- स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का राष्ट्रीय वेबिनार
नई दिल्ली : विश्व पर्यावरण दिवस पर स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (डीओएसईएल) के सचिव श्री संजय कुमार ने 4 जून 2025 को शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित “वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने” पर एक राष्ट्रीय स्तर के वेबिनार की अध्यक्षता की। मिशन लाइफ के तहत इको क्लबों के तत्वावधान में आयोजित इस वेबिनार का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और अन्य संबंधित पक्षों के बीच पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाना, प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को संबोधित करना और सतत जीवनशैली को बढ़ावा देना था।
डीओएसईएल के सचिव श्री संजय कुमार ने दीर्घकालिक पारिस्थितिक जिम्मेदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “पौधे लगाना ही पर्याप्त नहीं है; उनका जीवित रहना भी महत्वपूर्ण है।” उन्होंने छात्रों से पेड़ों की देखभाल करने और समुदायों को स्थिरता प्रयासों में शामिल करने का आग्रह किया, साथ ही खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करने वाले माइक्रोप्लास्टिक्स से उत्पन्न स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में भी चेतावनी दी।
इस सत्र में पर्यावरण शिक्षा केंद्र के निदेशक श्री कार्तिकेय वी. साराभाई ने प्लास्टिक प्रदूषण पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन की एक समग्र रणनीति प्रस्तुत की, जो “कम करें, पुन: उपयोग करें, पुनर्चक्रण करें, अस्वीकार करें, पुनर्प्राप्त करें, पुनः उपहार दें, मरम्मत करें और पुनर्विचार करें” जैसे सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने आगे बताया कि पर्यावरण के प्रति जागरूक नागरिकों को विकसित करने के लिए स्कूल महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र हैं।
अपने समापन भाषण में, डीओएसईएल की संयुक्त सचिव डॉ. अमरप्रीत दुग्गल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय के रूप में वृक्षारोपण के महत्व पर जोर दिया, खासकर वर्तमान पारिस्थितिक चुनौतियों के मद्देनजर। एनसीईआरटी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. चोंग शिमरे ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
वेबिनार को यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम किया गया, जिससे देश भर के छात्रों और शिक्षकों की व्यापक भागीदारी संभव हुई। स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग पर्यावरण शिक्षा और सक्रिय छात्र भागीदारी के प्रति अपनी व्यापक प्रतिबद्धता के तहत ऐसे प्रयासों को लगातार बढ़ावा देता आ रहा है, ताकि विद्यालय समुदाय जलवायु कार्रवाई, सतत विकास और पारिस्थितिकीय जिम्मेदारी के क्षेत्र में अग्रणी बना रहे।