज -सरल और बाहर से कठोर बन जाना, पूरे घर की जिम्मेदारियों का बोझ उठाना..... आसान नहीं है पिता बन जाना।
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नागरी प्रचारिणी सभा काव्य गोष्ठी में कवियों ने बांधा समां

नागरी प्रचारिणी सभा काव्य गोष्ठी में कवियों ने बांधा समां

देवरिया जिले के  नागरी प्रचारिणी सभा में ,कल मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें अध्यक्ष आचार्य परमेश्वर जोशी जी, उपाध्यक्ष -सरोज पाण्डेय जी, और निर्भीक चन्द्र विश्वकर्मा जी, महामंत्री- अनिल कुमार त्रिपाठी जी, पूर्व मंत्री- इन्द्र कुमार दीक्षित जी, संयुक्त मंत्री -सौरभ श्रीवास्तव, आय -व्यय निरीक्षक रमेश चन्द्र तिवारी , विज्ञान संचारक - अनिल कुमार तिवारी जी,पूर्व शहर मंत्री ऋषिकेश मिश्रा जी, प्रधानाचार्या पुष्पा त्रिपाठी जी और लखनऊ से आईं साहित्यकार और कवयित्री आर्यावर्ती सरोज आर्या ने भाग लिया। कार्यक्रम पूर्ण सुनियोजित तरीके से किया गया। सर्व प्रथम मां वीणा पाणी की वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।…
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वरिष्ठ साहित्यकार आर्यावर्ती सरोज को काव्य चंद्रिका सम्मान

वरिष्ठ साहित्यकार आर्यावर्ती सरोज को काव्य चंद्रिका सम्मान

लखनऊ | त्रिवेणी नगर में अखिल भारतीय अनागत साहित्य संस्थान की गोष्ठी एवं सम्मान समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार आर्यावर्ती सरोज "आर्या" को "काव्य चंद्रिका, सारस्वत सम्मान" से सम्मानित किया गया। इस काव्य गोष्ठी के अध्यक्ष -आदरणीय सत्येन्द्र तिवारी, मुख्य अतिथि -आदरणीय रमाशंकर सिंह, विशिष्ट अतिथि - प्रवीण पाण्डेय जी रहे, एवं संचालन - विशिष्ट ग़ज़लकार राजीव वत्सल जी ने किया।             कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रोज्वलन से किया गया। जितेन्द्र मिश्र भास्कर जी ने अपने मधुर कंठ से मां वीणा पाणी की वंदना कर शब्द सुमन अर्पित किया।                भव्य काव्य गोष्ठी में - संजय सागर, मीरा चौरसिया,उमा लखनवी, गीता…
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एक मुस्कराहट कर देती है मौन को निलंबित : डॉ सिधांशु

एक मुस्कराहट कर देती है मौन को निलंबित : डॉ सिधांशु

साहित्यकार मनीष शुक्ल के कविता संग्रह निलंबित मौन के स्वर के स्वर का लोकार्पण और संवाद   कानपुर मेट्रो और बुकलैंड बुक फेयर का आयोजन मौन को आपकी एक मुस्कराहट निलंबित कर देती है| फिर जो स्वर निकलते हैं| वो दिल की आवाज होती है| कानपुर मेट्रो और बुक लैंड बुक फेयर की ओर आयोजित साहित्यकार मनीष शुक्ल के कविता संग्रह निलंबित मौन के स्वर कविता संग्रह के लोकार्पण और परिचर्चा के अवसर या बात मुख्य वक्ताओं ने कही|  कानपुर मेट्रो के साहित्यिक कार्यक्रम ‘संवाद’ कार्यक्रम में जाने- माने कलमकारों ने ‘निलंबित मौन के स्वर’ पर विचार प्रकट किये| कार्यक्रम…
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