- नितिन अगवाल के आने से भाजपा को क्लीन स्वीप की उम्मीद
- सपा, बसपा दे रहे हैं मजबूत चुनौती, कांग्रेस भी मुक़ाबले में
मनीष शुक्ल
भक्त प्रहलाद की भूमि हरदोई में पिछली बार भाजपा ने सपा का किला ध्वस्त कर कमल खिलाया था। पौराणिक कथा के अनुसार यहां के राजा हिरण्यकश्यप ने दम्भ में आकर इस भूमि का नाम हरि- द्रोही रख दिया था लेकिन उस राजा के भगवान विष्णु भक्त पुत्र प्रहलाद ने धर्म का मार्ग का अपनाकर स्वयं भगवान के हाथों पिता को मोक्ष दिलवाया। एक अन्य कथा के अनुसार हरदोई की उत्पत्ति हरिद्रव्य से हुई है। जिसका अर्थ दो भगवान होता है। यह वामन और नरसिम्हा भगवान है, जिन्हें हरिद्रव्य कहा जाता है। जिसके बाद इस जगह का नाम हरदोई पड़ा। ऐसी देव भूमि में दशकों से दिग्गज नेता नरेश अगवाल का वर्चस्व रहा है। अब उनकी विरासत सुपुत्र नितिन अग्रवाल संभाल रहे हैं। वो भाजपा से उम्मीदवार हैं। वरिष्ठ नेता अशोक वाजपेई भी अब भाजपा से राज्य सभा सांसद हैं। हालांकि बसपा से अब्दुल मन्नान और सपा से अनिल वर्मा जैसे दिग्गज मजबूत चुनौती दे रहे हैं। देखा जाए तो पिछले पाँच वर्षों में राजनीतिक समीकरण बदल चुके हैं। 2012 के विधान सभा चुनाव में जहां सपा ने छह सीटों पर जीत का परचम लहराया था। और दो पर बसपा की जीत हुई थी। वहीं पिछ;ली बार 2017 के चुनाव में भाजपा ने आठ में से सात सीटें जीतकर सत्ता का सफर तय किया वहीं इस नितिन अग्रवाल भी इस बार भाजपा के झंडाबरदार हैं। ऐसे में यहाँ की सभी सीटों पर भाजपा अन्य दलों को सीधी चुनौती दे रही हैं।
हरदोई जिले के उम्मीदवारों की बात करें तो भाजपा ने आठ सीटों में से केवल संडीला के विधायक राजकुमार अग्रवाल का टिकट काटकर अलका अर्कवंशी को प्रत्याशी बनाया है। सदर सीट पर नितिन अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है। शेष छह सीटों पर मौजूदा विधायकों पर ही दांव लगाया है। सवायजपुर माधवेंद्र प्रताप सिंह रानू, शाहाबाद से रजनी तिवारी, गोपामऊ से श्याम प्रकाश, सांडी से प्रभाष वर्मा, बिलग्राम-मल्लावां सीट से आशीष सिंह आशू और बालामऊ विधानसभा सीट से रामपाल वर्मा ही भाजपा का चेहरा हैं।
सपा ने हरदोई की सांडी और गोपमऊ से देवरानी- जेठानी को मैदान में उतारा है। सांडी सीट से पूर्व मंत्री व सांसद ऊषा वर्मा प्रत्याशी हैं तो गोपामऊ विधानसभा सीट से राजेश्वरी देवी को सपा का टिकट दिया है। सवायजपुर से पूर्व विधायक के बेटे पदम राग सिंह पम्मू और बालामऊ से रामबली वर्मा को प्रत्याशी बनाया गया है। सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक अनिल वर्मा को उतारकर बीजेपी प्रत्याशी नितिन अग्रवाल को चुनौती दी है। यहाँ से कांग्रेस प्रत्याशी आशीष सिंह सोमवंशी मैदान में हैं। सांडी से ही बीएसपी के प्रत्याशी कमल वर्मा ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।
संडीला विधानसभा से सभी दलों ने मजबूत प्रत्याशियों को उतारकर रोचक बना दिया है। यहाँ भाजपा के अलावा सपा और सुभासपा के गठबंधन के प्रत्याशी सुनील अर्कवंशी मैदान में हैं। बसपा से पूर्व मंत्री और दिग्गज नेता अब्दुल मन्नान और कांग्रेस ने बब्लू घोसी चुनाव मैदान में है।
अगर यहाँ की आठों विधानसभा सीटों के राजनीतिक समीकरण पर नजर डालें तो सवायजपुर विधानसभा सीट की सीमा फर्रुखाबाद, कन्नौज और शाहजहांपुर जिलों छूने के कारण चुनावी धारा भी अलग- अलग बहती है। इस सीट पर 2017 में कमल खिला था। इस बार भी भाजपा ने मौजूदा विधायक पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने राजवर्धन सिंह राजू को प्रत्याशी घोषित किया है। राजू काफी समय से समाजसेवा कर रहे हैं। इससे पहले 2002 में राष्ट्रीय क्रांति दल से सदर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। पिछड़े वर्ग के मतदाता अधिक होने के कारण सपा-बसपा का भी प्रभाव नजर आता है। 2022 के चुनाव में भी यहाँ भाजपा, बसपा, कांग्रेस और सपा के उम्मीदवारों के बीच ही टक्कर होने की संभावना है।
शाहाबाद विधानसभा सीट पर 1996 से 2000 तक सपा का कब्जा रहा था लेकिन इसके बाद कभी इस सीट पर कोई पार्टी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीती। 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की रजनी तिवारी ने बसपा के आसिफ खान को 4260 वोट से मात दी थी। इस विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1952 में हुआ था। 1957 से 2008 तक इस क्षेत्र में दो विधान सभा सीटें आती थीं। 2002 के चुनाव में भाजपा के गंगाभक्त सिंह और सपा के काशीराम यहां से विधायक बने। 2007 में बसपा के आशिफ और भाजपा के काशीराम यहां से विधायक चुने गए। 2012 में सपा के टिकट पर बाबूखान ने जीत हासिल की। शाहाबाद से पूर्व विधायक आसिफ खां बब्बू को प्रत्याशी बनाया है। इस बार भी यहाँ मुक़ाबला करीबी है।
हरदोई सदर विधान सभा सीट की बात करें तो यहाँ भाजपा ने सपा से भाजपा में आए नितिन अग्रवाल को टिकट दिया है। नितिन अग्रवाल पिछले तीन बार से सदर विधानसभा से विधायक हैं। 2008 में वो बसपा के टिकट पर वह विधायक बने थे। 2012 और 2017 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता। कुछ समय पूर्व वो भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से विधानसभा के उपाध्यक्ष बने। फिर सपा की सदस्यता और विधानसभा उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देकर भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने सदर सीट से पूर्व विधायक अनिल वर्मा को प्रत्याशी बनाकर मुक़ाबला रोचक कर दिया है। अनिल वर्मा इससे पहले 2002 में बावन हरियावां और फिर 2012 में बालामऊ से सपा विधायक रहे थे। 2017 में उन्हें टिकट नहीं मिला, फिर वह भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन कुछ माह पहले ही वह फिर सपा में आ गए हैं। कांग्रेस ने युवा नेता आशीष सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। आशीष ने राजनीति की शुरुआत एनएसयूआई से की थी और जिलाध्यक्ष भी रहे हैं।
गोपामऊ विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने अपने वर्तमान विधायक श्याम प्रकाश को पर दांव लगाया है। श्याम प्रकाश 2022 के चुनाव में भी भाजपा से चुनावी मैदान में हैं। श्याम प्रकाश अब तक चार बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। जिनमें एक बार बसपा, दो बार सपा और एक बार भाजपा से विधायक चुनें जा चुके हैं और इस बार फिर चुनावी मैदान में हैं। समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक राजेश्वरी देवी को प्रत्याशी बनाया गया है। कांग्रेस से महिला सभा की जिलाध्यक्ष सुनीता देवी को टिकट मिला है।
बिलग्राम-मल्लावां विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने वर्तमान विधायक आशीष कुमार सिंह आशू को चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर पहली बार कांग्रेस के जेपी मिश्रा 1962 में विधायक बने थे। 2002 में बदले सियासी समीकरण के बाद बसपा के कृष्ण कुमार सिंह दो बार (2007 )में विधायक बने। 2012 में बसपा के टिकट पर बृजेश कुमार विधानसभा पहुंचे। 2017 के चुनाव में भाजपा का कमल खिला। सपा ने भाजपा का जीत अभियान रोकने के लिए ब्रजेश कुमार वर्मा टिल्लू भइया को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने सुभाष पाल को बिलग्राम-मल्लावां से प्रत्याशी बनाया है।
सण्डीला विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने लखनऊ के रहीमाबाद की रहने वाली अलका अर्कवंशी पर दांव लगाया है। भाजपा ने वर्तमान विधायक राजकुमार अग्रवाल का टिकट काटकर अलका अर्कवंशी को प्रत्याशी बनाया है। अलका पहली बार किस्मत आजमाएंगी तो उनसे मुक़ाबले के लिए समाजवादी पार्टी व सुहेलदेव समाज पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी को यहाँ उतारने का फैसला लिया है। गठबंधन से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सुनील अर्कवंशी चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने मोहम्मद हनीफ उर्फ बबलू को संडीला से अपना प्रत्याशी बनाया है।
बालामऊ विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री रामपाल वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। वर्मा सात बार विधायक और बसपा सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। रामपाल वर्मा निर्दलीय, कांग्रेस ,बसपा और भाजपा के टिकट पर विधानसभा पहुंच चुके हैं। इस बार फिर भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। कांग्रेस ने सुरेंद्र को अपना प्रत्याशी बनाया है। सुरेंद्र बालामऊ क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं।
