Thursday, November 21, 2024
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दुनियाँ में शांति का झंडाबरदार भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन- रूस के बीच युद्ध को समाप्त कराकर शांति के नोबल विजेता बन सकते हैं|

मनीष शुक्ल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुप्रतीक्षित यूक्रेन दौरा समाप्त हो चुका है| विश्व युद्ध की आशंकाओं के बीच इस दौरे पर दुनियाँ भर की निगाहें लगी थी। अमेरिका और रूस दोनों के नजरिए से पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा अति महत्वपूर्ण है| संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतेरेस ने आशा व्यक्त की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा संघर्ष समाप्त करने में योगदान देगी। उधर व्हाइट हाउस ने भी यात्रा को शांति की उम्मीद भरा कदम बताया है| खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत शांति और प्रगति की राह में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है| ऐसे में पीएम मोदी दोनों देशों के बीच युद्ध को समाप्त कर शांति के नोबल विजेता बन सकते हैं|

हाल ही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा पर गए थे तो अमेरिका समेत दुनियाँ भर के कई देशों ने सवाल खड़े किए थे| तब ज़ेलेंस्की ने भी इस दौरे की आलोचना करते हुए कहा था कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का ऐसे गले लगना शांति वार्ताओं की कोशिशों को झटका है| अगर देखा जाए तो रूस भारत का पारंपरिक और विश्वसनीय मित्र है| चीन के साथ हमारे सम्बन्धों के चलते भी भारत रूस मैत्री महत्वपूर्ण है| फ़रवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने रूस से संबंधों को कायम रखा है और दोनों देशों के बीच कारोबार नई ऊंचाइयों तक पहुंच गया है| ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति की आशंका उचित भी थी लेकिन ठीक इसी समय में भारत ने रूस का खुलकर समर्थन नहीं किया और पश्चिमी देशों से अपने संबंधों को भी बनाए रखा| पश्चिमी देशों ने भी भारत पर बहुत ज़्यादा दबाव नहीं डाला या डालने की कोशिश की तो भारत झुका नहीं| भारत की संतुलित विदेश नीति कहें या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वैश्विक विजन लेकिन भारत रूस और पश्चिमी देशों के बीच समान रिश्ते बनाने में कामयाब रहा है|  इसी कारण भारत और रूस के भरोसेमंद रिश्तों के बीच भी मार्च 2024 में यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा भारत दौरे पर आए थे| और अब 1991 में यूक्रेन की स्थापना के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पहली बार यहाँ यात्रा की| पीएम मोदी ने युद्ध क्षेत्र में जाकर स्पष्ट कर दिया कि भारत शांति कि स्थापना के लिए कुछ भी कर सकता है| ऐसे में अब अब पूरी दुनियाँ को भरोसा हो गया है कि भारत इस युद्ध की ज्वाला को शांत कर सकता है और दुनियाँ को विश्व युद्ध की आशंकाओं से निकालकर प्रगति के पाठ पर ले जा सकता है|

कीएव इंडिपेंडेंट से विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगलमैन ने लिखा है कि भारत को रूस के सबसे भरोसेमंद साथी के तौर पर देखा जाता है| भारत से आर्थिक सहयोग की बात की जाए तो रूस के मुकाबले यूक्रेन काफ़ी पीछे है| हालांकि कीएव इंडिपेंडेंट न्यूज़ वेबसाइट की रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 साल के रिश्तों में ये पहली बार है, जब कोई भारतीय पीएम यूक्रेन आए हैं|  भारत भू-राजनीतिक स्तर पर तेज़ी से ताक़तवर बन रहा है|  रूस के यूक्रेन पर आक्रमण शुरू होने के बाद से भारत अब तक किसी एक तरफ़ नज़र नहीं आया है| ऐसे शांति की उम्मीद जगने लगी है|  

भारत ने भी रूस और यूक्रेन दोनों देशों के साथ समान रिश्ते बनाकर ये संदेश दे दिया है| पीएम मोदी न कहा है कि दुनिया अच्छी तरह जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाई थीं| हमारी पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी| मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जिस प्रकार की भी जरूरत होगी, उसके लिए भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे चलेगा| हमने जो दूसरा रास्ता चुना है, वह युद्ध से दूर रहना है, हम बहुत दृढ़ता से युद्ध से दूर रहे हैं, लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हम तटस्थ थे| हम तटस्थ नहीं थे, हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष है शांति! हम बुद्ध की धरती से आते हैं जहां युद्ध के लिए कोई स्थान नहीं है|  हम महात्मा गांधी की भूमि से आते हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है| आज मैं यूक्रेन 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं लेकर आया हूं,| 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं मानवता से प्रेरित हैं| आज मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे को विश्व शांति की पहल के रूप में देखा जा रहा है| अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने कहा कि भारत अमेरिका का एक मजबूत साझेदार है| उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन में संघर्ष को खत्म करने की कोशिश में मददगार बनने के इच्छुक किसी भी अन्य देश का स्वागत करता है| न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी भारत की विदेश नीति को सराहा और लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी युद्धग्रस्त रूस और यूक्रेन, दोनों के साथ अपने संबंधों को सावधानीपूर्वक बनाकर चल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंतोनियो गुतेरेस ने आशा व्यक्त की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा संघर्ष समाप्त करने में योगदान देगी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तीन प्रस्तावों में रूसी सैन्य अभियान को समाप्त करने और यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर आक्रमण रोकने की मांग की है।

उधर पीएम मोदी ने छह हफ्ते पहले रूस के दौरे के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गले लगाया था तो अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की को गले लगाकर साफ कर दिया है कि भारत के लिए मानव और मानवीय मूल्य सर्वोपरि हैं| निश्चित रूप से भारत और पीएम मोदी का यह प्रयास दुनियाँ को शांति के पथ पर चलने के लिए प्रेरित करेगा और आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर कल का निर्माण करने में सहायक साबित होगा|    

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