- जेनेटिकली डायवर्स चीता आबादी बढ़ाने की उम्मीद बढ़ी : भूपेन्द्र यादव
नई दिल्ली : इतिहास में यह पहली बार है जब भारत में जन्मे चीते ने सफलतापूर्वक बच्चे पैदा किए हैं। जिससे चीतों का अस्तिव फिर से स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण सफलता मिली है| केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी दी कि इससे भारत में आत्मनिर्भर और जेनेटिकली डायवर्स चीता आबादी बढ़ाने की उम्मीद और मज़बूत हुई| उन्होने प्रोजेक्ट चीता के तहत एक ऐतिहासिक डेवलपमेंट की घोषणा की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर की गई पोस्ट में, श्री यादव ने कहा कि मुखी भारत में जन्मी पहली मादा चीता है, इसकी उम्र 2 साल 9 महीने है। मुखी ने पांच बच्चों को जन्म दिया है, जो भारत की चीतों का अस्तिव फिर से स्थापित करने की पहल की दिशा में यह एक ऐतिहासिक पल है।
श्री यादव ने बताया कि हाल के इतिहास में यह पहली बार है जब भारत में जन्मे चीते ने सफलतापूर्वक बच्चे पैदा किए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना भारतीय वातावरण में इस प्रजाति के अनुकूलन, स्वास्थ्य और लंबे समय तक चलने की मज़बूत निशानियों को दिखाती है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “यह बड़ी बात भारत में आत्मनिर्भर और जेनेटिकली अलग-अलग तरह के चीतों की आबादी बढ़ने की उम्मीद को और पक्का करती है,” उन्होंने बताया कि मां और बच्चे ठीक हैं। श्री यादव ने खुशी के साथ कहा कि यह कामयाबी, भारत के संरक्षण प्रयासों और प्रोजेक्ट चीता के भविष्य की उम्मीदों पर भरोसें को और बढ़ाती है।
