लखनऊ। भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) का 58वां स्थापना दिवस बुधवार को लखनऊ में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान के पूरा छात्रों ने कैंपस में बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि आईआईएमसी ने एक व्यक्ति के तौर पर समाज में किसी भी विषय को समग्रता में देखने की दृष्टि प्रदान की। वहां का छात्र होना गौरव का विषय है। आईआईएमसी की दखल न केवल भारत में है बल्कि एशिया से आगे बढ़कर अनेक वैश्विक मंचों तक फैला हुआ है। आईआईएमसी, पत्रकारिता के विभिन्न पाठ्यक्रमों के साथ भारतीय सूचना सेवा में प्रशिक्षित कैडर के माध्यम से देश में जनसंचार अपनी प्रतिष्ठा और प्रभाव को लगातार बढ़ा रहा है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मणेन्द्र मिश्रा ने कहा कि आईआईएमसी की पत्रकारिता से संविधान और लोकतंत्र लगातार सशक्त हो रहा है। 58 साल पहले संस्थान की नींव जिन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डाली गई थी, उसे आज बखूबी पूरा किया है। यूपी चैप्टर संस्थान की गरिमा को बढाने की दिशा में अनेक नवाचार करता रहेगा। बैठक में केक काटा गया और मिठाईयां वितरित की गई। इस अवसर पर कमलेश राठौर, भाई शैली, भाष्कर सिंह, रंजीत सिन्हा, इम्तियाज़ अहमद, ऋषि सिंह, अरुण वर्मा, प्रभात सिंह, अमित, खुर्शीद मिस्बाही, अभिषेक गुप्ता सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
उधर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि भारतीय जन संचार संस्थान ने आज अपने गौरवशाली इतिहास के 58 वर्ष पूरे किए हैं। किसी भी संस्थान की जीवंतता का प्रमाण है एक दूसरे से जुड़े रहना और कोरोना के कठिन समय में भी आईआईएमसी परिवार एक दूसरे के साथ जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी इसी भावना से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का निर्माण संभव हो सकता है। तकनीक ने हमें जो सुविधा दी है, उसका फायदा हमें उठाना चाहिए और मिलजुलकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।