लेखक : दिलीप कुमार
दुनिया के खुशहाल देशों की लिस्ट में भारत अंतिम पायदान पर आता है. भारत दुःखी देशों की लिस्ट में ऊपर आता है. आम ज़िन्दगी भारत में अवसादपूर्ण होती जा रही है है, आम ज़िन्दगी के अपने संघर्ष भी हैं. अपनी चुनौतियां तो है ही, आजकल लोगों का टीवी देखना बहुत कम हो गया है, फिर भी लोग टीवी, मोबाइल के यूट्यूब पर चिपके हुए कपिल का शो देखते थे. आम लोगों की ज़िन्दगी में गुदगुदाने के लिए यह शो वाकई मददगार था. भले ही एक वर्ग इस शो को खारिज करता हो.
कपिल को भारत के आम लोगों ने खूब प्यार दिया, आम लोगों की ही ताकत थी कि कपिल शर्मा को लोगों ने स्टार बनाया. लेकिन यह भी सच है कि शोहरत आदमी का दिमाग ख़राब कर देती है. कपिल शर्मा अब मध्यमवर्ग की बातेँ करने वाले आम कॉमेडियन, उद्घोषक नहीं रहे. कपिल शर्मा अब ग्रेट हो गए हैं.
अब कपिल शर्मा को देश के आम लोगों का प्यार नहीं चाहिए, अब उनका शो ग्रेट हो गया है. मुझे ऐसा याद नहीं आ रहा कि किसी ने अपने नाम के आगे या शो के आगे ग्रेट लगाया हो… किसी ने लगाया हो तो प्रकाश डालिए.
कपिल शर्मा का शो जब से ग्रेट हो गया तब से शो को दर्शकों का प्यार नहीं मिला… कपिल शर्मा की दीवानगी भारत के आम – मिडिल क्लास, लोअर मिडिल क्लास में देखी जाती थी. कपिल शो में आम मध्यम वर्ग की बातेँ करते थे तो लोगों को लगता था अपने ही आसपास का व्यक्ति है लोग उनके साथ जुड़ पाते थे.
चूकिं अब कपिल ग्रेट हो गए तो उन्हें उस स्तर का मंच भी चाहिए. कपिल का शो टीवी की जगह नेटफ्लिक्स ओटीटी पर चला गया है. आम दर्शकों को नेटफ्लिक्स, आदि का ज़्यादा पता नहीं है, पता भी है तो वो सब्सक्रिप्शन लेगा ही क्यों??? यही कारण है कि दर्शक ही नहीं मिल रहे. अपने दर्शकों को बचा कर रख पाना अपने आप में एक बड़ी साधना है.
अतः महान कपिल शर्मा को ओटीटी की बजाय टीवी पर लौट आना चाहिए, वैसे भी रोज़ का रोज़ दर्शक टीवी से दूर होते जा रहे हैं. ग़र आम लोगों के जेहन से यह शो निकल गया तो फिर न टीवी के रहोगे न ओटीटी के…. और हाँ नाम के पहले ग्रेट ज़रूर हटा देना. बहुत बेसिक बात है, वैसे भी खिताब लिए नहीं जाते दुनिया हमें देती है…