Monday, September 16, 2024
Homeफिल्मब्लॉकबस्टर "आराधना" फिल्म शक्ति सामंत  बनाना ही नहीं चाहते थे...

ब्लॉकबस्टर “आराधना” फिल्म शक्ति सामंत  बनाना ही नहीं चाहते थे…

दिलीप कुमार

स्तंभकार

आराधना एक ऐसी फिल्म थी, जिसमें राजेश खन्ना को सुपरस्टार बनाया, यह एक ऐसी फिल्म थी, जिसने शर्मिला टैगोर को एकलौता फिल्म फेयर पुरूस्कार दिलाया, आराधना एक ऐसी फिल्म थी, जिसने किशोर दा को बॉलीवुड में फिर से स्थापित कर दिया. जिसने शक्ति सामंत को उबारा ही नहीं बेस्ट फीचर फिल्म का फिल्म फेयर अवॉर्ड दिलाया।

दिलचस्प किस्सा है आराधना का आराधना के निर्देशक /निर्माता शक्ति सामंत आराधना बनाना ही नहीं चाहते थे. इस फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले ही कैंसिल होने वाली थी. 1969 की बात है, जब शक्ति सामंत आर्थिक विपत्ति ग्रस्त हो गए थे. उनकी एक फिल्म रीलिज हुई थी “एन इविनिंग इन पेरिस” शानदार फिल्म थी. रिलीज होने के तीन दिन बाद  पूरे देश में थियेटर मालिकों ने हड़ताल कर दिया. यह वो दौर था जब कोई ओटीटी, ऑनलाइन का ज़माना नहीं था, डीवीडी भी नहीं बिकती थीं, फिल्म को केवल थियेटर में ही देख सकते थे. फिल्म रिलीज होने के बाद का तीन हफ्ते का समय फिल्म बिजनैस के लिए सबसे बढ़िया होता है. इत्तेफ़ाक स्ट्राइक भी तीन हफ्ते तक चली, इस स्ट्राइक ने शक्ति सामंत को मुश्किल में डाल दिया था.

एक मुश्किल और हुई शक्ति सामंत के साथ उनकी अगली फिल्म शम्मी कपूर के साथ “जाने अनजाने ” शुरू होने वाली थी अचानक  शम्मी कपूर की पत्नी गीता बाली का निधन हो गया शम्मी कपूर अपनी पत्नी के निधन से महीनों के लिए डिप्रेशन में चले गए. वो अभी कोई फिल्म की शूटिंग करने के मूड में नहीं थे. शक्ति सामंत ने स्थिति को समझते हुए सोचा कि फिल्म की शूटिंग को डिले कर देंगे. शक्ति सामंत से सोचा कि तब तक एक छोटी सी फिल्म बना देते हैं, जिसका नाम है “आराधना”, इसको बनाने के लिए उन्होंने नए एक लड़के राजेश खन्ना को साइन किया. आराधना फिल्म से पहले राजेश खन्ना ने तीन फ़िल्मों में काम किया था.  चेतन आंनद की आख़िरी खत, नासिर हुसैन की बहारों के सपने,  जीपी सिप्पी की राज, में काम किया था, तीनों फ्लॉप हो चुकी थी, फिर भी शक्ति सामंत ने राजेश खन्ना को साइन किया, क्योंकि उनको बहारो के सपने में उनको राजेश का काम अच्छा लगा था. आराधना की कहानी सचिन भौमिक ने लिखी थी, यह फिल्म हॉलीवुड की एक फिल्म की कहानी से प्रेरित प्रेरित थी, यह फिल्म 1946 में रीलिज हुई थी फिल्म का नाम था,  “टू ईच हिज ओन”,

राजेश खन्ना शक्ति सामंत के घर फिल्म नरेशन के लिए पहुंचे तो उनको जो स्टोरी सुनाई गई वो प्रमुख स्टोरी नहीं थी, क्योंकि राजेश खन्ना एंटरवल तक का रोल राजेश खन्ना करने वाले थे, उसके बाद का हिस्सा बाद में वो बने. उन्होंने यह फिल्म शुरू तो किया मजबूरी में लेकिन अब उनके लिए एक समस्या खड़ी हो गई नए राजेश खन्ना के साथ कोई स्थापित नाम चाहिए जिससे डिस्ट्रीब्यूटर को फिल्म बेचने में आसानी हो. उन्होंने अप्रोच किया शर्मिला टैगोर को जो उस समय स्थापित ऐक्ट्रिस थीं, और शक्ति सामंत के साथ तीन हिट फ़िल्मों में काम कर चुकी थीं. शर्मिला टैगोर ने शक्ति सामंत को साफ मना कर दिया. फिल्म करने से क्यों कि वो नहीं चाहती थीं कि उनको 25 साल की उम्र में लोग बुढ़ी समझें क्यों कि बाद में उनको उसी फिल्म में राजेश खन्ना की माँ का रोल भी करना था. तब उन्होंने हाल के दिनों में बिकनी फोटो शूट कराया था वो नहीं चाहती थीं कि उनकी हॉट छवि दर्शकों के मन से उतरे. वॊ स्थापित ऐक्ट्रिस थीं, वो नहीं चाहती थीं कि वो न्यू कमर राजेश खन्ना के साथ काम करें, आखिरकार शक्ति सामंत ने मना लिया.

