डिब्रुगढ़: साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर नागेन सैकिया लाखों युवाओं के प्रेरणा श्रोत हैं| कई साहित्यिक निबंध, लघु कथाएँ, उपन्यास, किताबें और लेखों के रचयिता सैकिया को उनके लघु कथा संग्रह अंधरात निज़ार मुख के लिए 1997 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था| उनको साहित्य अकादमी का फेलो सम्मान दिया गया है जो देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था, साहित्य अकादमी द्वारा सबसे प्रतिष्ठित भारतीय लेखकों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है । केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रख्यात विद्वान, साहित्यकार एवं विचारक डॉ. नागेन सैकिया से डिब्रूगढ़ स्थित उनके आवास पर मुलाकात की तथा उनके स्वास्थ्य का हालचाल जाना तथा विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
डॉ. सैकिया के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हुए, श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “डॉ. नागेन सैकिया के दर्शन और अमूल्य योगदान ने राष्ट्रीय जीवन को समृद्ध किया है और युवा पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। उनसे मिलना, उनका आशीर्वाद प्राप्त करना और उनकी बुद्धिमानी भरी सलाह से लाभ उठाना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। उनके शब्द सचमुच प्रेरणादायक रहे हैं।”