कवि- जी. पी.वर्मा
नबाबों के शहर-
लखनऊ में-
एक लड़की ने-
कैब ड्राइवर पर हाँथ-
क्या उठाया-
गूँगी नैतिकता –
चीख उठी!
कार्यवाही की-
कांव कांव हुई!
ट्वीट मिमियाने लगे!!
पर नैतिकता तब-
निरीह -मौन-
शरमाई रहती
जब मर्द-
किसी औरत को –
सड़को पर-
दौड़ा दौड़ा डंडों से-
पीटता,
वो गिड़गिड़ाती
मदद मांगती!!
शायद,पिटना
औरत का कर्तव्य,
पीटना अपराध है?
दोमुंही नैतिकता आखिर शर्मसार कब होगी?