Monday, March 10, 2025
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 ‘लुक ईस्ट’ नीति ‘एक्ट ईस्ट’ अरुणाचल प्रदेश में अभूतपूर्व विकास  

उपराष्ट्रपति ने कामले जिले में प्रथम संयुक्त मेगा न्योकुम युल्लो समारोह में भाग लिया

 अरुणाचल प्रदेश : भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा है, “कई दशक पहले भारत सरकार ने ‘लुक ईस्ट’ नीति शुरू की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ‘एक्ट ईस्ट’ में बदल दिया है क्योंकि केवल देखना ही काफी नहीं है; कार्रवाई भी ज़रूरी है। जब कार्रवाई की जाती है, तो हम उल्लेखनीय बदलाव देखते हैं। चाहे हवाई यात्रा हो, हवाई अड्डे हों, रेलवे और सड़क संपर्क हो या फिर 4जी नेटवर्क की उपलब्धता हो – ये सभी अरुणाचल प्रदेश में प्रगति के संकेतक हैं।”

अरुणाचल प्रदेश के कामले जिले के काम्पोरिजो सर्कल में मुख्य अतिथि के रूप में प्रथम संयुक्त मेगा न्योकुम युल्लो समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा, “अरुणाचल प्रदेश में 50,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। एक मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 10 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि अरुणाचल प्रदेश में 5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। किरेन जी में निश्चित रूप से कोई जादू है। उन्होंने प्रधानमंत्री को यह विश्वास दिलाने में सफलता प्राप्त की और आप सभी से इस अवसर का लाभ उठाने, सहयोग करने और हमारी संस्कृति को संरक्षित करने का आग्रह किया। ऐसे परिदृश्य में, मैं यहां आकर वास्तव में काफी प्रसन्न महसूस कर रहा हूं।”

उपराष्ट्रपति ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत के इतिहास में पहली बार बौद्ध समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया है, और एक बौद्ध नेता को कैबिनेट मंत्री का पद भी दिया गया है। इस ऐतिहासिक घटनाक्रम ने संपूर्ण विश्व को मजबूत संदेश दिया है।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह प्रगति इस तथ्य की पुष्टि करती है कि भारत अद्वितीय राष्ट्र है, और हमें राष्ट्रवाद से ओतप्रोत रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “किसी भी परिस्थिति में हम राष्ट्रीय हित, राष्ट्र के प्रति समर्पण या उसकी सेवा करने के अपने संकल्प से समझौता नहीं कर सकते।”

उपराष्ट्रपति ने भारत की सांस्कृतिक एकता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “कोई दूसरा देश भारत जैसा नहीं है। आज आप न्योकुम युल्लो मना रहे हैं, तो होली, बैसाखी, लोहड़ी, बिहू, पोंगल और नवान्न जैसे त्यौहार भी पूरे देश में मनाए जाएंगे। हम भारत में कहीं भी हों, हमारे विचार और परंपराएं एक ही हैं।”

उन्होंने यह भी कहा, “आज भारत मजबूत राष्ट्र है। कोई भी हम पर बुरी नज़र नहीं डाल सकता। हमारे प्रधानमंत्री दुनिया के सबसे प्रमुख नेताओं में से हैं और आप सभी भाग्यशाली हैं कि जिस व्यक्ति पर आपने भरोसा किया है, उसने प्रधानमंत्री का भी विश्वास जीता है। 140 करोड़ लोगों के देश में, जहां पर केंद्रीय मंत्रिमंडल में दो दर्जन से अधिक मंत्री हैं, किरेन जी का बार-बार मंत्रिमंडल में शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि अरुणाचल प्रदेश में हर स्थिति और परिस्थिति में निरंतर विकास हो रहा है।”

उन्होंने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के योगदान की सराहना करते हुए कहा, “किरेन रिजिजू जी केंद्र में वरिष्ठ और प्रभावशाली मंत्री हैं। वे चार बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। और इसीलिए मैं कहता हूं कि किरेन जी, आपने फ्रंटियर हाईवे का सपना देखा था। आपका वह सपना सच होगा। मैं जानता हूं कि अरुणाचल प्रदेश के लिए आपके पास किस तरह का दृष्टिकोण है और आपने कितने महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।”

उपराष्ट्रपति ने अरुणाचल प्रदेश की अपनी पिछली यात्रा को याद करते हुए कहा, “मैं जब पहली बार अरुणाचल प्रदेश आया था तब राज्य की स्थापना का उत्सव मनाया जा रहा था। मैं भारत की आपकी गौरवशाली जनजातियों को देखकर मंत्रमुग्ध हो गया था।”

भारत सरकार के केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू, श्री रोटम तेबिन, विधायक, 25-रागा, श्री ताना शोरेन, अध्यक्ष, न्यीशी एलीट सोसाइटी, श्री एचके शल्ला, अध्यक्ष, तानी सुपुन डुकुन, श्री गुची संजय, अध्यक्ष, प्रथम संयुक्त मेगा न्योकुम युलो उत्सव समिति, बोसिमला, श्री रब कारा दानी, सहायक महासचिव, केंद्रीय न्योकुम समिति और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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