Friday, November 22, 2024
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फर्रुखाबाद-कन्‍नौज : सपा जीतेगी किला या फिर खिलेगा कमल

मनीष शुक्‍ल

राजा- राजवाड़ों का युग भले ही बीत गया है लेकिन कानपुर मंडल के छह जिलों में रुतबे और रसूख की राजनीति आज भी चुनावी संग्राम का अहम हिस्‍सा है। इस मंडल में सबसे पहले जिक्र आता दुनिया भर में इत्र की खुशबू बिखेरने वाले कन्‍नौज और फर्रुखाबाद जिले का। दोनों जिलों को मिलाकर यहां पर कुल सात विधानसभा सीटें हैं। लेकिन ये सातों सीटें सूबे की राजनीति को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं। कन्‍नौज का नाम सामने आते ही इत्र की खुशबू के साथ सपा एमएलसी और दूसरे जैन कारोबारियों पर छापे की भी चर्चा होती है। पूरे चुनाव भर छापे को मुद्दा बनाकर सपा और भाजपा दोनों ही यहाँ पर एक- दूसरे पर हमलावर रही हैं।

कन्नौज से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और उनकी धर्मपत्‍नी डिंपल यादव का सीधा जुड़ाव रहा है। एक समय डिंपल यहां से निर्विरोध निर्वाचित हुई्ं थीं। लेकिन सपाई कुनबे में महाभारत के बाद कन्नौज का राजनीतिक समीकरण बदल चुका है। डिम्पल यादव अब चुनावी राजनीति से दूर हैं। दूसरी ओर यहाँ से लेकर औरैया तक अपना प्रभाव रखने वाले सपा संरक्षक मुलायम सिंह के साढ़ू प्रमोद गुप्ता ने भाजपा का दामन थाम लिया है।

महादेवी वर्मा और जाकिर हुसैन के नाम से पहचाना जाने वाला फर्रुखाबाद 2012 के चुनाव तक सपा का मजबूत गढ़ था लेकिन 2017 के चुनाव में भाजपा ने सपा के इस किले को ध्वस्त कर दिया था। यहाँ पर एक समय पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का भी वर्चस्व था। 2002 के चुनाव में सलमान के रुतबे का ही असर था कि उनकी पत्‍नी लुईस खुर्शीद यहां से विधायक बनी थीं। इस बार उनकी पत्नी एकबार फिर चुनाव मैदान में है लेकिन देखना होगा कि क्या वो उस करिश्मे को दोहरा पाएँगी।

90 के दशक में यह जिला भाजपा के दिग्‍गज नेता ब्रहमदत्‍त द्धिवेदी का गढ़ माना जाता था उनकी विरासत बचाने को उनके पुत्र मेजर सुनील दत्‍त द्धिवेदी दूसरी बार विधायक बनने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। आम, आलू और अल्पसंख्यक के इर्द गिर्द घूमने वाली राजनीति में गर्मी लाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा भी है उनकी सरकार ने भोजपुर को इस्लामाबाद नहीं बनने दिया। वो इस बयान से सीधा संदेश देते हैं कि हिजाब की नहीं यहाँ काम की राजनीति ही होगी।

कन्नौज की सदर सीट पर इस बार सबकी निगाहें लगी हैं। यहाँ आईपीएस से इस्तीफा देकर भाजपा से चुनाव लड़ रहे पूर्व अधिकारी असीम अरुण मुख्यमंत्री के करीबी माने जाते हैं। उनके पिता श्रीराम अरुण प्रदेश के दो बार डीजीपी रहे चुके हैं। असीम अरुण के पिता 1993 बैच के आईपीएस थे। 1997 और 1999 में प्रदेश के डीजीपी रहे थे। 1971 में बांग्लादेश फ्रंटियर पीएसी के वे सेनानायक रहे थे। 2000 में सेवानिवृत्त होने के बाद पिता 2001 से 2004 तक एससी एसएसटी आयोग अध्यक्ष भी रहे थे। पिता की तरह 1994 बैच के आईपीएस अफसर असीम अरुण की महकमे के बेहतर छवि के अफसरों की सूची में रहे हैं। उन्होंने स्वाट का गठन किया। इसके अलावा एसटीएफ और 112 डायल पुलिस सेवा में सराहनीय कार्य किए हैं।

