रही कविताओं की गूंज, हुआ विमोचन और सम्मानित हुए प्रतिभागी
लखनऊ, 9 मार्च। अगले वर्श फिर आने के वादे के साथ रवीन्द्रालय चारबाग में एक मार्च से चल रहा लखनऊ पुस्तक मेला विदा हो गया। मोटे अनुमान के मुताबिक मेले में कुल 25 लाख रुपये की पुस्तकें बिकीं। अंतिम दिन आज रविवार के नाते मेले में छात्र-छात्राओं के संग पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ रही।
मेले को एक अच्छा अनुभव बताते हुए मेला निदेशक आकर्ष चंदेल ने बताया कि मेले में 25 लाख रुपये से अधिक की पुस्तकों की बिक्री हुई। बच्चों और युवाओं की भागीदारी मेले में सर्वाधिक रही।
समापन समारोह में चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट, दिव्यांश पब्लिकेशंस, नवपल्लव, अदित्रि बुक्स, राष्ट्रधर्म प्रकाशन, नमन प्रकाशन, नवपल्लव, बोधरस प्रकाशन आदि अन्य प्रतिभागी प्रकाशनों, वितरकों और यूपी त्रिपाठी, ज्योति किरन रतन आदि सहयोगियों को अतिथियों के साथ मेला संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने स्मृति चिह्न प्रदान किये।
इससे पहले मंच पर शुभि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक काशी शैविज्म का विमोचन प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना डा.कुमकुम धर ने किया। पुस्तक के लेखक गौतम चटर्जी ने बताया कि उनकी किताब कला, अध्यात्म और दर्शन को रेखांकित करती है। प्रो.प्रकाश ने कहा कि पुस्तक विषय पर लेखक की गहन पैठ से निकली है। डा.कुमकुम धर ने नृत्य में नटराज के ताण्डव और लास्य के महत्व को बताया। इस अवसर पर लमही के सम्पादक विजय राय, कला वसुधा के सम्पादक शाखा बंद्योपाध्याय आदि उपस्थित थे। इससे पहले सुबह लक्ष्य संस्थान का कवि सम्मेलन उमेश चन्द्र दुबे की अध्यक्षता में चला। डा.शरद कुमार पाण्डेय शशांक के संचालन में मानस मुकुल त्रिपाठी मानस, कुलदीप शुक्ल, मंगल सिंह, विश्वम लवलीन, सुनील कुमार वाजपेई, सीमा, मिशा सिह नवल, अनुजा मनु, गायत्री जोशी अरुणिमा, प्रवीण कुमार शुक्ल गोबर गणेश, मनमोहन बाराकोटी, शिवमंगल सिंह मंगल, श्याम मिश्र, कृपाशंकर श्रीवास्तव विश्वास, सुनील कुमार वाजपेयी व डा.निशा सिंह ने रचनाएं पढ़ीं। मेले में फोर्स वन बुक्स के साथ यूपीएमआरसी लखनऊ मेट्रो, रेडियो सिटी, ओरिजिंस, विजय स्टूडियो, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, लोकआंगन, विश्वम फाउंडेशन, समग्र एंटरप्राइज़ेज, पृथ्वी इनोवेशन, किरन फाउंडेशन, सिटी एसेंस, ट्रेड मित्र, प्लांटिलो आदि के सहयोग रहा।