- अखिल भारतीय साहित्य परिषद, महानगर लखनऊ की संगोष्ठी
लखनऊ: अखिल भारतीय साहित्य परिषद, महानगर लखनऊ के द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया आत्मबोध से विश्वबोध विषय पर चिंतन करते हुए वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये। अध्यक्ष निर्भय नारायण गुप्त, की उपस्थित मे एवं डा ममता पंकज के संचालन मे प्रवीण कुमार,श्रीवास्तव प्रेम,पायल लक्ष्मी सोनी,डाॅ अलका अस्थाना अमृतमयी’, ज्योति किरन रतन, शैलेन्द्र प्रताप अवस्थी,आशीष पाण्डेय, माधुरी महाकाश,दिनेश सिंह,डॉ ममता पंकज, मृगांक श्रीवास्तव,महेन्द्र भीष्म, ज्योत्स्ना विपाठी, आर्यावर्ती सरोज आर्या, गोपाल नारायण श्रीवास्तव निर्भय नारायण गुप्त, संतोष कुमार कौशल , सजीव श्रीवास्तव,मानस मुकुल त्रिपाठी।

संस्कारो, आचार-विचार, लव जिहाद जैसी बातो को उठाते हुए संगोष्ठी प्रारंभ हुई। गोस्वामी जी के मानस मे राम और रावण के चरित्रों के माध्यम से विश्व स्तर पर आत्म बोध के प्रचार प्रसार से विश्वबंधुतव की भावना का विकास कैसे किया जा सके ।इस पर गहन चर्चा हुई। शंकराचार्य, स्वामी विवेकानंद, महात्मा बुद्ध, जैसे महान चरित्रो के आत्म बोध चिंतन को आधार बनाकर सारगर्भित विस्तृत चर्चा हुई।