Thursday, November 21, 2024
Homeराजनीतिमसला कोई भी हो जिम्मेदार मोदी और नेहरू

मसला कोई भी हो जिम्मेदार मोदी और नेहरू

व्यंग्य

मनीष शुक्ल

आजादी के बाद से लेकर अब तक 70 से ज्यादा सालों में देश ने लंबी दूरी तय की है। एक से बढ़कर एक नेता देखे हैं। अनेक प्रधानमंत्री देखे हैं। 1947 से लेकर 2021 तक की विकास यात्रा देखी है। लेकिन देश में आजकल जो भी हो रहा है उसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा अगर किसी को जिम्मेदार ठहराया जाता है तो वो हैं 70 सालों पहले बनने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू। कोई भी समस्या हो या फिर उपलब्धि, सियासी गलियारों में मोदी के अलावा केवल एक ही नाम सुनाई देता है वो है नेहरू। तो आज इसी मुद्दे पर हमारे साथ दो टूक बात करने के लिए आए हैं नेहरू मामलों के विशेषज्ञ पंडित जी।

एंकर : पंडित जी आपसे दो टूक सवाल है कि पिछले सत्तर सालों में जो कुछ भी हुआ है, उसके जिम्मेदार नेहरू हैं।

पंडित जी : धन्यवाद! आज की दुनिया में जहां लोग दूसरे का नाम तक लेने में अपनी बेइज्जती समझते हैं वहाँ 70 सालों के हर काम के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, ये खुशी की बात है। कश्मीर का मसला हो या फिर चीन से रिश्ते, देश के विकास की बात हो हर बात में आज जिक्र किया जाना ये बताता है कि आज की सरकार को नेहरू के योगदान का ज्ञान है।

एंकर : सुना है उनके पास बड़ी- बड़ी डिग्री थी। भारत की खोज वास्कोडिगामा ने नहीं बल्कि नेहरू जी ने ही की थी।

पंडित जी : आज भक्त लोग हर- हर मोदी, घर- घर मोदी का नारा लगाते हैं। भक्त मोदी को अपना भगवान बताते हैं। पीएम मोदी ने तो यहीं से पढ़ाई की। नेहरू तो विदेश से पढ़कर आए। डिसकबरी ऑफ इंडिया बुक लिखी। तो क्या उनके प्रशंसक भारत एक खोज का श्रेय भी न दें।

एंकर : नेहरू जी के कपड़े विदेश से धुलकर आते थे।

पंडित जी : मोदी जी ने करोना काल से पहले दुनिया का कोई ऐसा देश नहीं बचा था, जहां का चक्कर न लगाया हो। उनके लिए तो यहाँ तक कहावत है कि वो तो केवल कपड़े धुलवाने के लिए ही घर यानि इंडिया वापस आते थे।  तो अगर नेहरू जी ने विदेश से कपड़े धुलवाए तो फिर किसी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है। 

एंकर : नेहरू जी अपने समय में नेताओं की अनदेखी की, गांधी पर कब्जा कर लिया। पटेल जी प्रधानमंत्री बनने वाले थे लेकिन वहाँ भी बीच में भाझी मार दी।

पंडित जी : क्या अनदेखी की। अनदेखी तो मोदी जी ने आडवाणी जी की। वो प्रधानमंत्री बनने जा रहे थे लेकिन उनको सन्यास दिला दिया। जोशी जी बेचारे राष्ट्रपति का सपना मन में पाले ही मार्ग दर्शक बन गए। मोदी जी के कारण कईयों का दिल और सपना दोनों टूट गया। लेकिन नेहरू ने गांधी जी और पटेल को हमेशा अपने साथ ही रखा, फिर विरोधी कुछ भी बोलते रहें।

एंकर : नेहरू जी ने आजादी की लड़ाई भले ही लड़ी हो लेकिन उनके अंग्रेजों से बड़े मधुर संबंध थे।

पंडित : मैं समझ गया, आप लेडी माउण्टबेटन की बात कर रहे हैं। हाँ मधुर संबंध थे। अब वो मोदी जी की तरह सन्यास लेकर घर- बार छोडकर हिमालय तो गए नहीं थे। वो इसी दुनियाँ में रहते थे और माउण्टबेटन और लेडी माउण्टबेटन से इसी कारण मधुर संबंध थे। घर आना जाना था।

एंकर : चीन से मौजूदा हालात के लिए भी नेहरू जी ही जिम्मेदार हैं। न चीन को जमीन दी होती और न ही सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट दिलवाई होती तो आज चीन हौसले बुलंद न होते।

पंडित जी। चीनी राष्ट्रपति को गुजरात बुलाकर झूला किसने झुलवाया। वो तो बाद में मोदी जी जागे तो उन्होने चीन की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया। उनके मोबाइल-एप बंद कर दिये। टिकटॉक से लेकर पबजी तक पर बैन लगा दिया। उधर चीनी सेना को एलएसी बाहर खदेड़ा और भारत की सेनाओं ने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया। तब जाकर कहीं चीन के छक्के छूटे।

एंकर : कश्मीर में भी ढुलमुल नीति आपनाई। जिससे समस्या गंभीर हो गई।

पंडित जी : क्या ढुलमुल नीति अपनाई। वो कबाइलियों ने 1947 में अचानक हमला कर दिया और गुलाम कश्मीर पर कब्जा हो गया। हमने कश्मीरी अवाम को आवाज दी। संयुक्त राष्ट्र में उनका मुद्दा उठाया। मोदी ने क्या किया 70 सालों से चली आ रही धारा 370 हटा दी। कश्मीरियों का विशेष दर्जा छीन लिया। पाकिस्तान के आतंकी हमले के जवाब उसको घर भीतर घुसकर ठोंककर दिया। मोदी जी ने 56 इंच का सीना दिखाया जिसके कारण आज पाकिस्तान पूरी दुनिया में अलग- थलग है। लेकिन मोदी की नीति के कारण  चीन और पाकिस्तान दोस्त बन गए हैं।

एंकर : हमारे कश्मीरी पंडितों को भी तो अलग- थलग कर दिया गया था। उनके घरों से भगाया गया।

पंडित जी : हम भी कश्मीरी पंडित ही हैं। अब सरकार को चाहिए कि वो एक- एक कश्मीरी पंडित की घर वापसी करवाए। तभी कश्मीर के नागरिकों को उनका हक मिल पाएगा।

एंकर : आपके नाते रिश्तेदार आए दिन मोदी जी कोसते रहते हैं लेकिन मोदी जी नेहरू जी की जयंती पर देश के प्रति उनके योगदान को याद किया। सराहना की। पंडित जी : देखो, यही सियासत है। कायदे से देखा जाए तो मोदी जी ने नेहरू जी का नाम लेकर अपनी सरकार चलाई। हर समस्या का बिल नेहरू के नाम पर फाड़ दिया। वक्त पर आदर सम्मान बरकरार रखा तभी स्वतन्त्रता की लड़ाई में मोदी ने नेहरू जी के योगदान को याद किया। मेरी तो राय है देश भर में नेहरू जी के नाम पर जितने भी संस्थान हैं उस पर मोदी जी का नाम भी जोड़ा जाए जैसे जवाहर लाल नरेंद्र मोदी विश्वविद्यालय। मोदी नेहरू आपसी प्रेम भाईचारा समिति बनाई जाए। और पूरे देश में दोनों के आपसी रिश्ते को उजागर किया जाए जिससे देश में आज तक जो कुछ भी हुआ या नहीं हुआ है, उसका श्रेय सामूहिक रूप से मोदी और नेहरू को दिया जा सके।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments