Sunday, November 24, 2024
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जिला आजमगढ़ : सपा के गढ़ में भाजपा- बसपा की सेंधमारी

  जिले की राजनीति नेताजी यानि मुलायम सिंह यादव के इर्द- गिर्द घूमती रही है। नेताजी से समाजवादी पार्टी की विरासत जब अखिलेश यादव ने अपने हाथ में ली। तो वो भी यहीं से सांसद बने। इस बार भी कयास लगाए गए कि सपा सुप्रीमो यहाँ से अपने लिए सुरक्षित सीट चुनेंगे लेकिन आखिरी वक्त में अखिलेश यादव ने मैनपुरी की करहल विधान सभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया। शायद उनको अपने गढ़ पर इतना भरोसा है कि यहाँ से तो कोई भी सिपहसलार जीत ही जाएगा। ऐसे में उनको दूसरी सीट से विरोधियों को चुनौती देनी चाहिए। मतदाता पिछले चुनावों से जिस तरह से यहाँ पर समाजवादी पार्टी को जिताते रहे हैं, ऐसे में 2022 में भी सपा के किले में बसपा और भाजपा की सेंधमारी आसान नहीं दिख रही है।

महापंडित राहुल सांकृत्यायन और कैफी आजमी जैसे महान व्‍यक्तित्‍वों की भूमि कुछ दशकों से आतंक, अपराध और बाहुबलियों के इलाके के रूप में जानी गई लेकिन हाल के वर्षों में हालात बदले नजर आए हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रामनरेश यादव भी यहाँ की फूलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र के निवासी थे।  आजमगढ़ मंडल में आजमगढ़, मऊ और बलिया जिले आते हैं। अगर आजमगढ़ जिले की बात करें तो यादव और मुस्लिम बहुल इस जिले में 2017 में भी सपा और बसपा ने मोदी मैजिक नहीं चलने दिया था। 2012 में जिले की दस में से नौ सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा था। ऐसे में इस बार भी यहाँ भाजपा के लिए डगर आसान नहीं होगी।

2022 के विधान सभा चुनाव के लिए बीजेपी ने आजमगढ़ सदर से अखिलेश मिश्रा गुड्डू को, गोपालपुर विधानसभा से सत्येंद्र राय को प्रत्याशी बनाया है। लालगंज से नीलम सोनकर, मेंहनगर सुरक्षित सीट से मंजू सरोज को टिकट मिला है। दीदारगंज विधानसभा से कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा को और निजामाबाद विधानसभा से मनोज यादव को मैदान में उतारा गया है।

समाजवादी पार्टी ने भी यहाँ की सात सीटों पर अपने पत्ते खोल दिये हैं, इनमें आजमगढ़ की निजामाबाद सीट से आलमबदी, फूलपुर-पवई से रमाकांत यादव, दीदारगंज से कमलाकांत राजभर, लालगंज (एससी) से बेचई सरोज, गोपालपुर से नफीस अहमद, आजमगढ़ से दुर्गा प्रसाद यादव और अतरौलिया से संग्राम सिंह यादव को टिकट दिया है।

अतरौलिया विधानसभा सीट को पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे बलराम यादव इस सीट से 5 बार विधायक रहे हैं। अब उनके बेटे संग्राम यादव  इस सीट पर विधायक हैं। गोपालपुर विधानसभा सीट पर अब तक भाजपा का खाता भी नहीं खुला है। पिछले 30 साल में से 20 साल तक यह सीट समाजवादी पार्टी के कब्‍जे में रही है। वर्तमान में सपा के नफीस अहमद विधायक हैं।

मुबारकपुर सीट पर अगर जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता है।  मुस्लिम और यादव मतदाताओं के चलते यह सीट सपा बसपा के लिए मुफीद रही है। यहाँ कुल 20 प्रतिशत मुसलमान, 18 प्रतिशत यादव और 14 प्रतिशत जाटव, 13 प्रतिशत ठाकुर और 5 प्रतिशत ब्राह्मण मतदाता हैं। आजमगढ़ विधान सभा सीट से सपा के दुर्गा प्रसाद यादव अब तक 8 बार विधायक का सफर तय कर चुके हैं।

धार्मिक रूप से बेहद महत्‍व रखने वाले इस इलाके में सूफी संत निजाम-उद-दिन का मकबरा है। एक गुरुद्वारा भी है जिसमें सिखों क पहले गुरु नानक देव रुके थे। इस सीट के विधायक आलम बदी अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। विरोधियों के बीच भी  उनका सम्‍मान है। ऐसे में विरोधियों के लिए वो मजबूत चुनौती साबित होंगे।