ऐसे में इस सीट के परिणाम पर सबकी निगाहें हैं। आइए दोनों जिलों के चुनावी समीकरण का आंकलन करते हैं। अगर पहले फर्रुखाबाद जिले की बात करें तो बीजेपी ने सदर सीट से वर्तमान विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को टिकट दिया गया है। इसके साथ ही अमृतपुर से विधायक सुशील शाक्य को भी प्रत्याशी बनाया है। यहां की तीसरी सीट भोजपुर से विधायक रहे नागेंद्र सिंह राठौर पर बीजेपी ने एक बार फिर भरोसा जताया है। मेजर सुनील दत्त द्विवेदी फर्रुखाबाद सदर से पांच बार विधायक रहे स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी के पुत्र हैं। जिन्होंने 2017 के चुनाव में भी जीत हासिल की थी। इसके साथ ही सुशील शाक्य पुराने भाजपाई हैं। जिन्होंने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अमृतपुर विधानसभा से जीत हासिल की थी। बीजेपी ने इन पर भी भरोसा जताया है। तीसरी सेठ पर नागेंद्र सिंह राठौर को टिकट दिया गया है। 2017 के चुनाव में उन्होंने भोजपुर से जीत हासिल की थी।

समाजवादी पार्टी ने फर्रुखाबाद सदर सीट से महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्या की पत्नी सुमन मौर्या और अमृतपुर विधानसभा क्षेत्र से डा. जितेंद्र सिंह यादव, कायमगंज सुरक्षित सीट से सर्वेश अंबेडकर और भोजपुर से पार्टी के पूर्व विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी के पुत्र अरशद जमाल सिद्दीकी को अपना प्रत्याशी बनाया है। सुमन मौर्या हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हुई हैं। फर्रुखाबाद में सदर सीट से पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद कांग्रेस से प्रत्याशी हैं।

कन्नौज जिले की विधान सभा सीटों की बात करें तो भाजपा ने छिबरामऊ से मौजूदा विधायक अर्चना पांडेय और तिर्वा से मौजूदा विधायक कैलाश राजपूत को टिकट दिया है। सदर सीट से भाजपा ने पूर्व आईपीएस अफसर असीम अरुण को मैदान से उतारा है।इससे पहले भाजपा सदर सीट से बनवारी लाल को मैदान में उतारती थी। तीन बार लगातार विधायक बने थे। पिछले तीन बार उन्हें चुनाव में लगातार हार मिली है।

समाजवादी पार्टी ने कन्नौज सदर सदर सुरक्षित सीट पर लगातार जीत की हैट्रिक लगाने वाले अनिल कुमार दोहरे पर एक बार फिर भरोसा जताया है। उन्हें इस बार भी टिकट दिया गया है। इस सीट पर उनकी टक्कर भाजपा के असीम अरुण से है। तिर्वा विधानसभा सीट पर सपा ने पूर्व राज्यमंत्री विजय बहादुर पाल के बेटे अनिल पाल को मैदान पर उतारा है। उनके पिता दो बार विधायक रहे चुके हैं। छिबरामऊ सीट से सपा ने पूर्व विधाक अरविद यादव को टिकट दिया है।

बहुजन समाज पार्टी ने भी कन्नौज जिले की सदर सीट से बसपा समरजीत दोहरे को टिकट दिया है। बसपा ने छिबरमऊ से कमालगंज के पूर्व विधायक की पुत्रवधू वाहिदा बानो जूही पर दांव लगाया है। उनके ससुर अनवार अहमद साल 1977 में कमालगंज विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा उनके पति मरहूम सुल्तान अहमद शिब्बू समधन के चेयरमैन रह चुके हैं।

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कायमगंज सुरक्षित

सीट पर हुए पिछले चार विधानसभा चुनावों में एक- एक बार भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा को जीत मिली है। पिछले विधान सभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी के अमर सिंह ने समाजवादी पार्टी के डॉक्टर सुरभि को 36525 वोटों से हराया था। 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के अजीत कुमार ने बीजेपी के अमर सिंह को हराया था। बीएसपी के अनुराग तीसरे स्थान पर रहे थे।जबकि कांग्रेस के शकुंतला देवी चौथे स्थान पर रही थीं। 15 वीं विधानसभा के चुनावों में बीएसपी के कुलदीप सिंह गंगवार ने कांग्रेस की लुइस खुर्शीद को हराया था। बीजेपी की सुशीला शाक्य तीसरे स्थान पर रही थीं। जबकि समाजवादी पार्टी के छोटे सिंह यादव चौथे स्थान पर रहे थे। 2002 के चुनाव में कांग्रेस की लुइस खुर्शीद ने बीजेपी की सुशीला शाक्य को मात दी थी। समाजवादी पार्टी के प्रताप सिंह यादव तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीएसपी के सुरेंद्र सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।

