- केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने चेन्नई में पहली आसियान-भारत क्रूज वार्ता का उद्घाटन किया
- “भारत वैश्विक दक्षिण में क्रूज पर्यटन हब विकसित करने के लिए आसियान देशों के साथ मिलकर काम करेगा”: श्री सर्बानंद सोनोवाल
चेन्नई : भारत के विदेशों से सदियों पुराने समुद्री संबंध अब क्रूज पर्यटन और नीली अर्थव्यवस्था सहयोग के माध्यम से पुनर्जीवित होंगे। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री (एमओपीएसडब्ल्यू) सर्बानंद सोनोवाल ने चेन्नई में पहली बार आसियान-भारत क्रूज वार्ता का उद्घाटन किया। भारत द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में आसियान के सभी सदस्य देश यानी ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम के साथ-साथ तिमोर लेस्ते भी भाग ले रहे हैं। इस वार्ता का उद्देश्य समुद्री सहयोग को मजबूत करना, क्रूज कनेक्टिविटी को बढ़ाना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सतत पर्यटन को बढ़ावा देना है।
यह सम्मेलन चेन्नई बंदरगाह पर एमवी एम्प्रेस (कॉर्डेलिया क्रूज जहाज) पर आयोजित किया गया, जिसमें आसियान देशों के 30 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। हितधारकों और पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, यह कार्यक्रम यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल ममल्लापुरम में जारी रहेगा। केंद्रीय मंत्री के साथ केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर और अन्य लोग भी उपस्थित थे।
केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत आसियान देशों के साथ क्रूज कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 5,000 किलोमीटर नौगम्य जलमार्गों के व्यवसायीकरण की योजना बना रहा है। चेन्नई में आसियान-भारत क्रूज वार्ता के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि सागर माला पहल का लक्ष्य 2029 तक दस लाख क्रूज यात्रियों का है, जिसमें नीतिगत सुधारों, कर उपायों और बेहतर बंदरगाह बुनियादी ढांचे के कारण 2013-14 के 102 से बढ़कर आज 14,000 से अधिक जहाज यात्राएं शामिल हैं।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, “तटीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और सीमा शुल्क और आव्रजन को आधुनिक बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन को भारत और आसियान देशों के बीच अधिक सहयोग एवं सहभागिता के साथ प्राप्त किया जा सकता है। भारत आसियान देशों के साथ बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र में क्रूज पर्यटन और पर्यटन सर्किट विकसित करने की योजना बना रहा है। रियल टाइम में ट्रैकिंग और आधुनिक टर्मिनलों द्वारा समर्थित भारतीय बंदरगाहों को आसियान गंतव्य-स्थल से जोड़ने वाले एक एकीकृत क्रूज नेटवर्क की परिकल्पना की जा रही है, जिस पर इस सम्मेलन में विचार-विमर्श किया जाएगा। हमारा प्रयास विकसित भारत 2047 और आसियान समुदाय विजन 2045 के साथ तालमेल बिठाना है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करना है। साथ मिलकर, हम हिंद महासागर में भारत और आसियान देशों के सांस्कृतिक रूप से जीवंत तटीय शहरों और क्षेत्रों के बीच एक स्थायी क्रूज सर्किट विकसित करना चाहते हैं ताकि किसी भी यात्री को बेहतर यात्रा का अनुभव प्रदान किया जा सके और इसे वैश्विक दक्षिण के क्रूज पर्यटन के हब के रूप में बदला जा सके।”
उद्घाटन के अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “भारत हमारे जीवंत तटीय शहरों और सांस्कृतिक स्थलों को जोड़ने वाले नए क्रूज सर्किटों को सहयोग व बढ़ावा देने के लिए आसियान सदस्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस वार्ता से इस क्षेत्र को वैश्विक दक्षिण के क्रूज पर्यटन का हब बनाने की संभावना तलाशी जा सकेगी। साथ मिलकर, हम आधुनिक बंदरगाहों, कुशल ट्रैकिंग प्रणालियों और मजबूत सपोर्ट मेकेनिज्म के माध्यम से भारत को आसियान देशों से जोड़ने वाला एक एकीकृत क्रूज नेटवर्क स्थापित कर सकते हैं।”
