न्यूयार्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने फैसले को लेकर लगातार चर्चा में रहते हैं। ट्रम्प ने पहले गरीब अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगातार भारत समेत उनके देशों में भेजा। अब अमीरों को अमेरिका में बसाने के लिए ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा स्कीम जारी की है। फिलहाल दुनियाभर के अमीरों के लिए 35 साल पुराने ईबी-5 वीजा की जगह “गोल्ड कार्ड” वीजा प्लान पेश किया गया। इस नए वीजा प्लान में 5 मिलियन डॉलर निवेश करने वाले को अमेरिका में नागरिकता पाने का मौका मिलेगा। ट्रंप के इस कदम से अमेरिकी ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय नागरिकों में चिंता बढ़ गई है। मौजूदा ईबी-5 वीजा के तहत विदेशी निवेशकों को ऐसे व्यवसाय में लगभग 1 मिलियन डॉलर का निवेश करना होता है जो कम से कम 10 नौकरियां पैदा करता हो। वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि “ट्रम्प गोल्ड कार्ड” दो सप्ताह में EB-5 वीजा की जगह ले लेगा। EB-5 को 1990 में कांग्रेस द्वारा विदेशी निवेश उत्पन्न करने के लिए बनाया गया था। EB-5 की संख्या सीमित है लेकिन गोल्ड कार्ड को लेकर ऐसी कोई लिमिट तय नहीं की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप 10 मिलियन “गोल्ड कार्ड” बेच सकते हैं। भारत के सबसे अमीर लोगों के लिए गोल्ड कार्ड वीजा गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह EB-5 निवेशक वीजा या H-1B से ग्रीन कार्ड प्रक्रिया की तुलना में अमेरिकी निवास के लिए बहुत तेज और आसान मार्ग प्रदान करता है।
ट्रंप ने गरीब अवैध प्रवासियों को निकालकर अमीरों के लिए खोला अमेरिका का दरवाजा
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