रामायण और महाभारत काल से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक बाराबंकी ने अपनी भूमिका निभाई है। आजादी के बाद इस जिले एक से बद्धकर एक राजनेता दिये। जिन्होने जिले से लेकर देश की राजनीति को प्रभावित किया। बाराबंकी आज भी सियासी रूप से बेहद जागरूक और सजग दिखता है। इसलिए 2012 के चुनाव में मतदाताओं ने यहाँ की सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी की साइकिल दौड़ाकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनवा दी थी। वहीं 2017 के विधान सभा चुनाव में यहाँ पर मोदी मैजिक चला था। जिसके बाद पूरे बाराबंकी में कमल खिल गया था।
पूर्वांचल के द्धार के रूप में प्रसिद्ध बाराबंकी जिला लखनऊ से सटा है। इसीलिए यहां की सियासत का असर पूरे सूबे में नजर आता है। साधु, संतों और बुद्धिजीवियों और नवाबों की इस भूमि में 24 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक मतदाता किसी भी दल के लिए भाग्य विधाता साबित होते हैं। यहाँ की सियासत में कुछ समय पहले तक बेनी बाबू यानी बेनी प्रसाद वर्मा का जलवा हुआ करता था। उनके निधन के बाद सुपत्र सपा के दिग्गज नेता बन गए हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के रक्षा मंत्री ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में यहीं की हाइडरगारह सीट से ऐतिहासिक जीत हासिल की थी।
सपा सरकार में मंत्री रहे अरविंद सिंह गोप भी इसी जिले से राजनीति करते हैं और उनका मुक़ाबला उनकी पार्टी के ही बेनी बाबू के बेटे और पूर्व कारागार मंत्री राकेश वर्मा से रहता है। इस बार भी दोनों की आपसी टकराहट के कारण सीट बदलकर चुनाव लड़ाया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने बाराबंकी जिले की सभी छह विधानसभा सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जिले की रामनगर, दरियाबाद और कुर्सी से तो भाजपा ने वर्तमान विधायकों को ही एक बार फिर मौका दिया है, लेकिन हैदरगढ़ सीट से विधायक बैजनाथ रावत का टिकट भाजपा ने काट दिया है। बैजनाथ रावत का टिकट काटकर बीजेपी ने यहां से नए चेहरे पर दांव लगाया है। इसके अलावा बाराबंकी की सदर विधानसभा सीट से भी बीजेपी ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है और जिला उपाध्यक्ष अरविंद मौर्य को यहां से टिकट दिया है। इसके अलावा जैदपुर विधानसभा सीट से भाजपा ने 2019 के उपचुनाव में उप विजेता रहे अमरीश रावत को एक बार फिर मौका दिया है।
जिले का कुर्सी विधान सभा क्षेत्र 2012 से पहले फतेहपुर विधानसभा के रूप में जाना जाता था। परिसीमन के बाद कुर्सी ग्राम पंचायत के नाम पर इस विधानसभा का नाम पड़ा। कुर्सी विधानसभा सीट पर परसीमन के बाद पहला चुनाव 2012 में हुआ। यहां ब्राह्मण आठ प्रतिशत, क्षत्रिय सात, कायस्थ पांच, वैश्य दो, मुस्लिम 21, अन्य सामान्य एक, यादव 13, कुर्मी 12, मौर्या दो, लोध 0.5, निषाद 0.5, अन्य पिछड़ा दो, गौतम दस, रावत 15 और अन्य एक प्रतिशत मतदाता हैं। इस चुनाव में जातीय समीकरण के चलते समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। वहीं 2017 की मोदी लहर में बीजेपी के साकेंद्र ने सपा प्रत्याशी को 28679 मतों से हरा दिया।
बाराबंकी की हॉट सीट माने जाने वाली रामनगर विधानसभा सीट पर दो पूर्व मंत्रियों ने दावेदारी की थी। दोनों को टिकट न मिलने पर पार्टी में फूट के आसार थे। इसीलिए सपा सुप्रीमो ने दोनों में से किसी भी पूर्व मंत्री को न देकर नए चेहरे को टिकट दे दिया है। रामनगर सीट से दावेदारी दावेदारी कर रहे कुर्मी वोटों के सरबराह रहे बेनी बाबू के पुत्र राकेश वर्मा को कुर्सी विधानसभा से और क्षत्रिय-ठाकुरों के बड़े नेता पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप को दरियाबाद से टिकट देकर बाराबंकी समेत आसपास के जिलों में सपा का समीकरण साधा है।