यह वार्ता क्रूज पर्यटन, बंदरगाह अवसंरचना विकास, नियामक अनुपालन तथा बंगाल की खाड़ी और उससे आगे सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक केंद्रों को जोड़ने वाले क्रूज मार्गों की पहचान को लेकर सहयोग के लिए एक उच्च-स्तरीय मंच के रूप में कार्य करती है। इसमें भारत के बड़े समुद्री दृष्टिकोण के अनुरूप एक आसियान-भारत क्रूज पर्यटन गलियारे की स्थापना की भी परिकल्पना की गई है। दो विषयगत सत्र “आसियान-भारत सहयोग कोष: व्यापार और निवेश” और “आसियान-भारत क्रूज पर्यटक सर्किट: क्रूज पर्यटन” पर चर्चा का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह भी कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, क्रूज़ भारत मिशन, मैरीटाइम इंडिया विज़न 2030 और मैरीटाइम अमृत काल विज़न 2047 का उद्देश्य भारत को क्रूज़ पर्यटन में एक वैश्विक स्तर पर अग्रणी के रूप में स्थापित करना है, जो असाधारण और किफ़ायती क्रूज़िंग अनुभव प्रदान करता है। निजी और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर अधिक सहयोग और सहभागिता के साथ, यह सम्मेलन क्रूज़ पर्यटन को पूरे क्षेत्र में आर्थिक विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और रोज़गार सृजन के लिए एक प्रेरक के रूप में कार्य करने की अपनी परिवर्तनकारी क्षमता का एहसास करने के लिए शक्ति प्रदान कर सकता है। भारत और आसियान देश मिलकर वैश्विक दक्षिण के क्रूज़ पर्यटन का हब बन सकते हैं।”
प्रतिभागियों में क्षेत्र के नीति-निर्माताओं के साथ-साथ उद्योग जगत के प्रमुख भी शामिल हैं, जो कनेक्टिविटी अंतराल, विनियामक सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों और क्षेत्र में समावेशी व टिकाऊ क्रूज विकास को बढ़ावा देने के मार्गों पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं। भारत सरकार आसियान-भारत क्रूज वार्ता को एक रिकरिंग मल्टीलैटरल फोरम के रूप में देखती है जो क्षेत्रीय समुद्री विकास और लोगों के बीच संपर्क के लिए एक रणनीतिक कारक के रूप में काम करेगा। यह संस्करण भारत और आसियान को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्रूज पर्यटन के केंद्र में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस वार्ता को संबोधित करते हुए, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने कहा, “आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का आधार है और एक शांतिपूर्ण, समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। हमारे सदियों पुराने समुद्री संबंध अब क्रूज पर्यटन और नीली अर्थव्यवस्था सहयोग के माध्यम से पुनर्जीवित होंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में, भारत एक वैश्विक समुद्री शक्ति के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए समुद्र तटों, अंतर्देशीय नदियों और अंतर्राष्ट्रीय जल क्षेत्रों में एक समग्र समुद्री दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ रहा है।”
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान, वार्ता प्रतिभागी ममल्लापुरम का भी दौरा करेंगे, जिसमें विरासत आधारित क्रूज पर्यटन और आसियान-भारत सहयोग पर सत्र आयोजित होंगे। प्रतिनिधि तट पर स्थित मंदिरों और चट्टानों को काटकर बनाए गए स्मारकों का भी दौरा करेंगे तथा भारत के सांस्कृतिक और तटीय पर्यटन आकर्षण पर प्रकाश डालेंगे। आसियान-भारत क्रूज वार्ता 2025 ‘समुद्री अमृत काल विजन 2047’ और राष्ट्रीय क्रूज पर्यटन रणनीति के तहत राष्ट्रीय लक्ष्यों का समर्थन करती है, जो मजबूत समुद्री साझेदारी और आधुनिक क्रूज अवसंरचना के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
पहली वार्ता में पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टी. के. रामचंद्रन, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के विशेष सचिव श्री राजेश कुमार सिन्हा, पत्तन, पोत परिवहन जलमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री वेंकटेशपति, चेन्नई बंदरगाह प्राधिकरण और आईपीए के अध्यक्ष श्री सुनील पालीवाल, क्रूज़ भारत मिशन के सलाहकार श्री राजीव जलोटा, तमिलनाडु सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. के. मणिवासन और आसियान में भारत के राजदूत श्री श्रीनिवास गोत्रु के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।