हीरो – हीरोइन मिल चुके थे, तब शक्ति सामंत  शूटिंग शुरू करना चाहते थे. एक दिन पहले शक्ति सामंत अपने ऑफिस में बैठे थे, यह ऑफिस बंबई के फेमस स्टुडियो में था फेमस स्टुडियो में बड़े – बड़े फिल्म निर्माताओं के भी ऑफिस थे. उसी स्टुडियो में अनिल कपूर के पिता सुरेन्द्र कपूर का भी ऑफिस था. उन्होंने तब एक फिल्म बनाई थी, शशि कपूर स्टार्टर एक श्रीमान एक श्रीमती, जो 1969 में रिलीज हुई. उन्होंने शक्ति सामंत को अपनी फिल्म दिखाई की देखिए कैसी है. फिल्म का क्लाईमेक्स उनकी आराधना जैसे ही था, देखकर शक्ति सामंत का दिमाग खराब हो गया,क्योंकि इस फिल्म का लेखन आराधना के ही लेखक सचिन भौमिक ने ही किया. उन्होंने सचिन को बुलाया और शिकायत किया कि यह जो कहानी आप ने लिखी है आराधना के लिए वो पहले ही सुरेंद्र कपूर बना चुके हैं. सचिन ने समझाने की कोशिश किया, कि थोड़ा बहुत मिलती है पूरी एक जैसी नहीं है. उन्होंने सचिन भौमिक को जाने के लिए कह दिया, और फेमस स्टुडियो के बाहर गुस्से में टहलने लगे! चूँकि फेमस स्टूडियो में बड़े – बड़े फिल्म निर्माताओं के ऑफिस थे, तो वहां फिल्मी हस्तियों का आना-जाना लगा रहता था.

वहीँ उनको दो लेखक मिले,”गुलशन नंदा” जो “सावन की घटा ” लिख शक्ति सामंत के लिए चुके थे, , मधुसूदन, जो उनकी फिल्म “जाने अनजाने” लिख रहे थे. दोनों ने शक्ति सामंत को कहा कि हम आपकी मदद करेंगे और आपका क्लाईमेक्स लिखने एवं सुधारने में मदद करेंगे. गुलशन नंदा से शक्ति सामंत ने पूछा कि तुम्हारे पास कोई कहानी है, तत्काल! चाहिए. गुलशन नन्दा ने कहा कि मेरे पास एक कहानी है तीनों उनके ऑफिस पहुंचे, उन्होंने एक एक नई कहानी का एक घंटे तक नरेशन किया. वह स्टोरी कटी पतंग की थी, जब शक्ति सामंत ने यह कहानी सुनी तो उन्होंने कहा यह फिल्म बनाना है,अराधना नहीं बनाऊँगा. गुलशन नंदा ने पूछा आराधना की कहानी मे क्या दिक्कत है? शक्ति सामंत ने गुलशन नंदा को बताया, उसी दिन शक्ति सामंत के घर तीनों पहुँचे रात दो बजे कहानी पर री – वर्क किया, और कहानी फ़ाइनल हुई कि राजेश खन्ना जो इंटरवल तक का रोल करने वाले थे, वो अब बाद का भी रोल करेंगे, राजेश खन्ना का डबल रोल बनाया गया. डिस्ट्रीब्यूटर ने मना कर दिया कि यह फिल्म फ्लॉप हो जाएगी,हम पैसा नहीं फंसा सकते. कुछ दिनों तक तनातनी चली बाद में सब ठीक रहा, क्योंकि शक्ति सामंत आत्मविश्वासी थे और पक्के थे, कि फिल्म हिट होगी. बाद में फिल्म वैसे ही रिलीज हुई जैसे बनी थी, तय समय पर रिलीज हुई. दिल्ली में इस फिल्म ने तहलका मचा दिया था, एक हफ्ता बाद मुंबई में रिलीज हुई तब तक यह फिल्म ब्लॉकबस्टर हो चुकी थी. इस फिल्म के गीतों ने पूरे बॉलीवुड को एक दिशा दी, शक्ति सामंत को बेस्ट फीचर फिल्म के लिए बतौर निर्माता बेस्ट फिल्म का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला. इस फिल्म के बाद से राजेश खन्ना सुपरस्टार बन चुके थे, फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. आराधना फिल्म अपने आप में एक फिल्म सिलेबस है. शक्ति सामंत निर्देशित राजेश खन्ना अभिजीत फिल्म कालजयी मानी जाती है. राजेश खन्ना के जीवन का मील पत्थर साबित हुई बाद में कटी पतंग पर काम शुरू हुआ, राजेश खन्ना ने सीनियर आशा पारिख के साथ पर्दे पर रोमांस करते हुए हिन्दी सिनेमा में तहलका मचा दिया था, और बॉलीवुड को मिला पहला सुपरस्टार राजेश खन्ना जिनका स्टारडम सोचकर आज भी रोमांच से भर जाते हैं. फिल्मी सफर जारी रहेगा.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments