Monday, March 10, 2025
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 पुस्तक मेला : माध्यम बदल जाये पर किताबों का महत्व कम नहीं होगा

लखनऊ । रवीन्द्रालय चारबाग लान में आज से नौ मार्च तक चलने वाला लखनऊ पुस्तक मेला प्रारम्भ हो गया। मेले का उदघाटन यूपी मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशीलकुमार ने किया। बाल साहित्य थीम पर आधारित मेले में साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियों का सिलसिला भी प्रारम्भ हो गया। सांस्कृतिक गतिविधियों में आज रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा की कथक संरचना मेरे रघुवर का प्रदर्शन विशिष्ट रहा।

उदघाटन करते हुए मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कहा कि किताबों का महत्व कभी कम नहीं हो सकता, माध्यम जरूर बदल सकता है। आज जरूरत है किताबों को डिजिटल में लाने की। कुछ प्रकाशकों ने यह काम शुरू भी कर दिया है। उन्होंने 60 से पार लोगों के लिए किताबें और मीडिया सामग्री तैयार करने का आह्वान करते हुए कहा कि मेट्रो के दरवाजे केवल पुस्तक मेलों ही नहीं, हर प्रतिभा, हर कलाकार के लिये प्रदर्शनात्मक आयोजनों  और फोटो शूट, डाक्यूमेंट्री फिल्म आदि के लिये खुले हैं। अतिथि राजेन्द्र अग्रवाल ने बच्चों से मोबाइल लेकर उन्हें किताबें पकड़ाने की गुजारिश की। खेल संगठनों से जुड़े टीपी हवेलिया ने बाबा फतेह सिंह जैसे शहीद वीर बालकों का जिक्र किया। इससे पहले ज्योति किरन रतन के संचालन में चले समारोह में संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने 2003 से राष्ट्रीय और 2014 से लखनऊ पुस्तक मेले की शुरुआत का जिक्र करते हुए बताया कि अप्रैल में लखनऊ मेट्रो रेल के बच्चों के लिये विशेषई भी आयोजन करेंगे। आभार मेला निदेशक आकर्ष चंदेल ने व्यक्त किया।

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