Wednesday, May 7, 2025
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किताबों में समाया आत्मिक उन्नति का ज्ञान

रवीन्द्रालय चारबाग में लखनऊ पुस्तक मेला : तीसरा दिन

लखनऊ । किताबें सिर्फ सच्ची दोस्त ही नहीं कहलातीं, गुरु के दिये मंत्र के समान उनका एक वाक्य पूरी जिन्दगी बदल देता है। रवीन्द्रालय चारबाग लान में नौ मार्च तक चलने वाले लखनऊ पुस्तक मेले में ऐसी अनेक किताबें हैं जो न सिर्फ पाठकों की समस्याएं सुलझा सकती हैं, बल्कि उन्हें नयी राह दिखा सकती हैं। रोज सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी इस मेले में हर किताब पर न्यूनतम 10 प्रतिशत छूट मिल रही है। कहीं-कहीं ये छूट 20 प्रतिशत भी है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत कल शाम यहां हास्य नाटक सब गोलमाल है मंचित होगा। 

मेले में धर्म-अध्यात्म से जुड़ी किताबों के स्टाल तो हैं ही, आध्यात्मिक प्रेरणा देने वाली किताबें करीब-करीब हर स्टाल पर हैं। गीता प्रेस गोरखपुर के स्टाल की आत्मकल्याणक धार्मिक पुस्तकों में पुराणों से लेकर श्रीरामचरितमानस का विशिष्ट संस्करण है। योगदा सत्संग सोसायटी के स्टाल पर परमहंस योगानंद की योगी कथामृत, आत्म साक्षात्कार की यात्रा और मानसिक अशान्ति कारण एवं निवारण आदि पुस्तकें हैं। यहां छूट 20 प्रतिशत है। रामकृष्ण मठ के स्टाल पर स्वामी रामकृष्ण परमहंस और युवाओं के प्रेरक स्वामी विवेकानंद का लोकप्रिय  साहित्य है जो युवाओं को पसंद आ रहा है। स्टाल-16 पर प्रचुर मात्रा में कबीर साहित्य के अलावा अन्य आध्यात्मिक पुस्तकें हैं। विलायत पब्लिकेशन के स्टाल पर इस्लामिक थाट्स, औरत का मरतबा, लाइफ स्टाइल जैसी अनेक किताबें अंग्रेजी, हिन्दी और उर्दू में 20 प्रतिशत डिस्काउंट पर उपलब्ध हैं।

मेला मंच के प्रमुख कार्यक्रमों में शाम को रचनाकार महेंद्र भीष्म के सद्य प्रकाशित कथा संग्रह कोई नया नाम दो की जेठा आदि कहानियों की विवेचनात्मक चर्चा डा.रिंकी ने की। इसी क्रम में महेंद्र भीष्म के संचालन और अशोक चौधरी की अध्यक्षता में पं.बृजमोहन अवस्थी स्मृति कृति और कृतिकार कार्यक्रम चला। मुख्य अतिथि डा.गुरु शेखर और संयोजक अनिल कुमार उपाध्याय के अलावा साहित्यकार  दयानंद पांडेय, राष्ट्रवादी चिंतक डा.विद्या सागर उपाध्याय, साहित्यकार डा.सत्या सिंह ह्यूमन, केवल प्रसाद सत्यम, कवि आशीष कुलश्रेष्ठ, उपन्यासकार सुरभि सिंह और कवयित्री रेनू शुक्ला ने अपनी पुस्तक रचनाओं को लेकर अपनी बात रखी। साथ ही साथ इन लेखकों की कृतियों पर अपनी समीक्षात्मक दृष्टि डा.रिंकी ने प्रस्तुत की।

ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन व लोकआंगन के संयोजन में चले नृत्य नाट्य संगीत समारोह में अपराजिता जज्बा जीत का ने नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया। निर्णायक मंडल में मुख्य रूप से ज्योति किरण रतन, शिप्रा चंद्रा तथा अंजू यादव सम्मिलित रहे। पुस्तकों के प्रति रुचि विषयक ओपन माइक सत्र चलाया तो डा.अनुपमा श्रीवास्तव ने रचनाकारों को सम्मानित भी किया। मेले में पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम में लोगों को खरीदारी में कपड़े के थैला इस्तेमाल करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। यहां थैला वापस करने पर जमा राशि वापस भी की जा रही है और कपडे़ लाने पर थैला सिलकर भी दिया जा रहा है।

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