कायमगंज सुरक्षित

विधानसभा संख्या-  192   

कुल मतदाता       —-  332545 

वर्तमान विधायक   —– अमर सिंह (भाजपा)

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अमृतपुर

विधानसभा क्षेत्र अमृतपुर वर्ष 2012 में अस्तित्व में आयी थी। यहां सर्वाधिक पिछड़ी जाति के मतदाता  हैं। विधानसभा में कुल आबादी की 43 फीसदी जनसंख्या पिछड़ी जाति की निवास करती है। इसलिए विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशी अपनी नजरें पिछड़ी जाति पर गड़ाये हुए हैं। पिछले चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी के सुशील कुमार शाक्य ने समाजवादी पार्टी के नरेन्द्र सिंह यादव को 40507 वोटों से हराया था। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के नरेंद्र सिंह यादव ने जेएकेपी के डॉ जितेंद्र सिंह यादव को हराया था। बीजेपी के सुशील कुमार शाक्य तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीएसपी के महावीर सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।

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अमृतपुर

विधानसभा संख्या-     193

कुल मतदाता       —-  तीन लाख से ज्यादा

वर्तमान विधायक   —- सुशील कुमार शाक्य (भाजपा)

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फर्रुखाबाद

यहां पर पिछले चार विधानसभा चुनावों में दो बार समाजवादी पार्टी और एक- एक बार बीजेपी और  निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली है। पिछली बार 2017 में यहाँ कुल 45.02 प्रतिशत वोट पड़े। तब  भारतीय जनता पार्टी के मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने बहुजन समाज पार्टी के मोहम्मद उमर खान को 45427 वोटों से हराया था। 2012 विधानसभा के चुनावों में सपा के विजय सिंह ने बीजेपी के मेजर सुनील दत्त को हराया था। बीएसपी के मो. उमर खान तीसरे स्थान पर रहे थे। 15 वीं विधानसभा के चुनावों में भी सपा के विजय सिंह ने बीजेपी के मेजर सुनील दत्त को हराया था। 2002 के चुनाव विजय सिंह निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में लड़े थे।

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फर्रुखाबाद

विधानसभा संख्या- 194  

कुल मतदाता       —-  सवा तीन लाख    

वर्तमान विधायक    —  मेजर सुनील दत्त (भाजपा)

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भोजपुर

इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से दो बार विधानसभा चुनाव हुआ है। 2017 में यहाँ कमल खिला था। तब भारतीय जनता पार्टी के नागेंद्र सिंह राठौर ने समाजवादी पार्टी के अरशद जमाल सिद्दीकी को 34877 वोटों से हराया था। इस बार यहाँ कुल 49.90 प्रतिशत वोट पड़े।16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के जमालुद्दीन सिद्दीकी ने जेएकेपी के मुकेश राजपूत को हराया था। बीजेपी के सौरभ राठौर तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीएसपी के महेश सिंह राठौर चौथे स्थान पर रहे थे। 

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भोजपुर

विधानसभा संख्या-   195

कुल मतदाता       —- 3,06,477      

वर्तमान विधायक  —-  नागेंद्र सिंह राठौर (भाजपा)

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कन्‍नौज जिला

छिबराममऊ

कन्नौज जिले की छिबरामऊ विधानसभा सीट पर पिछले चार विधानसभा चुनावों में दो- दो बार समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली है। पिछली बार 2017 में भारतीय जनता पार्टी की अर्चना पांडे ने बहुजन समाज पार्टी के ताहिर हुसैन सिद्दीकी को 37224 वोटों से हराया था। तब कुल 41.75 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16 वीं विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के अरविंद सिंह यादव ने बीएसपी के ताहिर हुसैन सिद्दीकी को हराया था। बीजेपी की अर्चना पांडेय तीसरे स्थान पर रही थीं। जबकि कांग्रेस के छोटे सिंह यादव चौथे स्थान पर रहे थे। 15 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के अरविंद सिंह यादव ने बीएसपी के जय कुमार तिवारी को हराया था। बीजेपी के राम प्रकाश त्रिपाठी तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के धर्मेंद्र यादव चौथे स्थान पर रहे थे। 14 वीं विधानसभा के चुनाव में बीजेपी के राम प्रकाश त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी के छोटे सिंह यादव को हराया था। बीएसपी के रजनी कांत तीसरे स्थान पर रहे थे।