जैदपुर विधानसभा सीट परिसीमन से पहले मसौली विधानसभा सीट के रूप में जानी जाती थी। इस सीट पर मोहसिना किदवाई के परिवार का लंबे समय तक दबदबा रहा था। इस सीट पर अब तक सिर्फ दो बार चुनाव हुए हैं और एक बार उपचुनाव हुआ है। इस सीट पर हुए दोनों चुनावों में सपा और बीजेपी की जीत हुई है। पिछले उपचुनाव में यह सीट भाजपा के हाथ से छीन गई और सपा ने फिर से कब्जा कर लिया। 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी उपेंद्र रावत चुनाव जीते थे। तब कांग्रेस ने पीएल पुनिया के बेटे तनुज पुनिया को उम्मीदवार बनाया था। बाद में बाराबंकी लोकसभा सीट से उपेंद्र रावत भाजपा से सांसद चुन लिए गए जिसके चलते रिक्त हो गई। 2019 में ही उपचुनाव कराए गए। तब सपा ने गौरव रावत ने भाजपा के अमरीश रावत को 4509 वोटों से हराकर सपा की वापसी करा दी थी।
दरियाबाद विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता राजा राजीव सिंह सदमे में थे। इसके बाद कुछ दिन पहले उनका निधन हो गया। 26 सालों तक विधायक रहे सपा नेता व हड़हा स्टेट के राजा राजीव कुमार सिंह 2017 में मोदी लहर में दरियाबाद विधानसभा सीट से बीजेपी के युवा प्रत्याशी सतीश चंद शर्मा से चुनाव हार गए थे। राजीव सिंह इस बार समाजवादी पार्टी से अपने बेटे रितेश सिंह के लिए इस सीट से टिकट मांग रहे थे। लेकिन सपा ने उनके बेटे रितेश सिंह ‘ रिंकू’ का टिकट काटकर उनकी जगह पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है।
बाराबंकी के मुहाने पर हैदरगढ़ इलाका पड़ता है अब अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो चुकी हैदरगढ़ सीट की खासियत है कि यहां से वर्तमान में देश के रक्षा मंत्री और पूर्व में प्रदेश की गद्दी संभाल चुके राजनाथ सिंह विधायक चुन कर आ चुके हैं। यहां से सपा के पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप भी विधायक रहे हैं। फिलहाल भाजपा के मौजूदा विधायक को लेकर यहाँ नाराजगी भी है। जिसके बाद उनका टिकट कट दिया है। आइए नजात डालते हैं जिले के राजनीतिक समीकरण पर।
——————————–
कुर्सी
कुर्सी विधानसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें एक- एक बार भाजपा और सपा को जीत मिली थी। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से सकेंद्र प्रताप वर्मा ने समाजवादी पार्टी के फरीद महफ़ूज किदवई को 28679 वोटों से हराया था। तब इस विधान सभा में कुल 41.26 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के फरीद महफूज किदवई ने बीएसपी की कुमारी मीता गौतम को मात दी थी। बीजेपी की राजलक्ष्मी तीसरे स्थान पर रही थीं। जबकि पीइसीपी के मनोज कुमार सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।
———————————-
कुर्सी
विधानसभा संख्या- 266
कुल मतदाता —- 393688
वर्तमान विधायक — सकेंद्र प्रताप वर्मा (भाजपा)
———————————
रामनगर
इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक सिर्फ दो बार विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें एक बार भाजपा औए एक बार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से शरद कुमार अवस्थी ने समाजवादी पार्टी के अरविंद कुमार सिंह गोप को 22727 वोटों से हराया था। इस चुनाव में यहाँ कुल 39.87 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के अरविंद सिंह गोप ने जीत दर्ज की थी। बीएसपी के अमरेश कुमार को गोप ने हराया था। कांग्रेस के कुंवर रामवीर सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि पीइसीपी के मनोज कुमार सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।
———————-
रामनगर
विधानसभा संख्या- 267
कुल मतदाता —- सवा तीन लाख (लगभग)
वर्तमान विधायक —- शरद कुमार अवस्थी (भाजपा)
————————————-
बाराबंकी
इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद केवल समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है। 2017 के विधान सभा चुनाव में यहाँ समाजवादी पार्टी से धर्मराज सिंह यादव उर्फ सुरेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी के सुरेंद्र सिंह को 29705 वोटों से हराया था। इस चुनाव में यहाँ कुल 40.54 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के धर्मराज सिंह ने बीएसपी के संग्राम सिंह को शिकस्त दी थी। कांग्रेस के छोटेलाल यादव तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीजेपी के संतोष सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।
