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बड़े मैचों में हार, विज्ञापन की सरताज टीम इंडिया

मनीष शुक्ल

वरिष्ठ पत्रकार

कागजों में दुनियाँ की सबसे मजबूत हमारी क्रिकेट टीम एक बार फिर बड़े मैच में फेल हो गई है। स्टार खिलाड़ियों से सजी धजी टीम फाइनल मैच में तास के पत्तों की तरह बिखर गई है। यह पहली बार नहीं हुआ है जब खिताब के इतने करीब पहुँचकर टीम को हार का सामना करना पड़ा है। इस हार से न सिर्फ टीम का बल्कि टीम के प्रशंसकों को भी गहरा झटका लगा है। इसी हर पर बातचीत के लिए आज टीम के सुपर कप्तान खुद हमारे साथ मौजूद हैं। आइये उनसे ही जानते है कि इस हार के क्या कारण है।

एंकर : भाई हर बड़े मैच में आप की टीम फेल हो जाती है।

कैप्टन : देखिये। हम पूरी कोशिश करते हैं लेकिन जरूरी नहीं है कि हर मैच में जीत ही मिले। खेल में हार जीत चलती रहती है। कभी जीत तो कभी हार। हमारा ध्यान खेल पर रहता है। इस बार हारे हैं तो अगली बार जीत भी जाएंगे।

एंकर : सुना है आप कमाई के मामले में नंबर वन हो। इसीलिए आपका ध्यान क्रिकेट से ज्यादा विज्ञापन की दुनिया में लगता है।

कैप्टन : क्या कहना चाहते हैं आप? हम जो कुछ भी हैं आज क्रिकेट के कारण ही हैं। अगर विज्ञापन भी कर रहे हैं तो इसके पीछे क्रिकेट है। क्रिकेट खेलने के बाद जो समय मिलता है उसमें विज्ञापन भी कर लेते हैं। ऐसे में अगर कमाई हो रही है तो आपको क्या दिक्कत है।

एंकर : भाई, आप तो गुस्सा हो गए। चलिये भाभी की बात करते हैं। भाभी के आने के बाद आपमें भी ग्लैमर का तड़का गया है।

कैप्टन : क्रिकेट से ज्यादा ग्लैमर किस फील्ड में हैं। ठीक हैं मेरी पत्नी वालीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। उन्होने कई ब्लाक बस्तर फिल्में दी हों लेकिन क्रिकेट के चाहने वाले दुनियाँ भर हैं। आज मेरा रुतबा किसी भी सुपर स्टार से कम नहीं है। पहले आपकी भाभी को भी मुझमें ग्लैमर दिखा ही होगा। तभी तो हमारी शादी हुई।

एंकर : तो क्या आप भी आगे चलकर फिल्मों में अपना हाथ आजमा सकते हैं।

कैप्टन : भविष्य में क्या होगा, ये किसी को नहीं पता है। अब आप ही देखिये महान बल्लेबाज सचिन पर फिल्म आ चुकी है। माही के जीवन पर बनी एम एस धोनी सुपर हिट फिल्म साबित हुई थी। इसके पहले भी कई क्रिकेटरों ने फिल्मों में अभिनय किया है। तो हो सकता है आने वाले समय में आप मुझे भी एक्टिंग करते देखे या मेरी भी बायोपिक आए।

एंकर  : इसका मतलब क्रिकेट के रिटायर होने के बाद का प्लान अभी से तैयार है

कैप्टन : क्या बेवकूफी भरा सवाल है आपका। अभी तो मेरा करियर और परिवार शुरू हुआ। क्रिकेट में अभी तक मैंने भले ही बड़े मैचों के फाइनल न जीतें हो लेकिन आने वाले समय में ऐसे मैच जीतने योजना है। परिवार में भी हाल ही खुशखबरी आई तो ऐसे में सन्यास की बात बचकानी है।

एंकर : इसी खुशखबरी को देखने- सुनने के लिए आप विदेश में चल रही सीरीज को छोडकर भारत वापस आ गए। आपकी जल्दबाजी के कारण टीम इतिहास के सबसे कम स्कोर पर आउट हो गई थी।

कैप्टन : देखये, मेरे लौटने का मैच के लो स्कोर से कोई भी लेना- देना नहीं है। वो एक खराब दिन था, जब टीम का कोई भी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका। सब तू चल मै आता हूँ गाने लगे। लेकिन दूसरे मैच में हमने विरोधियों को धूल चटा दी थी।

एंकर : लेकिन उस मैच में जब आपकी जरूरत थी तो आप नदारद थे।

कैप्टन : मैं पहले ही छुट्टी ले चुका था। ऐसे में मेरे न होने पर भी लड़कों ने शानदार खेल दिखाकर न सिर्फ मैच में वापसी की बल्कि भारत को विदेश में जितवा दिया। इसके लिए सभी खिलाड़ियों के योगदान की तारीफ भी हुई।

एंकर : आपको नहीं लगता है कि आप पर कप्तानी का कुछ ज्यादा ही बोझ है।

कैप्टन : बोझ कैसा। मुझे तो मजा आता है। सबको अपने इशारे पर नचाओ। जिसको चाहो खिलाओ, जिसको चाहो बाहर बैठा दो। जरूरत पड़ने पर विरोधी टीम को सबक भी सीखा दो। मेरे जैसा तेज तर्रार कप्तान और कौन होगा।

एंकर : ये बात तो सही है कि आप अग्रेसिव कप्तान हैं लेकिन क्या समय की जरूरत नहीं है कि क्रिकेट के अलग- अलग प्रारूप के लिए अलग अलग कप्तान होने चाहिए?

कैप्टन : हमने सभी अच्छे खिलाड़ियों को कप्तानी का मौका दिया है। टेस्ट मैच में मेरे न होने पर आपने शानदार कप्तानी देखी ही है। वन डे में भी आपको कभी कभी दूसरा कप्तान देखने को मिल जाता है। टी 20 में कप्तानी के लिए कई लड़के हैं लेकिन जब मेरे खेल में दम है तब तक मैं ही बाजीराव सिंघम यानि की कप्तान है।

एंकर : इसका मतलब आपके रहते किसी का चांस नहीं है?

कैप्टन : ये सवाल ही गलत है। मेरे रहते ही सबका चांस है। मैंने दुनियाँ को एक से बढ़ाकर एक खिलाड़ी दिये हैं। यहाँ तक हर बड़े मैच में दूसरी टीमों को जीतने का मौका भी दिया है। घरेलू से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मैचों में नए खिलाड़ियों को चांस मिला है। और क्या चाहिए?

एंकर : आप आने वाले खिलाड़ियों को क्या संदेश देंगे? कैप्टन : यही की फिटनेस का ध्यान रखें। चेहरे- मोहरे पर ध्यान दें। अगर खेल के कारण आपका टीम में सेलेक्सन हो जाता है तो फिर आप ज्यादा से ज्यादा लाइम लाइट में आ सको। खूब विज्ञापन कर सको और खूब पैसा कमा के देश में अपना नाम रोशन कर सको। अगर अच्छा खेलोगे और कप्तानी करोगे तो भविष्य में आपकी बायोपिक बनने का चांस रहेगा।

By Manish Shukla

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