Friday, November 22, 2024
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मण्डल बरेली फिर खिलेगा कमल या विपक्ष करेगा कमाल

दूसरे चरण के मतदान में 24 घंटे से भी कम समय बचा है। रूहेलखण्ड में चुनावी रौनक चरम पर पहुँच चुकी है। यहाँ बरेली मंडल के बदायूँ, बरेली, पीलीभीत और शाहजहाँपुर जिले में दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। यहाँ रूहिल्ला सरदारों की राजधानी को नबाब खान बहादुर खान और उनके मंत्री मुंशी शोभा राम ने 31 मई 1857 अंग्रेजो से आजाद घोषित कर दिया था। इसीलिए बरेली अपनी स्‍वतंत्र और मुखर आवाज के कारण सत्‍ता से लेकर समाज को नई राह दिखाता है। यहाँ बदायूं जिले की विधानसभा सीटों ने यूपी को मुलायम सिंह यादव और मायावती जैसे दो धुंआधार मुख्‍यमंत्री दिए हैं। मिस वर्ल्‍ड प्रियंका चोपड़ा आज भी बरेली की पहचान हैं। बरेली राजनीति में बदलाव की बयार को आसानी से भांप लेता है। तभी पिछले विधान सभा चुनाव 2017 में मंडल की 25 सीटों में 23 सीटें भाजपा को देकर सत्‍ता के शिखर पर पहुंचाया था। 2012 में भी यहाँ सपा को क्लीन स्वीप दिया था। यहाँ के जिलों में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, संतोष गंगवार समेत कांग्रेस से भाजपा में आकर मंत्री बने जितिन प्रसाद, कृष्‍णराज समेत सपा कुनबे के धर्मेंद्र यादव का प्रभाव है।

बरेली मंडल में में पीलीभीत जिले की राजनीति में तीन दशकों से अधिक समय से गांधी परिवार राज कर रहा है लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव में यहाँ की चारों सीटों पर कमल खिला दिया था। यहाँ की कुल आबादी लगभग 23 लाख 45 हजार है। हिन्दू 75 फीसदी, मुस्लिम 25 फीसदी और सिख 5 फीसदी हैं। यहां लोध, राजपूत, पासी, कुर्मी वोटरों की संख्या अधिक है। पीलीभीत की अर्थव्यवस्था कृषि पर टिकी है।

बदायूं जिले में पहले सात सीटें हुआ करती थीं लेकिन 2012 में संभल जिला बनने के बाद छह सीटें रह गईं। 2012 तक सपा का गढ़ रहे जिले में 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा ने ऐतिहासिक सेंधमारी की थी। तब यहाँ की छह से पाँच सीटों पर कमल खिल गया था। यूपी की चार बार मुख्यमंत्री बनने वाली बसपा सुप्रीमो मायावती 1995 में बदायूं की बिलसी विधानसभा सीट से ही विधायक बनी थीं। 2012 से पहले बदायूं की ही विधानसभा सीट रही गुन्नौर (अब संभल में) से मुलायम सिंह भी विधायक रह चुके हैं। बदायूं में इस बार सांसद संघमित्र मौर्य की भी भूमिका महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी क्योंकि उनके पिता स्वामी प्रसाद मौर्य अब सपा के सिपहसलार हो गए हैं जबकि संघमित्रा अपने पिता की वकालत करती रही हैं।  

राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह जैसे शहीद क्रांतिकारियों की भूमि शाहजहाँपुर में 2012 में सपा ने तीन विधानसभा सीट पर अपना कब्जा किया था। बसपा ने दो विधासभा सीट जीती थी और बीजेपी को एक सीट मिली थी लेकिन मोदी लहर में 2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने छह विधानसभा सीटों में से 5 पर अपना कब्जा किया था जबकि समाजवादी पार्टी को केवल एक सीट मिली थी। शाहजहांपुर निवासी कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. जितेंद्र प्रसाद ने जिले का नाम देश की राजनीति में रोशन किया था। उनके बेटे जितिन प्रसाद भी कभी राहुल गांधी के बेहद करीब थे लेकिन अब वो जिले में भाजपा की नई पहचान बन गए है जिससे यहाँ कांग्रेस का समीकरण बिगड़ सकता है।