सांडी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने वर्तमान विधायक प्रभाष कुमार को विधानसभा का प्रत्याशी बनाया है। प्रभाष कुमार 2017 में पहली बार विधायक बने थे। कांग्रेस ने सांडी विधानसभा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य आकांक्षा रावत को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है।
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सवायजपुर
सवायजपुर। विधानसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार चुनाव हुआ है। जिसमें एक- बार भाजपा और बसपा की जीत हुई है। पिछले चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी से कुंवर माधवेंद्र प्रताप ने समाजवादी पार्टी के पदमराग सिंह यादव को 26970 वोटों से हराया था। इस चुनाव में कुल 39.94 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में बीएसपी की रजनी तिवारी ने जीत दर्ज की थी। दूसरे स्थान पर जेएकेपी के पदमराग सिंह यादव रहे थे। बीजेपी के कुंवर माधवेंद्र प्रताप तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि समाजवादी पार्टी के अशोक बाजपेई चौथे स्थान पर रहे थे।
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सवायजपुर
विधानसभा संख्या – 154
कुल मतदाता —- 3 लाख 44 हजार
वर्तमान विधायक — कुंवर माधवेंद्र प्रताप (भाजपा)
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शाहाबाद
शाहाबाद सीट पर पिछले चार विधानसभा चुनावों में दो बार समाजवादी पार्टी और दो बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है। पिछले चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी से रजनी तिवारी ने बहुजन समाज पार्टी के आसिफ खान को 4260 वोटों से हराया था। तब यहाँ कुल 45.30 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के बाबू खान ने बीएसपी के आसिफ खान को हराया था। बीजेपी के अखिलेश पाठक तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि चौथे स्थान पर कांग्रेस की रामदुलारी रही थीं। 2007 के चुनाव में बीजेपी के काशी राम ने समाजवादी पार्टी के राधे श्याम को हराया था। निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रपाल सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस की गुड्डी बेगम चौथे स्थान पर रहे थे। 2002 में काशीराम सपा के टिकट में यहां से जीते थे।
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शाहाबाद
विधानसभा संख्या — 155
कुल मतदाता —- 312452
वर्तमान विधायक —–रजनी तिवारी (भाजपा)
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हरदोई
हरदोई सीट पर दल कोई भी हो लेकिन अर्से से नरेश अग्रवाल का कब्जा रहा है। पिछले चार विधानसभा चुनावों में यहाँ सपा को जीत मिली थी। पिछले चुनाव 2017 में समाजवादी पार्टी से नितिन अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी के राजा बक्स सिंह को 5109 वोटों से हराया था। तब यहाँ कुल 42.43 प्रतिशत वोट पड़े। नितिन नरेश अग्रवाल के पुत्र हैं। वो अब भाजपा में हैं। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के नितिन अग्रवाल ने बीएसपी के राज बख्श सिंह को शिकस्त दी थी। कांग्रेस के सुख सागर मिश्र तीसरे स्थान पर रहे थे। थे। 2007 के चुनावों में समाजवादी पार्टी के नरेश चंद्र अग्रवाल ने बीएसपी के रामकुमार कुरील को हराया था। बीजेपी के रामबहादुर सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे।
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हरदोई
विधानसभा संख्या — 156
कुल मतदाता —- 340302
वर्तमान विधायक —— नितिन अग्रवाल (सपा) अब भाजपा में हैं।
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गोपामऊ सुरक्षित
गोपामऊ सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार ही चुनाव हुआ है। पिछले विधान सभा 2017 में भारतीय जनता पार्टी से श्याम प्रकाश ने समाजवादी पार्टी के राजेश्वरी को 31378 वोटों से हराया था। इस चुनाव में यहाँ कुल 43.28 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के श्याम प्रकाश ने बीएसपी की अनीता वर्मा को हराया था। कांग्रेस के सर्वेश कुमार तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि पीइसीपी के अशोक कुमार वर्मा चौथे स्थान पर रहे थे।
