लखनऊ : यूको बैंक अंचल कार्यालय लखनऊ द्वारा संकल्प राजभाषा कार्ययोजना 2024-25 के अंतर्गत नराकास लखनऊ के तत्वावधान में ‘यूको बैंक जी डी बिड़ला स्मृति व्याख्यानमाला किया गया। व्याख्यानमाला का विषय ‘विकसित भारत @ 2047’ था। मुख्य अतिथि के रूप में श्री अरंविंद मोहन, कला संकायाध्यक्ष लखनऊ विश्वविद्यालय ने विस्तार से इस विषय पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।

गणमान्य अतिथियों में प्रो०(डॉ०) अरविंद मोहन, कला संकायाध्यक्ष लखनऊ विश्वविद्यालय एवं प्रो०(डॉ०) योगेन्द्र प्रताप, हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय उपस्थित थे। मुख्य अतिथि प्रो०(डॉ) अरविंद मोहन ने भारतीय अर्थवयवस्था के विकास के विभिन्न चरणों का वर्णन करते हुए विकसित भारत @2047 के लिए भारतीय अर्थव्यवसथा के लिए आवश्यक कारकों पर बात करते हुए ग्रामीण विकास और मानव संसाधन के विकास को आवश्यक बताया । उन्होंने बिना रोज़गार सृजन के विकास पर चिंता व्यक्त की । उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस देश की जितनी आवश्यकता है उससे कहीं अधिक महिलाओं की आवश्यकता इस देश को है।
यूको बैंक लखनऊ अंचल के अंचल प्रमुख श्री आशुतोष सिंह ने विकसित भारत के लिए आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला एवे अन्य विकसित देशों की अर्थव्यवस्थाओं की विशेषताओं को तुलनात्मक रूप से प्रस्तुत किया। प्रो०(डॉ०)योगेनद्र प्रताप सिंह ने इस अवसर पर यूको बैंक की राजभाषा हिंदी में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
यूको बैंक अंचल कार्यालय द्वारा इस अवसर पर ‘यूको राजभाषा सम्मान” भी दिया गया। लखनऊ विश्व विद्यालय के हिंदी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग की परास्नातक हिंदी परीक्षा में सर्वाधिक अंक पाने वाली दो छात्राओं सुश्री मानसी श्रीवास्तव एवं सुश्री अंजली कुश्वाहा को ‘यूको राजभाषा सम्मान’ दिया गया। सम्मान स्वरूप 5000/- का ड्राफ्ट और स्मृति चिहृन प्रदान किया गया।
यूको बैंक द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (बैंक) लखनऊ के तत्वावधान में आयोजित समाचार वाचन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। प्रतियोगिता में नराकास लखनऊ के सदस्य कार्यालयों एवं बैंकों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर अंचल कार्यालय लखनऊ द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया । कार्यक्रम में यूको बैंक की शाखाओं एवं अंचल कार्यालय के स्टाफ सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ शिल्पी शुक्ला वरिष्ठ प्रबंधक राजभाषा द्वारा किया गया ।