- उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन प्रथम रामोजी उत्कृष्टता पुरस्कार 2025 समारोह में शामिल हुए
- रामोजी राव एक दूरदर्शी राष्ट्र निर्माता थे : उपराष्ट्रपति
हैदराबाद : उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने आज तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थित रामोजी फिल्म सिटी में आयोजित प्रथम रामोजी उत्कृष्टता पुरस्कार 2025 के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
रामोजी उत्कृष्टता पुरस्कार सात श्रेणियों में प्रदान किए गए: ग्रामीण विकास के लिए श्रीमती अमला अशोक रुइया को; युवा आइकन के लिए श्री श्रीकांत बोल्ला को; विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रो. माधवी लता गली को; मानवता की सेवा के लिए श्री आकाश टंडन को; कला और संस्कृति के लिए प्रो. सथुपति प्रसन्ना श्री को; पत्रकारिता के लिए श्री जयदीप हार्डिकर को; और महिला उपलब्धि के लिए श्रीमती पल्लबी घोष को पुरस्कार प्रदान किए गए।
उपराष्ट्रपति श्री सी.पी. राधाकृष्णन ने अपने संबोधन में कहा कि रामोजी उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में उपस्थित होना सम्मान और सौभाग्य की बात है, जो रामोजी समूह के स्थापना दिवस और इसके संस्थापक श्री रामोजी राव की जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि श्री रामोजी राव एक दूरदर्शी व्यक्ति थे, जिन्होंने विचारों को संस्थाओं में तथा सपनों को सच्चाई में बदल दिया। वे न केवल मीडिया और संचार के क्षेत्र में अग्रणी थे, बल्कि एक राष्ट्र निर्माता भी थे, जो सूचना, रचनात्मकता और उद्यम की शक्ति में गहरा विश्वास करते थे।
उपराष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि ईनाडु से लेकर रामोजी फिल्म सिटी तक, ईटीवी नेटवर्क से लेकर अनेक अन्य उपक्रमों तक, श्री रामोजी राव के कार्यों ने भारतीय पत्रकारिता, मनोरंजन और उद्यमिता में क्रांति ला दी। उन्होंने यह भी कि सत्य, नैतिकता और उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता देश भर की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
उन्होंने कहा कि रामोजी उत्कृष्टता पुरस्कार की शुरूआत ऐसी शख्सियत के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है, जो उत्कृष्टता के प्रतीक, दूसरों को प्रेरित करने वाले और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करता है।
मीडिया की भूमिका पर विचार करते हुए, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला प्रेस एक जागरूक नागरिक वर्ग को बनाए रखने में केंद्रीय भूमिका निभाता है। सूचना की अधिकता और गलत सूचनाओं से भरे इस युग में, उपराष्ट्रपति ने सत्यनिष्ठ, नैतिक और ज़िम्मेदार पत्रकारिता के महत्वपूर्ण महत्व पर ज़ोर दिया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे देश प्रधानमंत्री के “विकसित भारत @ 2047” के विज़न की ओर अग्रसर है, मीडिया संगठनों को नवाचार, स्टार्ट-अप, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण परिवर्तन की कहानियों को उजागर करके राष्ट्र निर्माण में भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि सत्य और निष्पक्षता मीडिया संस्थानों का आधार बने रहना चाहिए।
उन्होंने नशा मुक्त भारत बनाने और नागरिकों को असली और नकली समाचारों के बीच अंतर करने में मदद करने में मीडिया की प्रमुख भूमिका पर भी जोर दिया, विशेष रूप से एआई में तेजी से प्रगति के इस युग में।
उपराष्ट्रपति ने इन पुरस्कारों की स्थापना के लिए रामोजी समूह की सराहना करते हुए कहा कि वे स्मृति को प्रेरणा में तथा विरासत को उद्देश्यपूर्ण कार्य में परिवर्तित करते हैं। उन्होंने सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी और उन्हें उत्कृष्टता का अग्रदूत बताया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी उपलब्धियां अन्य लोगों को प्रेरित करेंगी। संबोधन का समापन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस समारोह में न केवल उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों का जश्न मनाया गया, बल्कि इस शाश्वत सत्य को भी बल मिला कि जब उत्कृष्टता को ईमानदारी और उद्देश्यपूर्ण तरीके से अपनाया जाता है, तो यह राष्ट्र और मानवता दोनों के लिए लाभदायक होता है।
इस कार्यक्रम में तेलंगाना के राज्यपाल श्री जिष्णु देव वर्मा; पूर्व उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू; तेलंगाना के मुख्यमंत्री श्री ए. रेवंत रेड्डी; आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन. चंद्रबाबू नायडू; केंद्रीय कोयला और खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी; केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू; पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री एन.वी. रमना, रामोजी समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री चौधरी किरण, प्रमुख फिल्मी हस्तियां और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे