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गोपामऊ सुरक्षित
विधानसभा संख्या — 157
कुल मतदाता —- 3 लाख 55 हजार मतदाता
वर्तमान विधायक — श्याम प्रकाश (भाजपा)
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सांडी सुरक्षित
सांडी सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें एक- एक बार भाजपा और समाजवादी पार्टी को जीत मिली है। पिछले चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी से प्रभाष कुमार ने कांग्रेस के ओमेंद्र कुमार वर्मा को 20225 वोटों से हराया था। 2012 में 16 वीं विधानभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के राजेश्वरी ने बीएसपी के वीरेंद्र कुमार को हराया था। कांग्रेस के ओमेंद्र कुमार वर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीजेपी के रामगोपाल चौथे स्थान पर रहे थे।
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सांडी सुरक्षित
विधानसभा संख्या — 158
कुल मतदाता —- 317,368
वर्तमान विधायक —– प्रभाष कुमार (भाजपा)
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बिलग्राम मल्लावा
इस विधानसभा सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें एक- एक बार भाजपा और बहुजन समाज पार्टी को जीत मिली थी। पिछले चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी से आशीष कुमार सिंह आसू ने समाजवादी पार्टी के सुभाष पाल को 8025 वोटों से हराया था। तब यहाँ कुल 37.61 प्रतिशत वोट पड़े। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनावों में बीएसपी के बृजेश कुमार ने समाजवादी पार्टी के कृष्ण कुमार सिंह को हराया था। पीईसीपी के सुभाष पाल तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के धर्मज्ञ मिश्रा चौथे स्थान पर रहे थे।
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बिलग्राम मल्लावा
विधानसभा संख्या — 159
कुल मतदाता —- 3 लाख 75 हजार
वर्तमान विधायक — आशीष सिंह आशू (भाजपा )
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बालामऊ
बालामऊ सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार ही विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें एक- एक बार भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है। पिछले चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी से रामपाल वर्मा ने बहुजन समाज पार्टी के नीलू सत्यार्थी को 22888 वोटों से हराया था। इस चुनाव में यहाँ कुल 39.85 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के अनिल वर्मा ने बीएसपी के रामपाल वर्मा को हराया था। एनसीपी के सुरेंद्र कुमार तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के रामश्रय मिश्र चौथे स्थान पर रहे थे।
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बालामऊ
विधानसभा संख्या — 160
कुल मतदाता —- 347,475
वर्तमान विधायक — राम पाल वर्मा (भाजपा)
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संडीला
संडीला सीट पर पिछले चार विधानसभा चुनावों में इस सीट पर दो बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है। जबकि एक- एक बार भाजपा और सपा को जीत मिली है। पिछले चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी से राजकुमार अग्रवाल उर्फ राजा ने समाजवादी पार्टी के अब्दुल मनान को 20403 वोटों से हराया था। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के कुंवर महाबीर सिंह ने बीएसपी के अब्दुल मन्नान को हराया था। आरएलएम ने मनोज कुमार सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के इसरत रसूल चौथे स्थान पर रहे थे। 2007 के चुनाव में बीएसपी के अब्दुल मन्नान ने समाजवादी पार्टी के इसरत रसूल को हराया था। बीजेपी के सुरेंद्र कुमार दुबे तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि निर्दलीय उम्मीदवार सैफी अहमद चौथे स्थान पर रहे थे।
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संडीला
विधानसभा संख्या — 161
कुल मतदाता —- सवा तीन लाख (लगभग)
वर्तमान विधायक —– राजकुमार अग्रवाल (भाजपा)
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