बालीवुड अभिनेत्री अपने अभिनय और सुंदरता की तरह अपने जीवन को लेकर हमेशा ही आकर्षण का केंद्र रहीं। हाथ की रेखाओं की तरह ही उनकी प्यार की रेखा भी उलझी रही। वो पर्दे पर हों या न हों लेकिन उनके चाहने वाले आज भी दीवानों की तरह उनकी एक झलक का इंतजार करते हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी रेखा के रहस्यमय जीवन को जानने की लोगों में उत्सुकता बनी है। लोग आज भी महानायक अभिताभ बच्चन और रेखा के प्यार की गहराई को समझना चाहते हैं। आज भी लोग उनसे पूछना चाहते हैं कि ग्लैमर जगत कि सबसे सफल अभिनेत्री में शुमार रेखा का वैवाहिक जीवन को असफल रहा। आइये उनके जन्मदिन के मौके पर एकबार फिर रेखा के जीवन के अबतक के शानदार मगर विवादित जीवन पर नजर डालते हैं।
फिल्मी करियर में तमाम संघर्षों का सामना करते हुए करीब 200 फिल्में की हैं। जिसमें हर फिल्म में उन्होने अभिनय कि छाप छोड़ी है। उन्हें भारत सरकार की तरफ से पदम श्री समेत राज्य सभा की सदस्यता से सम्मानित किया गया है। खास बात ये है कि उन्होने भारत रत्न सचिन के साथ संसद में भूमिका निभाई है। अगर उनके शुरुआती जीवन पर नजर डालें तो 10 अक्टूबर 1954 में चेन्नई के एक तमिल परिवार में भानुरेखा गणेशन का जन्म हुआ था। उनके पिता जेमिनी गनेशन एक प्रसिद्ध तेलुगु अभिनेता थे, जबकि उनकी मां पुष्पावली भी एक जानी-मानी तेलुगु अभिनेत्री थी। रेखा ने अपनी शुरुआती शिक्षा चेन्नई के प्रसिद्ध चर्च पार्क कॉन्वेट स्कूल से प्राप्त की। वहीं परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से रेखा को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी और अपना गुजर बसर करने के लिए अभिनय की शुरुआत करनी पड़ी। अपने जीवन के शुरुआती दिनों में रेखा ने काफी संघर्षों का सामना किया था। उन्होंने सबसे पहले एक तेलुगु फिल्म ”रंगुला रतलाम” में बाल कलाकार के रुप में डेब्यू किया था। अभिनेत्री के रुप में उन्होंने अपना डेब्यू साल 1969 में कन्नड़ फिल्म ”ऑपरेशन जैकपॉट नल्ली सीआईडी 999” से किया था। इसी साल उन्होंने अपनी पहली हिन्दी फिल्म ”अंजाना सफर” से डेब्यू किया। जिसको बाद में ”दो शिकारी” नाम से रिलीज किया गया। हालांकि 1970 में आई ”सावन भादो” में रेखा ने सबका ध्यान खींचा। इसके बाद उन्होंने ”कहानी किस्मत की”, ”रामपुर का लक्ष्मण”, ‘प्राण जाए पर वचन ना जाए”, ‘जैसी फिल्मों में काम किया। उनकी इन फिल्मों ने काफी कमाई की और इस दौरान रेखा के अभिनय को भी काफी सराहा भी गया। वहीं 70 के दशक में रेखा और अमिताभ की जोड़ी बड़े पर्दे पर काफी हिट रही। ‘खून पसीना’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ”राम बलराम” जैसी फिल्मों में दोनों की केमिस्ट्री दर्शकों ने खूब पसंद की। इसके बाद दोनों का नाम आपस में जुड़ गया।
रेखा और अमिताभ की मुलाकात पहली बार फिल्म ‘दो अनजाने’ के सेट पर हुई थी। अमिताभ सुपरस्टार बन चुके थे और जया से शादी भी हो चुकी थी। लेकिन शूटिंग शुरू होने के साथ-साथ दोनों की गुपचुप प्रेम कहानी भी शुरू हो गई। खबरें ये भी उड़ीं कि इन दोनों ने छिप कर शादी भी की थी। रेखा कई बार सिंदूर लगाकर भी सामने आई लेकिन दोनों की लव स्टोरी रहस्यमयी बनी रही। दूसरी ओर उनका वैवाहिक जीवन भी असफल रहा। रेखा और विनोद मेहरा की शादी को लेकर अफवाहें उड़ीं लेकिन रेखा ने इसका खंडन किया। रेखा 1990 में दिल्ली के एक बड़े बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से शादी के बंधन में बंधी थी। लेकिन उनका यह विवाह ज्यादा समय तक नहीं चल सका। शादी के कुछ दिनों के बाद ही उनके पति ने आत्महत्या कर ली। लगातार पाँच दशकों से अभिनय में सक्रिय रेखा फिलहाल फिल्मों से दूर हैं लेकिन अवॉर्ड्स समारोह में नजर आती हैं। रेखा के चाहने वाले आज भी उनकी एक झलक के दीवाने हैं।