फूलपुर पवई विधानसभा सीट पर अब तक सबसे ज्यादा यादव बिरादरी से विधायक चुनकर आए हैं। यहाँ  बाहुबली रमाकांत यादव  का प्रभाव है। इस सीट से खुद भी रमाकांत विधायक रह चुके हैं। 2017 में  रमाकांत यादव बागी होकर भाजपा में आए और अपने बेटे अरुण को को फूलपुर पवई से विधानसभा भेजने में सफल रहे। भाजपा ने साफ कर दिया है कि यहाँ से अरुण कान्त ही दोबारा उम्मीदवार हैं। दूसरी ओर सपा ने इस बार रमाकांत यादव को टिकट दे दिया है। ऐसे में यहाँ पिता पुत्र की लड़ाई रोचक होगी।

दीदारगंज विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने इस बार कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा को उम्मीदवार घोषित किया है। विश्वकर्मा पिछली बार भी भाजपा प्रत्याशी थे लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था। इस बार वो कमल खिला पाएंगे। या मतदाता तय करेंगे।

लालगंज विधानसभा सवर्ण बाहुल्य है  लेकिन यहां की राजनीति सपा-बसपा के इर्द-गिर्द ही घूमती दिखती है। क्षेत्र में सामान्य वर्ग से क्षत्रिय, भूमिहार, ब्राह्मण मिलाकर कुल साठ हजार, पिछडा वर्ग में यादव,  राजभर, चौहान, निषाद, मौर्या, बरई व अन्य पिछड़ा मिलाकर कुल 1,90000 वोटर हैं।  अनुसूचित जाति के 1,05 लाख, जबकि मुस्लिम मतदाता 35 हजार लगभग हैं।

जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर मेंहनगर विधानसभा क्षेत्र के पल्हना में मां पाल्हमेश्वरी धाम हैं। जो एक जागृत शक्तिपीठ है। यहां साल भर धार्मिक अनुष्ठान होते रहते हैं। दूर-दूर से लोग यहां दर्शन-पूजन करने आते हैं। यहाँ पर भी मुक़ाबला सपा, बसपा और भाजपा के बीच ही नजर आ रहा है।

आजादी की लड़ाई में आजमगढ़ के मधुबन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आजादी के बाद इस विधानसभा क्षेत्र के राजा नथमल के नाम नत्थूपुर रखा गया। बाद में परिसीमन में विधानसभा का नाम मधुबन हो गया। यहाँ पर लगातार सपा और बसपा जीतती आई है लेकिन 2017 की मोदी लहर में  पहली बार जनता ने बीजेपी को मौका दिया। तब दारा सिंह चौहान विजयी रहे लेकिन 2022 के चुनाव में वो भी अब भाजपा के दामन छोडकर सपा में चले गए हैं। ऐसे में भाजपा के लिए जिला आजमगढ़ में जीत की कठिन चुनौती है।  

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अतरौलिया

इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें 2017 के विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से डॉ. संग्राम यादव ने भारतीय जनता पार्टी के कन्हैया लाल निषाद  को 2467 वोटों से हराया था। उस समय यहाँ कुल 35.17 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 की 16वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के संग्राम यादव ने बहुजन समाज पार्टी सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा को हराया था। एसबीएसपी के राजेश यादव तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि जेपीएस के रामकिशुन को सिर्फ 04.74 फीसदी मतों के साथ रहना पड़ा था।

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अतरौलिया       

विधानसभा संख्या-  343    

कुल मतदाता       —-  3.5 लाख (अनुमानित)          

वर्तमान विधायक   —- डॉ. संग्राम यादव डॉ. संग्राम यादव (सपा)

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गोपालपुर

गोपालपुर सीट पर हुए पिछले चार विधानसभा चुनावों में तीन बार समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है। जबकि एक बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की। 2017 यहाँ  समाजवादी पार्टी के  नफीस जावेद ने भारतीय जनता पार्टी के श्रीकृष्ण पाल को 14960 वोटों से हराया था। उस समय यहां कुल 37.50 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के वसीम अहमद ने बहुजन समाज पार्टी के कमला प्रसाद यादव को हरा जीत हासिल की थी। तीसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के योगेंद्र यादव रहे थे। 15वीं विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के श्याम नारायण ने समाजवादी पार्टी के स्वामी को हरा जीत हासिल की थी। 14वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के वसीम अहमद ने बहुजन समाज पार्टी के रियाज खान को मात दी थी।

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विधानसभा संख्या-  344    

कुल मतदाता       —- 3.50 लाख         

वर्तमान विधायक   — नफीस जावेद (सपा )

