Sunday, September 8, 2024
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सांझा साहित्य- संस्कृति के संकल्प के साथ नेपाल- भारत महोत्सव का समापन

  • द्वितीय संस्करण को बैसाख की 16, 17, 18 तिथियों में आयोजित किया गया।

काठमाण्डू : नेपाल भारत के साहित्यिक और सांस्कृतिक सम्बन्धों के नए आयाम को परिभाषित करते हुए तीन दिवसीय महोत्सव का समापन काठमांडू में सम्पन्न हुआ। नेपाली तिथियों के अनुसार साहित्य महोत्सव के द्वितीय संस्करण को बैसाख की 16, 17, 18 तिथियों में आयोजित किया गया। इस महोत्सव में दोनों देश के साहित्य और कलाकारों ने संयुक्त संस्कृति की छंटा बिखेरी तो दोनों देशों के 51 वरिष्ठ साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।   

मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल, क्रांतिधरा साहित्य अकादमी और ग्रीन केयर सोसाइटी हाऊस मेरठ, भारत से आयोजक डॉ विजय पंडित ने ये जानकारी देते हुआ बताया कि नेपाल भारत महोत्सव में समस्त भारत से साहित्यिक, सामाजिक व पत्रकारिता जगत की विभूतियों की सहभागिता रही। इनमें द्वारिका प्रसाद अग्रवाल जी बिलासपुर, विभारानी सिंह जी पटना, प्रदीप देवीशरण भट्ट जी हैदराबाद, अनिला सिंह चाडक जी जम्मू, रमा निगम जी भोपाल, नीता चौधरी जी जमशेदपुर, मौ. नसीम अख्तर जी पटना, डा आलोक कुमार श्रीवास्तव जी दिल्ली, प्रभु त्रिवेदी जी इंदौर, हरेराम वाजपेयी जी इंदौर, ऐश्वर्या सिन्हा जी जौनपुर, डा मीना कुमारी परिहार जी बिहार, सावित्री मिश्रा जी उडीसा, मीरा प्रकाश जी बिहार, प्रेमलता सिंह राजपूत जी बिहार, नूतन कुमारी सिन्हा जी बिहार, कैलाश आदमी जी भोपाल, त्रिलोक फतेहपुरी जी हरियाणा, दलबीर फूल जी हरियाणा, डा राशि सिन्हा जी नवादा बिहार,  रवि भूषण श्रीवास्तव जी पटना, मनीष शुक्ला जी लखनऊ, आदित्य प्रताप सिंह जी रायपुर, महेश भट्ट जी  बनारस, अरविंद कुमार यादव जी गाजीपुर, गिरीश त्यागी जी बिजनौर, मोनिका मेहरोत्रा जी प्रयागराज ने हिन्दी साहित्य का झण्डा बुलंद किया।

उन्होने बताया कि द्वितीय नेपाल भारत साहित्य महोत्सव के संयोजक नेपाल के वरिष्ठ साहित्यकार राधेश्याम लेकाली जी रहे । नेपाल भारत साहित्य महोत्सव के मुख्य अतिथि ललित कला प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति के.के. कर्माचार्य जी रहे । उद्घाटन समारोह का संचालन कंचना झा व दिनेश डि. सी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया । द्वितीय सत्र में बहुभाषी कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें भारत व नेपाल के कवि कवयित्रीयों ने एक से बढ़कर एक रचनाओं का वाचन किया । तृतीय सत्र में मुशायरे का आयोजन हुआ  जिसका संचालन कंचना झा द्वारा किया गया और उर्दू अकादमी नेपाल में अध्यक्ष इम्तियाज वफा़, पूनम झा, करूणा झा, मोबिन साकिब हारुनी, रेखा यादव, देवी पंथी, कंचना झा, जनाब फुरकान फैजी, प्रदीप बोम्जंज, डा मीना कुमारी परिहार,  डा राधा पांडे, मौ. नसीम अख्तर द्वारा कलाम प्रस्तुत किए गए ।

