- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से आरएसएस के 100 वर्षों के योगदान को सराहा

लेखक : डॉ मनीष शुक्ल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि राष्ट्र के प्रति निष्वार्थ भाव से समर्पित अनुशासित स्वयंसेवकों का परिवार! saहम आरएसएस को संघ परिवार के नाम से जानते हैं| संघ ने लाखों स्वयंसेवकों को राष्ट्र नायक बनाया है| ऐसे नायक जिन्होने आगे बढ़कर नेतृत्व किया और राष्ट्र को नई दिशा दी| देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने संघ से अपने रिश्तों पर कहा था कि ‘हमारी नाल संघ से जुड़ी है| आरएसएस स्वयंसेवकों का मातृ संगठन है| अटल जैसे राष्ट्र पुरुष संघ की विचार धारा से ओतप्रोत थे| उन्होनेविश्व को नए भारत की झलक दिखाई थी| अब लाल किले की प्राचीर से देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस के योगदान की सराहना की|
देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक के सौ वर्षों के कार्यकाल को याद किया| पीएम ने कहा कि संघ ने 100 साल की राष्ट्र की सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण तरीके से की है। सौ वर्ष किसी भी संस्था को परखने के लिए पर्याप्त समय होता है| इस बीच असंख्य उतार चढ़ाव आए लेकिन संघ के स्वयंसेवक अडिग होकर राष्ट्रसेवा में जुटे रहे| समाज निर्माण का कार्य हो या फिर नए भारत की नींव रखकर विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाना हो, संघ निरंतर कार्य में जुटा रहा| बिना रुके, बिना झुके| देखा जाए तो संघ परिवार आम जनमानस का प्रतिबिंब है| संघ का कार्य बेहद सरल है| सुबह और सायं की शाखा में स्वयंसेवकों को लाकर शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखना| राष्ट्रवादी विचारधारा का आदान प्रदान करना| शाखाओं के आने- जाने के बीच स्वयंसेवकों के बीच जो रिश्ता बनता है जो अमिट- अटूट है| सब मिलकर चुनौती का सामना करते हैं और विपरीत परिस्थितियों में डटे रहते हैं| चाहें प्राकृतिक आपदा हो या देश पर छाया कोई संकट| 24 घंटे निश्वार्थ सेवा प्रदान करना ही लक्ष्य होता है| स्वयंसेवक जाति, धर्म के बंधनों से उठकर एकात्म मानववाद के सिद्धांत को अपनाता है| करोना काल से लेकर हाल ही आई प्राकृतिक आपदाओं के दौरान ये सेवाभाव पूरे राष्ट्र ने देखा है| स्वयंसेवक की दिनचर्या सामान्य होते हुए भी विशेष है| वो नित्य प्रातः अन्य स्वयंसेवकों के साथ शाखा स्थान पर जाता है| फिर शारीरिक खेल और बौद्धिक चर्चा के साथ सभी एक दूसरे के हाल- चाल लेते हैं| सभी एक दूसरे के घर जाकर सुख दुख में खड़े रहते हैं| दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में जन उत्थान के कार्यों में डटे रहते हैं| सौ वर्षों से संघ परिवार ने समाज को इसी प्रकार जोड़ने का कार्य किया है|
संघ ने समाज को जोड़ने के साथ ही राष्ट्र निर्माण के लिए राजनीतिक नेतृत्व तैयार करने का कार्य किया है| आजादी के बाद के दौर में कांग्रेस राजनीतिक रूप से सबसे सशक्त संगठन था| कई दशकों तक इस दल ने सत्ता की कमान संभाली| इसी दौरान देश राजनीतिक अराजकता के दौर में भी फंसा| लोग आपातकाल की चपेट में आ गए| जनता के अधिकार छीन लिए गए| निरंकुश सरकार ने विपक्ष का दमन कर दिया| ऐसे में संघ परिवार ने एकबार फिर आगे बढ़कर समाज को दिशा देने का कार्य किया| जनता का लोकतन्त्र पर विश्वास कमजोर नहीं होने दिया| संघ ने राजनीतिक आनुषंगिक संगठन भारतीय जनता पार्टी का गठन किया| भाजपा के संस्थापक स्वयंसेवक थे| लोकसभा की दो सीटों से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाली भारतीय जनता पार्टी एक दशक में ही भारतीय राजनीति की धुरी बन गई| महज 34 वर्षों में ही भाजपा कांग्रेस के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत से सत्ता हासिल करने वाला दल बन गई| भाजपा आज विश्व के सबसे बड़े सदस्यों वाला राजनीतिक दल है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं| संघ की इसी अद्भुत यात्रा का पीएम ने लाल किले की प्राचीर से स्मरण किया है| पीएम मोदी ने कहा कि गर्व के साथ मैं इस बात का जिक्र करना चाहता हूं| आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। 100 साल संघ की राष्ट्र सेवा बहुत ही गौरवपूर्ण है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर मातृभूमि के लिए अपना जीवन समर्पित किया| सेवा, समर्पण संगठन और अप्रतिम अनुशासन जिसकी पहचान रही है। ऐसा आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज विश्व के सबसे चर्चित और लोकप्रिय नेताओं में शुमार है| पीएम के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में देश ने नई गौरव गाथा लिखी| आज भारत के नजरिए को समूची दुनियाँ सम्मान देती है| भारत पिछले एक दशक में आर्थिक और जियो पोलिटिकल वैश्विक शक्ति बनकर उभरा है| दुनियाँ के अधिकांश देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया| खास बात ये है कि पीएम मोदी भी संघ परिवार की देन हैं| देश को मोदी जैसा कुशल नेतृत्व देने वाले भाजपा के शलाका पुरुष लाल कृष्ण आडवाणी संघ के ही स्वयंसेवक हैं| उन्होने न सिर्फ राम मंदिर निर्माण के लिए रथ यात्रा निकाली, राष्ट्र का सांस्कृतिक जागरण भी किया| पीएम नरेंद्र मोदी ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सपनों को साकार किया है| आज देश का जनमानस राम मंदिर को साक्षात देख रहा है जिसको कभी काल्पनिक करार दे दिया गया था| धारा 370 के खात्मे की बात हो, एक समान नागरिक संहिता हो या फिर आपरेशन सिंदूर कर पाकिस्तान ही नहीं समूचे विश्व को अपने शौर्य का परिचय देना हो| भारत अपनी क्षमता दिखाकर विकसित होने की दिशा में रफ्तार पकड़ चुका है| भारत को 2047 तक विकसित बनाना ही लक्ष्य है| यही संघ की विचारधारा है| इसी योगदान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्वतन्त्रता दिवस का मौके पर लाल किले की प्राचीर से याद किया है|