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सगड़ी

सगड़ी विधानसभा में भी पिछले चुनावों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच ही सीधा मुक़ाबला रहा है। 2017 विधान सभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से बंदना सिंह ने समाजवादी पार्टी के जयराम पटेल को 5475 वोटों से हराया था। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के अभय नारायण ने बहुजन समाज पार्टी के संतोष कुमार सिंह को हरा जीत हासिल की थी। कांग्रेस के अरविंद कुमार जायसवाल तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि भारतीय जनता पार्टी के घनश्याम पटेल को चौथे स्थान पर रहना पड़ा था। 15वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सर्वेश कुमार सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के मलिक मसूद को हराया था। जेडीयू के खड़ग बहादुर तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि ध्रवु सिंह को सिर्फ 09.19 फीसदी मतों के साथ चौथे स्थान पर ही रहना पड़ा था। 14वीं विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के मलिक मसूद ने समाजवादी पार्टी के रामप्यारे सिंह को हराया था। वहीं अपना दल ते श्याम तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के अरविंद जायसवाल को चौथे स्थान पर रहना पड़ा था।

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सगड़ी

विधानसभा संख्या-   345   

कुल मतदाता       —- 2 लाख 3 हजार 528

वर्तमान विधायक  — बंदना सिंह (बसपा में थी अब भाजपा में)

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मुबारकपुर

मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी का वर्चस्व है। पिछले चार विधानसभा चुनावों में चारों  बार ही बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है । 2017 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव को 688 वोटों से हराया था। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में भी बहुजन समाज पार्टी के शाह आलम ने समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव को हराया था। वहीं भारतीय जनता पार्टी के राम दर्शन यादव तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के अब्दुसल्लाम को चौथे स्थान पर रहना पड़ा था। 15वीं विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के चंद्र देव ने समाजवादी पार्टी के राम दर्शन को हराया था। 14वीं विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के चंद्रदेव राम ने एलजेएनएसपी के यशवंत सिंह को हराकर फतह हासिल की थी। समाजवादी पार्टी के राम दर्शन को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा। जबकि एनसीपी के असलम सिर्फ 08.22 फीसदी मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे।

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मुबारकपुर

विधानसभा संख्या-    346

कुल मतदाता       —- 2,92,211

वर्तमान विधायक    — शाह आलम (बसपा)

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आज़मगढ़

आज़मगढ़ सीट पर अर्से से समाजवादी पार्टी के दुर्गा प्रसाद यादव  का कब्जा रहा है। पिछले चार  विधानसभा चुनावों में यहाँ समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को ही जीत मिली है। 2017 के विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के दुर्गा प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के अखिलेश को 26262 वोटों से हराया था। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में भी सपा के दुर्गा प्रसाद यादव ने बहुजन समाज पार्टी के सर्वेश सिंह सिप्पू को हराया था। भारतीय जनता पार्टी के जय नाथ तीसरे स्थान पर रहना पड़ा। 15वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के दुर्गा प्रसाद यादव ने बहुजन समाज पार्टी के रामाकांत को हरा जीत हासिल की। तीसरे स्थान पर निर्दलीय मैदान में उतरे दयाराम रहे। जबकि भारतीय जनता पार्टी के सुनील राय को सिर्फ 04.18 फीसदी मतों के साथ चौथे स्थान पर रहना पड़ा था। 14वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के दुर्गाप्रसाद यादव ने बहुजन समाजवादी पार्टी के आर पी राय को मात दी थी। भारतीय जनता पार्टी के छोटे लाल यादव तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि कांग्रेस के राम प्रताप यादव चौथे स्थान पर रहना पड़ा।

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आजमगढ़

विधानसभा संख्या-    347 

कुल मतदाता       —- 341273           

वर्तमान विधायक   — दुर्गा प्रसाद (सपा)

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निज़ामाबाद

इस सीट पर हुए पिछले चार विधानसभा चुनावों में तीन बार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली है। जबकि एक बार बहुजन समाज पार्टी को जीत मिली है । 2017 के विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से आलमबदी  ने बहुजन समाज पार्टी के चंद्र देव राम को 18529 वोटों से हराया था। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में भी सपा के आलमबदी ने बहुजन समाज पार्टी के कलिमुद्दीन खान को हराया था। तीसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी की रंजना देवी रही थी। 15वीं विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के अंगद यादव ने समाजवादी पार्टी के आलमबदी को हराया था। कांग्रेस के मूलचंद चौहान तीसरे स्थान पर रहे थे। 14वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के आलमबदी ने बहुजन समाज पार्टी के कलीमुद्दीन को हरा अपना परचम लहराया था। जबकि अपना दल ती विमला देवी तीसरे स्थान पर रही थीं। जबकि भारतीय जनता पार्टी के विजय बहादुर को चौथे स्थान पर रहना पड़ा था।
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निज़ामाबाद