नेपाल भारत साहित्य महोत्सव के दूसरे दिन प्रातः ललितपुर नगरपालिका प्रतिनिधि द्वारा सभी भारतीय अतिथियों का स्वागत किया और पाटन के विश्व धरोहर मे शामिल दरबार स्कायर, कृष्ण मंदिर, गोल्डन टैंपल और संग्रहालय का भ्रमण कराया । दूसरे सत्र में शोधपत्र प्रस्तुत किए गए भारत की तरफ से श्रीगोपाल नारसन द्वारा हिन्दी का भारतीय उपमहाद्वीप और वैश्विक स्तर पर कल, आज और भविष्य पर शोधपत्र लिखा गया ।

नेपाल की तरफ से प्रमोद प्रधान द्वारा नेपाली साहित्यको अंतरराष्ट्रीयकरणको प्रश्न र अनुवादको समस्या विषय पर शोधपत्र लिखा व पढ़ा गया । तृतीय सत्र में नेपाल भारत संबंधमा संस्कृतिको भूमिका विषय पर परिचर्चा रही डा ऊषा ठाकुर, नीलम कार्की निहारिका व संचालन डा सावित्री मल्ल का रहा ।

द्वितीय दिवस के चौथे सत्र में नेपाली साहित्यको विकास र विस्तारमा डायस्पोराको योगदान पर परिचर्चा रही परिचर्चा के संचालक गोविंद गिरी प्रेरणा और सहभागी ज्ञानु अधिकारी, ज्ञानेंद्र गुराल, दामोदर पुडासैनी रहे । पांचवां सत्र लघुकथा को समर्पित रहा जिसका संयोजन श्रीओम श्रेष्ठ रोदन रहे और सहभागी विभारानी सिंह, रवि भूषण श्रीवास्तव, मीरा प्रकाश, प्रेमलता सिंह, नूतन कुमारी सिन्हा के साथ नेपाली लघुकथाकार भी शामिल हुए ।

अंतरराष्ट्रीय नेपाल भारत साहित्य महोत्सव के तीसरे दिन प्रातः साहित्यिक भ्रमण पर सभी भारतीय व नेपाल के सभी सहयोगी करीब 7500 फिट की ऊंची पहाड़ी पर स्थित चंद्रागिरी पर्वत पर पहुंचे , यहां पर सात सूत्रीय काठमांडू घोषणापत्र प्रस्तुत किया गया । दूसरे व नेपाल भारत साहित्य महोत्सव के द्वितीय संस्करण के अंतिम सत्र समापन समारोह आयोजित किया गया जिसमें नेपाली सांस्कृतिक कार्यक्रमों एक बडी श्रृंखला रही और भारत से भी जमशेदपुर झारखंड की नीता चौधरी की भजन पर आधारित एक लोकनृत्य और सभी अतिथियों को सम्मानित करने के साथ ही तीन दिवसीय आयोजन का समापन हुआ ।

नेपाल भारत साहित्य महोत्सव की आयोजक संस्थान क्रांतिधरा साहित्य अकादमी मेरठ, भारत की अध्यक्ष के अनुसार इस तरह के साहित्यिक आयोजन का उद्देश्य नेपाल और भारत के मध्य एक साहित्यिक सेतु का निर्माण करना है इसके साथ साथ मुख्य उद्देश्य समाज में नवोदित व गुमनाम साहित्यिक व सामाजिक प्रतिभाओं को वरिष्ठ साहित्यकारों के सान्निध्य में एक अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना है । संस्थान इसी दिशा में दशकों से कार्य कर रहा है इसी कडी में प्रथम नेपाल भारत साहित्य महोत्सव नेपाल की औद्योगिक नगरी बिरगंज में नेपाल के वरिष्ठ व जानेमाने साहित्यकार व समाजसेवी श्री गणेश लाठ जी के बेहतरीन संयोजन में  वर्ष 2018 में संपन्न हुआ था ।

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