Sunday, March 9, 2025
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पुस्तक मेला : सब गोलमाल है ने किया लोटपोट,  लगा स्वास्थ्य शिविर

लखनऊ। नये दौर की मोटीवेशनल किताबें अब केवल उपदेश, किस्से कहानियांं या मनोविज्ञान तक ही सीमित नहीं रह गयीं, नये लेखकों ने न्यूरो साइंस की बारीकियां भी उनके भीतर उड़ेल दी हैं। रवीन्द्रालय चारबाग लान में नौ मार्च तक चलने वाले लखनऊ पुस्तक मेले के स्टालों पर ऐसी ही किताबों का जखीरा  है। मेले में प्रवेश निःशुल्क है। सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक जारी मेले में हर किताब पर न्यूनतम 10 प्रतिशत और कहीं-कहीं इससे ज्यादा छूट मिल रही है।

आपाधापी भरी आज की तनाव भरी जिंदगी में प्रेरक किताबें व्यक्ति में नयी ऊर्जा भरती हैं। जिससे आप अपनी जीवंतता में सुधार ला सकें, सुकून हासिल कर सकें और खुद पर भरोसे भरी आज़ादी के साथ समाज में योगदान और सफलता के कीर्तिमान रच सकें। मेले में नेपोलियन हिल की सफलता की सीढ़ियां, मधुर जाकिर हल्लेगुआ की 100 प्रेरक देसी कहानियां, राबिन शर्मा की 5 एएम क्लब, दैनिक प्रेरणा, दि एवरी डे हीरो और मुट्ठी में तकदीर, जैन येगर की हाउ टू फिनिश एवरीथिंग, ब्रायन ट्रेसी की समय को साधें, अवि योरिश की नेक्स्ट, शिव खेड़ा की जीत आपकी और सुहानी शाह की जानिये जैसी किताबें जयको पब्लिशिंग, दिव्यांश पब्लिकेशंस, पद्म बुक, रितेश बुक, बीइंग बुकिश, याशिका, एंजेल बुक, नवपल्लव बुक, त्रिदेव बुक्स, अदित्रि बुक सहित अन्य स्टालों पर हैं। सफलता के सूत्र गढ़ने में इन किताबों में न्यूरोसाइंस पर आधारित तकनीकें हैं, ताकि पाठक अपनी मुश्किलों को जीत में, डर को एक तरह से ईंधन में और अतीत के घावों को रोज़ाना की हिम्मत में तब्दील कर सकें।

फोर्स वन बुक्स के साथ यूपीएमआरसी लखनऊ मेट्रो, रेडियो सिटी, ओरिजिंस, विजय स्टूडियो, ज्वाइन हैण्ड्स फाउण्डेशन, लोकआंगन, विश्वम फाउंडेशन, समग्र एंटरप्राइज़ेज, पृथ्वी इनोवेशन, किरन फाउंडेशन, सिटी एसेंस, ट्रेड मित्र, प्लांटिलो आदि के सहयोग से हो रहे मेले में आज एमिटी यूनिवर्सिटी की ओर से मानसिक स्वास्थ्य पर सहायक प्रोफेसर अंशुमा दुबे के मार्गदर्शन में शिविर लगाया गया। इसमें चिंता, तनाव, सिजोफ्रेनिया जैसे विषयों पर क्लीनिकल साइकोलॉजी विभाग के छात्र-छात्राओं ने पुस्तक प्रेमियों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया।

’सब गोलमाल है’ ने खूब हंसाया

ज्वॉइन हैण्डस फाउण्डेशन और लोकआंगन के तत्वावधान में चल रहे नृत्य नाट्य संगीत उत्सव में राजकुमार अनिल के लिखे और नितेश कुमार के निर्देशन में मंचित हास्य नाटक ’सब गोलमाल है’ ने सबको खूब हंसाया। ये प्रस्तुति नाट्यशाला फाउंडेशन व ओमश्री गणपति सेवा सामाजिक संस्था की थी।सहज हास्य से भरपूर इस नाटक में लालच न करने का संदेश छुपा है। शुरुआत में सेठजी के घर में उनकी बेटी अकेले रहती है। पैसों का हिसाब किताब, घर और बेटी के देखभाल के लिए मुंशी रामजी को रखा है। छटंकी उनके घर का मस्त मौला नौकर है। वह घर अपना समझता है इसलिए सेठजी और राम जी सहित सबसे ऊंची आवाज में बात कर लेता है‌। पड़ोसी प्रेम कुमार जो है वह सेठजी की लड़की यानी प्रिया से बहुत प्यार करता है और शायरियां लिखता रहता है, लेकिन सेठजी अपने एक सड़क दुर्घटना में स्वर्गवासी दोस्त दीनानाथ के इकलौते बेटे मलय कुमार से बेटी की शादी कराना चाहते हैं। स्वार्थी मुंशी रामजी लालच में नकली मलय कुमार बनाकर मुकेश को पेश कर देते हैं कि मुकेश से शादी हो जाए और प्रॉपर्टी मेरे हाथ लग जाए। मुकेश गरीब आर्टिस्ट है। तभी असली मलय कुमार वहां उपस्थित होता है। दिलचस्प हालात में परिस्थितिजन्य हास्य पैदा होता है जो दर्शकों को गुदगुदाता है। अंत में पूरी सच्चाई सबके सामने आती है। नाटक में मंच पर पहले मलय कुमार की भूमिका में आरुष जयशंकर व दूसरे मलय कुमार की भूमिका में नितेश कुमार के साथ सेठजी- सुरेश श्रीवास्तव, मुंशी रामजी- राजवीर गॉड, नौकर- कृष्ण कुमार पांडे, कवि प्रेमकुमार- शक्ति वर्मा और प्रिया के रूप में कनिष्का उतरीं। मंच के पीछे के कार्यों में कलाकारों के साथ कोरियोग्राफी व ड्रेस शिखा शाह की और ध्वनि प्रभाव हिमेश कश्यप के रहे।

बेटियों को सुरभि कन्या शक्ति सम्मान

सुरभि कल्चरल ग्रुप द्वारा शैलेन्द्र सक्सेना के संयोजन में सुरभि कन्या शक्ति सम्मान और नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यहां नृत्य, खेल, साहित्य आदि क्षेत्र की 15 होनहार बेटियों स्वरा त्रिपाठी, दुआ फातिमा, सिया सिंह, अंशिका राय, मन्नत अशरफ, जन्नत अशरफ, इवलीन कौर, अर्शजोत कौर, शिक्षा अग्रवाल, आराध्या दूबे, खुशप्रीत कौर, कृतिका सिंह का सम्मान किया गया|

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