09
Nov
लेखक : मनीष शुक्ल रात भर वो इधर से उधर करवट बदलती रही। आने वाली सुबह उसके संघर्ष से भरे जीवन का अंत कर सकती थी। उसके जीवन में खुशियाँ भर सकती थीं। एक ओर संघर्ष से घिरी अंधेरी ज़िंदगी दूसरी ओर रोशनी से भरा भविष्य, लेकिन फैसला लेना आसान नहीं था... बस एक फासले पर था उसका फैसला और उसकी दुनियाँ बदल सकती थी। दौलत- शौहरत, सुकून और ऐशो- आराम से भरपूर एग्रीकल्चर साइंटिस्ट की जॉब। दूसरी तरफ वैशाली के सिर पर थी माता- पिता के संघर्षों की पोटली। उनके खोये सम्मान को लौटाने का दायित्व... अपनी दो छोटी…