लखनऊ : “पुरबी बयार” भोजपुरी साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित प्रथम काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपने पाठ से लोगों का मन मोह लिया| समारोह की अध्यक्षता नरेन्द्र भूषण ने की| सभी ने भोजपुरी में पाठ कर माहौल में समां बाँध दिया|
मुख्य अतिथि आदरणीया मनोरमा लाल जी पुरबी बयार साहित्यिक संस्था के आपन आशीर्वाद देके सब भोजपुरिया भाषी लोगन से कहनी ह की सबलोग आपस में मिलले पर भोजपुरिए में बोली बतियाई।हिंदी में अगर दस गीत लिखल जाता त भोजपुरी में एक रचना जरूर लिखी सभे।
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 सुभाष चंद रसिया जी सभे उपस्थित भोजपुरी साहित्यकार लोगन के स्वागत आ अतिथि लोगन के माल्यार्पण कइके स्वागत कइनी ह।
संस्था के सांस्कृतिक अध्यक्ष आर्यावर्ती सरोज “आर्या” अउरी कोषाध्यक्ष शीला वर्मा मीरा रहली।
“बरगद पीपल नीम के,कितना मीठा छाँव।
याद बहुत आवे हमे,आपन प्यारा गाँव।।”
डॉ0 सुभाष चंद रसिया
कार्यक्रम में अध्यक्ष श्री नरेन्द्र भूषण जी ने अपने विचार ब्यक्त करते हुए “भोजपुरी को मिठास से पूर्ण भाव रस अभिब्यक्ति का साधन बताया।इन्होंने कहा कि सभी लोग अन्य के साथ भोजपुरी में भी रचना करते रहिए।नियमित कार्यक्रम करते रहें।पुरबी बयार के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए नव वर्ष की भी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में निम्न कवियों के काव्यपाठ किया।
महेश चंद गुप्ता जी के संयोजन में आयोजित भइल काव्य समारोह में
आर्यावर्ती सरोज जी,लोकेश त्रिपाठी,संध्या त्रिपाठी, श्यामल मजुमदार, प्रतिभा सिंह,डॉ0 विभा प्रकाश,प्रशांत त्रिपाठी, अलका अस्थाना,रमाशंकर सिंह,शीला वर्मा मीरा,कृष्णानन्द राय, रमेश चंद गुप्त,राजेश सिंह श्रेयस,अगम दयाल जी ने अपनी अपनी रचना के पाठ कइले। अंत में संस्था की सांस्कृतिक सचिव आर्यावर्ती सरोज “आर्या ” ने आभार ज्ञापन किया। और साथ ही अगली गोष्ठी तक के लिए कार्यक्रम स्थगित किया गया।