विधानसभा संख्या-    348 

कुल मतदाता       —- 290045   

वर्तमान विधायक    — समाजवादी पार्टी के आलमबदी

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फूलपुर पवई

इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। 2017 के चुनाव यहाँ पर भारतीय जनता पार्टी के अरुण यादव ने बहुजन समाज पार्टी के अबुल कैस आजमी को 7295 वोटों से हराया था। इस चुनाव में यहाँ कुल 38.35 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के श्याम बहादुर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी के अबुल आज़मी को हरा जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस के अजय नरेश यादव को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा था। जबकि भारतीय जनता पार्टी के वीरेंद्र कुमार चौथे स्थान पर रहे थे।


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फूलपुर पवई

विधानसभा संख्या-    349 

कुल मतदाता       —-   3 लाख 23 हजार    

वर्तमान विधायक   —-  अरुण यादव (भाजपा)

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दीदारगंज

इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक दो बार विधानसभा चुनाव हुआ है। जिसमें एक बार बसपा और एक बार समाजवादी पार्टी को जीत मिली है।  2017 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी से सुखदेव राजभर ने समाजवादी पार्टी के आदिल शेख को 3645 वोटों से हराया था। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के आदिल शेख ने बहुजन समाज पार्टी के सुखदेव राजभर को हराया था। आरयूसी के भूपेंद्र तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि भारतीय जनता पार्टी के श्याम सुंदर चौहान को मात्र 01.81 फीसदी मतों के साथ चौथे स्थान पर ही रहना पड़ा था।
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दीदारगंज              

विधानसभा संख्या-    350 

कुल मतदाता       —- 3 लाख 88 हजार  

वर्तमान विधायक   —- सुखदेव राजभर (बसपा)

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लालगंज

इस सीट पर पिछले चार विधानसभा चुनावों में बहुजन समाज पार्टी को तीन बार जीत मिली। जबकि एक बार सीट पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली। 2017 में बहुजन समाज पार्टी से आजाद अरिमर्दन ने भारतीय जनता पार्टी के दरोगा प्रसाद सरोज को 2227 वोटों से हराया था। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के बेचई को बहुजन समाज पार्टी के हीरालाल गौतम को हराया था। भारतीय जनता पार्टी की ज्ञानमती तीसरे स्थान पर रही थी। जबकि कांग्रेस के बलिहारी बाबू सिर्फ 07.66 फीसदी मतों के साथ चौथे स्थान पर रहे थे।

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लालगंज सुरक्षित

विधानसभा संख्या-    351 

कुल मतदाता       —- 404000 

वर्तमान विधायक    —- आजाद अरिमर्दन (बसपा)

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मेहनगर

मेहनगर सीट पर 2017 में समाजवादी पार्टी से कल्पनाथ पासवान ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मंजू सरोज को 5412 वोटों के मार्जिन से हराया था। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के बृजलाल सोनकर ने बहुजन समाज पार्टी के विद्दा चौधरी को हराकर अपना परचम लहराया था। भारतीय जनता पार्टी  के कल्पनाथ पासवान तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि सीपीएम के राम जग को सिर्फ 03.75 फीसदी मतों के साथ चौथे स्थान रहना पड़ा था। इस सीट के पिछले कुछ चुनाव नतीजों को देखने से पता चलता है कि यहां सपा और बसपा के बीच सीधी टक्कर रही है। ऐसे में भाजपा या कांग्रेस के लिए 2022 के चुनाव में जीत हासिल करना आसान नहीं होगा।

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मेहनगर

विधानसभा संख्या-    352 

कुल मतदाता       —- 4.12 लाख (अनुमानित)

वर्तमान विधायक   — कल्पनाथ पासवान (सपा)

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मधुबन

मधुबन विधानसभा 2008 में अस्तित्व में आई। पहले ही चुनाव में यहां से बहुजन समाज पार्टी ने समाजवादी पार्टी को बेहद मामूली अंतर से पराजित कर सीट पर कब्जा जमाया था। इस सीट पर 2012 तक सपा और बसपा के बीच मुख्य लड़ाई होती थी लेकिन 2017 की मोदी लहर में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के दारा सिंह चौहान ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अमरेश चंद को 29415 वोटों से हराकर सारे समीकरण ध्वस्त कर दिये। 2012 में 16वीं विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उमेश पांडेय ने समाजवादी पार्टी के राजेंद्र मिश्रा को हराया था। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के उत्पल रहे थे। जबकि एसबीएसपी के हृदय नारायण को चौथे स्थान पर रहना पड़ा था।

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मधुबन

विधानसभा संख्या-  353    

कुल मतदाता       —- 377,976             

वर्तमान विधायक    —– दारा सिंह चौहान (भाजपा) अब सपा में घोसी से चुनाव लड़ रहे हैं।  

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