बरेली जिले की सभी नौ विधान सभा सीटों 2017 के चुनाव में भाजपा का कब्जा रहा था। यहाँ की फरीदपुर विधानसभा सीट पर जीतने वाली पार्टी की ही प्रदेश में सरकार बनती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के  डॉ. श्याम बिहारी लाल ने जीत हासिल की थी। भाजपा ने इस बार भी यहां मौजूदा विधायक पर भरोसा जताया है। सपा ने विजय पाल सिंह को टिकट देकर चुनावी मुक़ाबला रोचक कर दिया है। शहरी सीट से भाजपा के डा. अरुण कुमार भी पिछले दो विधान सभा चुनाव जीत चुके हैं। बरेली कैंट में मुक़ाबला और भी रोचक है। यहाँ पिछली दो बार जीत दर्ज करने के बावजूद बीजेपी ने राजेश अग्रवाल का टिकट काटकर संजीव अग्रवाल को मौका दिया है। यहाँ कांग्रेस ने सुप्रिया एरन को टिकट दिया था लेकिन वो आखिरी वक्त में सपा के प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। बीएसपी ने इस सीट पर अनिल कुमार बाल्मीकी को उतारा है जिससे चुनाव रोचक हो गया है।

बरेली मंडल की चार वीआईपी मानी जाने वाली सीटों की बात करें तो सबकी निगाहें शाहजहांपुर विधानसभा सीट लगी हुई हैं। यहां से भाजपा ने कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना को टिकट दिया है। खन्ना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे निकटतम मंत्री माने जाते हैं। उन्होने ने ही भाजपा का 2022 का संकल्प पत्र तैयार किया है। वो शाहजहांपुर शहर सीट से नौवीं बार चुनाव मैदान में हैं। उनको सीधी चुनौती सपा से मिल रही है। हालांकि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद का साथ मिलने से उनके हौसले बुलंद हैं।

बदायूं जिले की सदर सीट पर भी रोचक मुक़ाबला है। यहां योगी सरकार के नगर विकास राज्य मंत्री महेश गुप्ता सपा और बसपा से सीधी चुनौती मिल रही है। वह दो बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं। बरेली जिले की बहेड़ी सीट पर योगी सरकार के राजस्व राज्य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार चुनाव मैदान में हैं। वह पहले भी यहां से विधायक रह चुके हैं। उनको सपा के पूर्व मंत्री अताउररहमान सीधी टक्कर मिल रही है। लेकिन बसपा के कुर्मी प्रत्याशी होने से छत्रपाल सिंह को चुनौती मिल सकती है।

बरेली की आंवला विधानसभा सीट पर सिंचाई मंत्री रहे धर्मपाल सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। वह भाजपा के प्रदेश महामंत्री तथा प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर रहे हैं। भाजपा का सपा और बसपा से  त्रिकोणीय मुकाबला है। इसी प्रकार सपा ने बदायूं जिले की बिल्सी सीट से विधायक और भाजपा से आए आरके शर्मा को उतारा है। शर्मा पहले भी आंवला से एक चुनाव जीत चुके हैं। बसपा ने साजिद खां को उतारा है। कुलमिलाकर बरेली मण्डल में जनता राजनीतिक दलों का महसंग्राम देख रही है। वो 14 फरवरी को चुनावी मैदान के दिग्गजों का फैसला कर देगी।  

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जिले का नाम बरेली

बहेड़ी विस क्षेत्र संख्या 118

दल – प्रत्याशी का नाम

भाजपा – छत्रपाल सिंह गंगवार

सपा – अताउर रहमान

बसपा- आसेराम

कांग्रेस- संतोष भारती

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मीरगंज विस क्षेत्र संख्या 119

भाजपा – डा. डीसी वर्मा

सपा – सुल्तान बेग

बसपा – भानु प्रताप सिंह

कांग्रेस – मो. इलियास अंसारी

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भोजीपुरा विस क्षेत्र संख्या 120

भाजपा बहोरन लाल मौर्य

सपा शहजिल इस्लाम

बसपा- योगेश पटेल

कांग्रेस – सरदार खां

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नवाबगंज विस क्षेत्र संख्या 121

