‘जनतंत्र की व्यवस्था में समाजवादी आंदोलन की भूमिका’ विषयक संगोष्ठी
लखनऊ : समाजवादी आंदोलन से ही जनतंत्र का सच्चा विकास हो सकता है| जहां पर सभी नागरिकों को समान भागेदारी का अवसर मिलता है| युवाओं के आगे बढ़कर समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाना होगा| तभी समाज में सद्भाव बढ़ेगा| ‘जनतंत्र की व्यवस्था में समाजवादी आंदोलन की भूमिका’ विषयक संगोष्ठी में यह विचार मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि, साहित्यकार एवं पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह ने प्रकट किए|

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ व्यंग्यकार साहित्यकार डॉ सूर्य कुमार पांडेय ने कविताओं के माध्यम से समाजवाद को परिभाषित किया| उन्होने समाजवाद की विभिन्न धाराओं को समान रूप से जनमानस में प्रसारित करने का आह्वान किया| संगोष्ठी के संयोजक एवं लोहिया के लोग संस्था के विचारक डॉ अंबुज ने सामाजिक जागरूकता को परिवर्तन का आधार बताया| उन्होने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया की तरह ही छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र ने समाज को जगाने का कार्य किया| संगोष्ठी में मुख्य वक्ता राज्य सभा सांसद जावेद अली ने कहा कि जनतंत्र ही समाज और देश को एकजुट रख सकता है| यह देश की एकता के लिए जरूरी है|

डॉ मनीष शुक्ल ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम का आंदोलन क्रांतिकारियों के साथ ही कलमकारों ने भी लड़ा| कलम के सेनानियों ने आजादी की अलख जगाई| कलम आज भी समाज को रोशनी देने का कार्य कर रहा है| पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी के अध्यक्ष डॉ अकेला भाई ने कहा कि भाषाई आंदोलन सदैव जनतंत्र का रक्षक रहा है| इसी प्रक्रिया से समाजवाद आंदोलन आगे बढ़ा है| वरिष्ठ साहित्यकार अलका प्रमोद ने कहा कि समाज को दिशा देने में कलमकारों की अहम भूमिका रही है| वरिष्ठ पत्रकार शशीधर पाठक ने समाज को आगे ले जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को समाजवादी बताया| इस अवसर पर अजय सिंह, लक्ष्मण गुप्ता, दया शंकर, इम्तियाज़, विशाल शुक्ला आदि मौजूद रहे!