——————–
बाराबंकी
विधानसभा संख्या — 268
कुल मतदाता —- 331731
वर्तमान विधायक — धर्मराज सिंह (सपा)
————————————-
जैदपुर
जैदपुर विधानसभा सीट पर 2017 के चुनाव में भाजपा के उपेंद्र सिंह रावत के पहली बार जीत हासिल की थी। बाद में वो सांसद चुन लिए गए। इसके बाद 2019 के उप चुनाव में एकबार फिर भाजपा और सपा का मुक़ाबला हुआ जिसमें सपा के गौरव कुमार ने भाजपा के अमृद्ध को 4165 वोटों हराकर सबको चौंका दिया। इस चुनाव में यहाँ 35.28 प्रतिशत वोट पड़े थे।
साल 2012 में सीट के अस्तित्व में आने के बाद से दो बार विधानसभा चुनाव व एक बार उप चुनाव हुआ है। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के राम गोपाल ने बीएसपी के वेद प्रकाश रावत को हराया था। कांग्रेस के बेजनाथ रावत तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि चौथे स्थान पर रहे बीजेपी के राम नरेश रावत रहे थे।
—————————-
जैदपुर सुरक्षित
विधानसभा संख्या- 269
कुल मतदाता —- 379754
वर्तमान विधायक —- 2019- उपचुनाव- गौरव कुमार (सपा)
— 2017 विस चुनाव उपेंद्र सिंह (भाजपा)
————————————-
दरियाबाद
बाराबंकी जिले की इस सीट पर हुए पिछले चार विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को दो बार जीत मिली है। जबकि दो बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को भी जीत मिली है। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से सतीश चंद्र शर्मा ने समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार सिंह को 50686 वोटों से हराया था। इस चुनाव में यहाँ कुल 46.81 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार सिंह ने बीएसपी के विवेकानंद को हराया था। कांग्रेस के राकेश शर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीजेपी के सुंदर लाल दीक्षित चौथे स्थान पर रहे थे। 2002 के चुनाव में राजीव कुमार सिंह भाजपा के टिकट पर विजयी रहे थे। 2007 के चुनाव से पहले सिंह ने सपा का दामन थामा था और बसपा के विवेकानंद को हराया था। 2022 के चुनाव से पहले पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक राजीव सिंह का निधन हो गया।
————————————–
दरियाबाद
विधानसभा संख्या- 270
कुल मतदाता —- 358346
वर्तमान विधायक —- सतीश चंद्र शर्मा (भाजपा)
————————————-
हैदरगढ़
इस विधानसभा सीट पर 2017 के विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बैजनाथ रावत ने समाजवादी पार्टी के राम मगन को 33520 वोटों से हराया था। यहाँ चार विधानसभा चुनावों में दो बार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है। जबकि दो बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली। फिलहाल सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। 2017 में हैदरगढ़ (सुरक्षित) में कुल 45.52 प्रतिशत वोट पड़े थे । 2012 में 16वीं विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के राम मगन ने बीएसपी के राम नरायण को मात दी थी। बीजेपी के कपिल देव सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के आर के चौधरी चौथे स्थान पर रहे थे। 2007 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के अरविंद सिंह गोप ने बीजेपी के सुंदर लाल दीक्षित को हराया था। बीएसपी के आशुतोष अवस्थी तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के रामभीख त्रिवेदी चौथे स्थान पर रहे थे। 2002 में यहां से भाजपा के तत्का लीन मुख्यकमंत्री राजनाथ सिंह विजयी रहे थे।
——————————-
हैदरगढ़ सुरक्षित
विधानसभा संख्या- 272
कुल मतदाता —- 319107
वर्तमान विधायक — बैज नाथ रावत (भाजपा)
——————————–