Thursday, September 19, 2024
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पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग का गोवा में लेखक मिलन शिविर, जुटेंगे देश- विदेश के 49 साहित्यकार

18वां संस्करण आगामी 13 से 15 सितंबर 2024 के मध्य हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होगा|

लखनऊ/ गोवा : हिंदी दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलांग द्वारा लेखक मिलन शिविर का 18वां संस्करण आगामी 13 से 15 सितंबर 2024 के मध्य हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन साहित्य प्रेमियों, लेखकों और हिंदी भाषा के समर्पित सेवकों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रस्तुत करेगा। तीन दिवसीय शिविर में साहित्यिक चर्चा, काव्य-संध्या, गोवा परिभ्रमण, सांस्कृतिक समागम और सम्मान समारोह जैसे कई सत्रों का आयोजन होगा। शिविर का उद्देश्य हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति लोगों की रुचि को प्रोत्साहित करना तथा हिंदी साहित्य को एक नई दिशा देना है।

13 सितंबर 2024 को इस समारोह का आरंभ किया जाएगा। पहला सत्र अपराह्न 5:30 बजे से प्रारंभ होगा, जिसमें उद्घाटन समारोह आयोजित किया जाएगा। श्री शांति कुमार स्याल, पूर्व सहायक संपादक, राजभाषा भारती, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सत्र की अध्यक्षता की जाएगी। मुख्य अतिथि डॉ. रेखा द्विवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार, प्रवासी भारतीय, ऑस्ट्रेलिया, और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति से समारोह की गरिमा बढ़ेगी। उद्घाटन सत्र के बाद 6:45 बजे से काव्य-संध्या का आयोजन होगा। इसमें विभिन्न प्रतिष्ठित कवि अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे।

दूसरे दिन 14 सितंबर 2024 का प्रमुख आकर्षण अपराह्न 6:00 बजे से शुरू होने वाली काव्य-संध्या रहेगी। इस सत्र की अध्यक्षता श्री शांति कुमार स्याल करेंगे। साहित्यकारों और कवियों के बीच संवाद और विचार विमर्श का आदान-प्रदान भी इस दिन का मुख्य भाग रहेगा। काव्य संध्या में 18 कवि अपनी कविता का पाठ करेंगे।

तीसरे दिन 15 सितंबर 2024 को सम्मान समारोह सत्र अपराह्न 6:00 बजे से 9:30 बजे तक चलेगा, जिसमें “आर्मंड डी’सूजा साहित्यिक यायावर सम्मान 2024” 45 कवियों को प्रदान किया जाएगा। इस सम्मान के अंतर्गत कई प्रमुख साहित्यकारों और लेखकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा। हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित इस शिविर का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रमों से होगा, जिसमें नृत्य और संगीत प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी।

इस तीन दिवसीय शिविर का मुख्य उद्देश्य हिंदी साहित्य के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देना है। शिविर के दौरान साहित्यिक, सांस्कृतिक और काव्य गतिविधियों का संगम उपस्थित साहित्यकारों और कवियों के बीच आपसी विचार-विनिमय का एक उत्तम अवसर प्रदान करेगा।

इस तीन दिवसीय लेखक मिलन शिविर का आयोजन हिंदी भाषा की समृद्धि और साहित्यिक योगदान को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से किया गया है। इसका हर सत्र न केवल साहित्य प्रेमियों और लेखकों के बीच संवाद का एक सशक्त माध्यम होगा, बल्कि हिंदी भाषा के विकास और प्रचार-प्रसार में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। कार्यक्रम की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए इस शिविर के संयोजक डॉ. अकेलाभाइ ने बता कि प्रत्येक दिन अलग-अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें साहित्यिक परिचर्चा, काव्य पाठ, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल हैं। ये सत्र हिंदी साहित्य के विविध पहलुओं पर गहन चर्चा और सृजनात्मक अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान करेंगे। प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति रहेगी। शिविर में देश-विदेश से आए वरिष्ठ साहित्यकार, लेखक और कवि भाग लेंगे, जिनमें प्रमुख रूप से डॉ. रेखा द्विवेदी, डॉ. अजय कुलश्रेष्ठ ‘अजेय’, डॉ. सरोज कुजुर और अन्य शामिल हैं। इनकी उपस्थिति से कार्यक्रम की गुणवत्ता और गरिमा बढ़ेगी।

डॉ. अकेलाभाइ ने विगत वर्षों में आयोजित शिविर का उल्लेख करते हुए कहा कि काव्य प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण के रूप में हर दिन काव्य-संध्या का आयोजन किया जाएगा, जहाँ देश के जाने-माने कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे। काव्य-संध्या में भाग लेने वाले कवियों में श्री अजय सिंह राणा, डॉ. रमा स्याल, श्रीमती कमला सिंह ‘ज़ीनत’, पंकज शर्मा, डॉ. रश्मि वार्ष्णेय, डॉ. अरुणा पाण्डे, डॉ. श्यामा सिंह,डॉ. गायत्री शर्मा, डॉ. जनार्दन शर्मा, डॉ. मनीष शुक्ल, डॉ. रसिक किशोर सिंह नीरज, डॉ. बाबा साहिब शेख, दिनेशचंद्र प्रसाद दीनेश और कई अन्य प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे। यह कार्यक्रम हिंदी साहित्य के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी दर्शाएगा, जो इसे और भी खास बनाएगा।

इस शिविर के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए संयोजक डॉ. अकेलाभाइ ने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य़ है, हिंदी साहित्य के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ाना, साहित्यिक समुदाय के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना, हिंदी भाषा को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करना, नवोदित और अनुभवी लेखकों के बीच एक समृद्ध साहित्यिक संवाद स्थापित करना। लेखक मिलन शिविर का यह 18वां संस्करण हिंदी साहित्य के विविध आयामों को उजागर करेगा, और लेखकों के बीच आपसी सहयोग और संवाद को प्रोत्साहित करेगा। यह शिविर हिंदी भाषा और साहित्य की महत्ता को एक नई ऊँचाई पर ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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