भाजपा- डा.एमपी आर्य

सपा भगवत सरन गंगवार

बसपा मो यूसुफ खां

कांग्रेस उषा गंगवार

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बिथरी चैनपुर विस क्षेत्र संख्या 123

भाजपा डॉ राघवेंद्र शर्मा

सपा अगम मौर्य

बसपा आशीष पटेल

कांग्रेस अलका सिंह

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फरीदपुर विस क्षेत्र संख्या 122

भाजपा डा.श्याम बिहारी लाल

सपा विजय पाल सिंह

बसपा शालिनी सिंह

कांग्रेस विशाल सागर

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बरेली शहर विस क्षेत्र संख्या 124

भाजपा- डा. अरुण कुमार

सपा – राजेश अग्रवाल

बसपा – ब्रह्मानंद शर्मा

कांग्रेस – कृष्णकांत शर्मा

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बरेली कैंट विस क्षेत्र संख्या 125

भाजपा- संजीव अग्रवाल

सपा – सुप्रिया ऐरन

बसपा – अनिल कुमार

कांग्रेस- हाजी इस्लाम बब्बू

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आंवला विस क्षेत्र संख्या 126

भाजपा- धर्मपाल सिंह

सपा – राधा कृष्ण शर्मा

बसपा – लक्ष्मण प्रसाद लोधी

कांग्रेस- ओमवीर यादव

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2. जिले का नाम बदायूं

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बदायूं शहर विस क्षेत्र संख्या-115

भाजपा – महेश चंद्र गुप्ता

सपा – हाजी रईस अहमद

बसपा – राजेश कुमार सिंह

कांग्रेस – रजनी सिंह

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बिसौली विस क्षेत्र संख्या -112

भाजपा – कुशाग्र सागर

सपा – आशुतोष मौर्य

बसपा – जयपाल सिंह

कांग्रेस – प्रज्ञा यशोदा

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सहसवान विस क्षेत्र संख्या-113

भाजपा – डीके भारद्वाज

सपा – ब्रजेश यादव

बसपा – मुसर्रत अली बिट्टन

कांग्रेस – राजवीर यादव

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बिल्सी विस क्षेत्र संख्या-114

भाजपा – हरीश शाक्य

सपा – चंद्र प्रकाश मौर्य

बसपा – ममता शाक्य

कांग्रेस – अंकित चौहान

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शेखूपुर विस क्षेत्र संख्या-116

भाजपा – धर्मेंद्र कुमार शाक्य

सपा – हिमांशु यादव

बसपा – मुस्लिम खां

कांग्रेस – ममता देवी

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दातागंज विस क्षेत्र संख्या -117

भाजपा – राजीव कुमार सिंह

सपा – अर्जुन सिंह

बसपा – रचित गुप्ता

कांग्रेस – आतिफ खां

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जिले का नाम शाहजहांपुर

कटरा विस क्षेत्र संख्या 131

भाजपा – वीर विक्रम सिंह

सपा – राजेश यादव

बसपा – राजेश कश्यप

कांग्रेस – मुन्ना सिंह नवादा

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जलालाबाद विस क्षेत्र संख्या-132

भाजपा – हरिप्रकाश वर्मा

सपा – नीरज मौर्य

बसपा – अनुरुद्ध यादव

कांग्रेस – गुरमीत कौर

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तिलहर विस क्षेत्र संख्या -133

भाजपा – सलोना कुशवाहा

सपा – रोशन लाल वर्मा

बसपा – फैजान अली खान

कांग्रेस – रजनीश गुप्ता

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पुवायां विस क्षेत्र संख्या-134

भाजपा – चेतराम

सपा – उपेंद्र पाल सिंह

बसपा – उदयवीर सिंह

कांग्रेस – अनुज कुमारी

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शाहजहांपुर विस क्षेत्र संख्या-135

भाजपा – सुरेश कुमार खन्ना

सपा – तनवीर खान

बसपा – सर्वेश मिश्रा धांधू

कांग्रेस – पूनम पांडेय

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ददरौल विस क्षेत्र संख्या -136

भाजपा – मानवेन्द्र सिंह

सपा – राजेश वर्मा

बसपा – चन्द्रकेतु मौर्य

कांग्रेस – तनवीर खान

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