Sunday, November 16, 2025
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बोत्सवाना ने भारत को आठ चीते भेंट किए, राष्ट्रपति ने प्रतीकात्मक विमोचन देखा

  • राष्ट्रपति ने बोत्सवाना में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया

नई दिल्ली : भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बोत्सवाना के राष्ट्रपति, महामहिम एडवोकेट ड्यूमा गिदोन बोको के साथ आज सुबह (13 नवंबर, 2025) मोकोलोडी नेचर रिजर्व का दौरा किया। दोनों नेताओं ने भारत और बोत्सवाना के विशेषज्ञों की ओर से घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को क्वारंटाइन केंद्र में छोड़े जाने के दृश्य को देखा। यह कार्यक्रम ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत बोत्सवाना की ओर से भारत को आठ चीतों के प्रतीकात्मक दान का प्रतीक है। यह आयोजन वन्यजीव संरक्षण में भारत-बोत्सवाना सहयोग में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। बाद में, अलग-अलग बैठकों में, बोत्सवाना के उपराष्ट्रपति महामहिम नदाबा नकोसिनथी गौलाथे और अंतर्राष्ट्रीय संबंध मंत्री माननीय डॉ. फेन्यो बुटाले ने राष्ट्रपति से मुलाकात की।

नई दिल्ली रवाना होने से पहले, राष्ट्रपति ने गाबोरोन में भारत के उच्चायुक्त द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में बोत्सवाना में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया। इस अवसर पर जल शक्ति और रेल राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना तथा सांसद श्री प्रभुभाई नगरभाई वसावा और श्रीमती डी. के. अरुणा भी उपस्थित रहे।

भारतीय समुदाय के उत्साही सदस्यों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के लोगों को उनके योगदान पर गर्व है। वे भारत के सच्चे सांस्कृतिक राजदूत हैं, जो कड़ी मेहनत, ईमानदारी और सद्भाव के उन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो भारत और बोत्सवाना दोनों की पहचान हैं। उन्होंने उनसे भारत के साथ अपने संबंधों को मज़बूत करते हुए बोत्सवाना की प्रगति में योगदान जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें ओसीआई योजना और प्रवासी भारतीय दिवस जैसी पहलों का लाभ उठाने और भारत के विकास में अपने अनुभव साझा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और बोत्सवाना के बीच संबंध विश्वास, सम्मान और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि बोत्सवाना के राष्ट्रपति बोको के साथ चर्चा के दौरान, उन्होंने यह निर्णय लिया कि भारत और बोत्सवाना व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में और अधिक सहयोग करेंगे। अंगोला और बोत्सवाना जैसे दो अफ्रीकी देशों की सफल यात्रा के बाद, राष्ट्रपति के 14 नवंबर की सुबह नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है।

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