एमआईटी के प्रोफेसर जोनाथन फ्लेमिंग ने महिला सशक्तिकरण में भारत के प्रयासों की सराहना की
नई दिल्ली : प्रोफेसर जोनाथन फ्लेमिंग, एमआईटी स्लोअन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, अमेरिका के वरिष्ठ व्याख्याता ने महिला सशक्तिकरण में भारत सरकार के प्रयासों और उल्लेखनीय उपलब्धियों की सराहना की है। आज नई दिल्ली में आईसीएआर पूसा परिसर में नमो ड्रोन दीदियों के साथ बातचीत करते हुए, श्री फ्लेमिंग ने कहा कि वह यह देखकर बहुत उत्साहित हैं कि भारत किस प्रकार से महिला सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है और ऐसा पहल न केवल भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के लिए, बल्कि अन्य देशों के लिए भी प्रेरणादायक है और वे इस अवधारणा से सीख सकते हैं। प्रोफेसर फ्लेमिंग नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा महिलाओं को मिल रहे प्रशिक्षण एवं लाभ प्रक्रिया से बहुत प्रभावित हुए।
ड्रोन दीदियों ने प्रोफेसर फ्लेमिंग को भारत सरकार के प्रयासों के बारे में जानकारी दी कि किस प्रकार से उन्हें ड्रोन तकनीक का उपयोग करने और ड्रोन दीदियां बनने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। प्रोफेसर फ्लेमिंग के साथ बातचीत करते हुए, ड्रोन दीदियों ने बताया कि ड्रोन का उपयोग कैसे उन्हें सघन फसलों में उर्वरक एवं कीटनाशक छिड़कने में सहायता प्रदान करता है, जहां मैनुअल छिड़काव करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने यह भी बताया कि वे ड्रोन दीदी कहलाने में गर्वान्वित महसूस करती हैं और इससे उनकी वित्तीय स्थिति में भी बहुत सुधार हुआ है। ड्रोन दीदियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक महान दूरदर्शी व्यक्ति हैं और वह उनके लिए एक महान योजना लेकर आए हैं।
प्रोफेसर जोनाथन ने आईआरएआई के ड्रोन रोबोटिक और मशीन लर्निंग केंद्र का भी दौरा किया, जहां उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न प्रकार के ड्रोनों का अवलोकन किया जहां उन्हें बताया गया कि वे तकनीक का उपयोग कर किस प्रकार से पारंपरिक कृषि में बदलाव ला रहे हैं। डॉ. रवि साहू, प्रधान वैज्ञानिक, कृषि भौतिकी विभाग, आईआरएआई, नई दिल्ली ने प्रोफेसर जोनाथन को भारत की ड्रोन यात्रा के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की और बताया कि भारत कैसे स्वदेशी ज्ञान एवं आधुनिक प्रौद्योगिकी को कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए एकीकृत कर रहा है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक प्रणाली का आधार है। प्रोफेसर जोनाथन ने इस तकनीकी विकास में बहुत दिलचस्पी व्यक्त की और कहा कि भारत न केवल वर्तमान कृषि प्रणाली में परिवर्तन ला रहा है बल्कि भविष्य में भी निवेश कर रहा है।
श्री रमन वाधवा, उप निदेशक, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ने आगंतुक प्रोफेसर को नमो ड्रोन दीदी योजना के बारे में जानकारी प्रदान की। चार नमो दीदियों अर्थात् सुश्री गीता, सुश्री सीता, सुश्री प्रियंका और सुश्री हेमलता ने अमेरिकी प्रोफेसर के समक्ष आईएआरआई परिसर के खेतों में ड्रोन द्वारा छिड़काव का लाइव प्रदर्शन किया। बाद में मीडिया से बात करते हुए, प्रोफेसर जोनाथन फ्लेमिंग ने कहा कि अमेरिका में ड्रोन प्रोत्साहन योजना के लाभार्थी 100 प्रतिशत पुरुष हैं, जबकि भारत में यह पूरी तरह से विपरीत है क्योंकि सभी लाभार्थी महिलाएं हैं, जो यह दर्शाता है कि भारत प्रौद्योगिकी का उपयोग महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किस प्रकार से कर रहा है। उन्होंने कहा कि “मैं भारत में प्राप्त अपने अद्भुत अनुभवों के साथ अपनी सरकार के लिए बहुत सारे सकारात्मक संदेश लेकर अपने देश वापस जा रहा हूं।”