Sunday, September 14, 2025
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22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : दसवां दिन

डा.एसएन गुप्ता सहित अनेक हस्तियां व 108 साहित्यकार सम्मानित

रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा के कथक से सजी शाम

पुस्तक प्रेमियों ने खरीदीं मनपसंद किताबें

लखनऊ, 13 सितंबर। बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग पर चल रहा 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला समापन की दहलीज़ पर है।
ग्यारहवें दिन हिन्दी दिवस पर कल रात मेला विदा ले लेगा।
पुस्तक प्रेमियों से गुलजार मेले में लोग अपनी पसंद के हिसाब से किताबें खरीदते दिखे। बाराबंकी के विनय ने दलित साहित्य की 15 पुस्तकें खरीदीं।
मधूलिका ने शुभि प्रकाशन से जय शेट्टी की संन्यासी की तरह सोचें और रोजर की फर्स्ट थिंग्स फर्स्ट किताब खरीदी। इंटर स्टूडेंट अवंतिका और प्रभात ने बाइनाकुलर जैसे कुछ उपकरण पसंद किए। नन्हीं ऋचा, क्षिति और आरव ने कलरिंग बुक और कहानियों की किताबें लीं।
मेला मंच पर आज निखिल प्रकाशन के पर्यावरण चेतना व सम्मान समारोह में 108 हिन्दी साहित्यकारों को सम्मानित करने के पश्चात बंगाल के सेवानिवृत्त शिक्षक सुकुमार जैन की बांग्ला पुस्तक कविता कहानी का संग्रह काकोली का विमोचन हुआ।
शाम को पुस्तक मेला समिति और द ट्रिब्यून का सम्मान समारोह हुआ। समारोह में कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो.एमएलबी भट्ट, जबलपुर विधि विधि के प्रो.बलराज चौहान, ग्वालियर के प्रो.ए सिंह, पीएफ आयुक्त एके गुप्ता, शिक्षाविद् रचना मेहरोत्रा जैसे अतिथियों और संयोजक मनोज सिंह चंदेल व केपी सिंह व केपी सिंह ने स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों को अंगवस्त्र व स्मृति चिह्न देकर उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित
किया। इनमें श्वास रोग विशेषज्ञ डा.एसएन गुप्ता, डा.ममता गुप्ता, डा.अरवीन तुलसी, डा.फराह अरशद, डा.केबी जैन, डा.एएम सिद्दीकी, डा.देवेश कोहली, डा.अमित कुमार निरंजन, जसवंत सिंह, नितिन भाटिया, सिटी एसेंस पत्रिका की ईशा सिंह, डा.रिंकी पाठक, रामशंकर वर्मा, अर्चना राय, रचना मित्रा, डा.तुषार चेतावनी, मधुलिका अग्रवाल, मधुमिता मुखर्जी, अंजना स्वामी और शिल्पी जैन आदि शामिल थे।
शाम को वाणी प्रकाशन से निकली रतन श्रीवास्तव रतन की पुस्तक ख्वाबों का
ताना बाना का विमोचन हुआ। अंत में भुशुण्डि साहित्य संस्थान का कार्यक्रम हुआ।

बिजली सी गति में रतन सिस्टर्स का मोहक कथक

मेले में रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा के डांस ग्रुप की शास्त्रीय कथक और अन्य नृत्य प्रस्तुतियों में बिजली सी चपलता दिखी।
ईशा-मीशा ने रुद्राष्टकम में शिव का वंदन स्तवन किया। राम वंदना के संग सूफी रंगत में छाप तिलक सब छीन्हीं… भी अलग अलग रंगों में रही।
शिष्याओं अनुष्का सिंह रिद्धिमा श्रीवास्तव ने गणेश वंदना और काहे छेड़ पर नृत्य किया।

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