नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी जब- जब विदेश जाते हैं तो वहाँ दिये गए उनके बयान देश में तूफान ला देते हैं| इस बार भी राहुल अपने अमेरिका दौरे पर विदेश के प्रतिनिधिमंडल, विश्वविध्यालय के छात्रों और बुद्धिजीवियों से मिल रहे हैं| इस बीच उनके बयान भी आ रहे हैं| लेकिन राहुल के बयान भारत में लगातार विवाद का विषय बनते जा रहे हैं| सिखों के पहनावे से लेकर पीएम मोदी और आरएसएस पर की गई उनकी टिप्पढ़ी चर्चा में हैं| भाजपा से लेकर बसपा ने उनके बयानों पर पलटवार किया है|
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती उन्हें छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही हैं| मायावती ने आज सुबह यानी 11 सितंबर को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए लिखा है कि राहुल गांधी अब कह रहे हैं कि वे आरक्षण के विरोधी नहीं हैं, जो कि पूरी तरह से गुमराह करने वाला बयान है. बीजेपी से पहले, केंद्र में 10 साल उनकी सत्ता थी. तब कांग्रेस पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर SC/ST का प्रमोशन में आरक्षण विधेयक पास नहीं होने दिया था. यह इस बात का प्रमाण है कि वे आरक्षण के विरोधी हैं| मायावती ने कहा कि उनकी ओर से देश में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाने की बात भी छलावा है, क्योंकि अगर उनकी नीयत साफ होती, तो कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में यह कार्य जरूर कर लिया गया होता. कांग्रेस ने न तो OBC आरक्षण लागू किया और न ही SC/ST आरक्षण को सही से लागू किया. उन्होंने आरोप लगाया कि जब कांग्रेस सत्ता में नहीं होती, तो इन उपेक्षित SC/ST/OBC वर्गों के वोट के स्वार्थ की खातिर इनके हित और कल्याण की बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन जब सत्ता में रहती है, तो इनके हित के विरुद्ध लगातार काम करती है. इन लोगों के इस षडयंत्र से सजग रहना चाहिए| दूसरी ओर राहुल गांधी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है| वे खुद आरक्षण के समर्थक हैं और चाहते हैं कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाई जाए| वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी कांग्रेस नेता के बयान पर निशाना साधा है|