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छिबराममऊ

विधानसभा संख्या-  196

कुल मतदाता       —-  4 लाख 52 हजार 294

वर्तमान विधायक   —- अर्चना पांडे (भाजपा)

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तिर्वा

इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें एक बार भाजपा और एक बार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है। पिछली बार 2017 में भारतीय जनता पार्टी से कैलाश सिंह राजपूत ने समाजवादी पार्टी के विजय बहादुर पाल को 24209 वोटों से हराया था। तब यहाँ कुल 46.71 प्रतिशत वोट पड़े। 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के विजय बहादुर पाल ने बीएसपी के कैलाश सिंह राजपूत को हराया था। बीजेपी के आलोक वर्मा तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के दिगंबर सिंह चौथे स्थान पर रहे थे।

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तिर्वा

विधानसभा संख्या-  197

कुल मतदाता       —- 326716     

वर्तमान विधायक   —- कैलाश सिंह राजपूत (भाजपा)

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कन्‍नौज

कन्नौज सीट पर अर्से से समाजवादी पार्टी का कब्जा है। पिछले चार विधानसभा चुनावों में हर दफा समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को ही जीत मिली है। पिछली बार 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी अनिल दोहरे ने भारतीय जनता पार्टी के बनवारी लाल दोहरे  को 2454 वोटों से हराया था। तब यहाँ  कुल 40.17 प्रतिशत वोट पड़े थे। 16 वीं विधानसभा के चुनावों में समाजवादी पार्टी के अनिल कुमार दोहरे ने बीएसपी के महेंद्र निम दोहरे को हराया था। तीसरे स्थान पर बीजेपी के बनवारी लाल दोहरे रहे थे। 2007 के चुनाव में भी अनिल कुमार ने बीएसपी के कल्याण सिंह दोहरे को हराया था। बीजेपी के बनवारी लाल दोहरे तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के राजेंद्र कुमार चौथे स्थान पर रहे थे। 2002 में 14 वीं विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के कल्याण सिंह दोहरे ने बीजेपी के बनवारी लाल दोहरे को मात दी थी।

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कन्‍नौज

विधानसभा संख्या-  198

कुल मतदाता       —- 362326

वर्तमान विधायक   —- अनिल कुमार दोहरे (सपा)      

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8. जिले का नाम कन्नौज

छिबरामऊ विस क्षेत्र संख्या 196

भाजपा – अर्चना पांडेय

सपा – अरविंद सिंह यादव

बसपा – वहीदा बानो जूही

कांग्रेस –  विजय मिश्रा

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तिर्वा विस क्षेत्र संख्या 197

भाजपा – कैलाश राजपूत

सपा – अनिल पाल

बसपा – अजय वर्मा

कांग्रेस – नामांकन निरस्त

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कन्नौज सदर विस क्षेत्र संख्या 198

भाजपा – असीम अरुण

सपा – अनिल दोहरे

बसपा – समरजीत दोहरे

कांग्रेस – विनीता देवी

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9. जिले का नाम फर्रुखाबाद

कायमगंज विस क्षेत्र संख्या 192

अपना दल – डा. सुरभि

सपा – सर्वेश अंबेडकर

बसपा – दुर्गा प्रसाद

कांग्रेस – शकुंतला देवी

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अमृतपुर विस क्षेत्र संख्या 193

भाजपा – सुशील शाक्य

सपा – डा. जितेंद्र यादव

बसपा – अमित कुमार सिंह

कांग्रेस – शुभम तिवारी

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फर्रुखाबाद सदर क्षेत्र संख्या 194

भाजपा – मेजर सुनीलदत्त द्विवेदी

सपा – सुमन शाक्य

बसपा – विजय कुमार कटियार

कांग्रेस – लुईस खुर्शीद

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भोजपुर विस क्षेत्र संख्या 195

भाजपा – नागेंद्र सिंह राठौर

सपा – अरशद जमाल सिद्दीकी

बसपा – आलोक वर्मा

कांग्रेस – अर्चना राठौर

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