क्रांतिधरा साहित्य अकादमी द्वारा ‘भूटान भारत साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव’ का आयोजन
थिंपु : क्रांतिधरा साहित्य अकादमी, मेरठ, भारत द्वारा चारू साहित्य प्रतिष्ठान, कोसी प्रदेश, नेपाल और भूटान पोयट्री क्लब के सहयोग से ‘भूटान भारत साहित्य व सांस्कृतिक महोत्सव’ का आयोजन भव्य सभागार व्हाइट तारा में आयोजित किया गया । जिसमें भूटान के शिक्षाविद्, लेखक, कवि, चारूकार आदि शामिल रहे, इसके साथ ही समस्त भारत से 70 से अधिक नवोदित व वरिष्ठ लेखक, कवि, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता व शिक्षाविद लोगों की सहभागिता रही । संचालन डा विजय पंडित और डॉ कविता विकास द्वारा किया गया।
भूटान भारत साहित्य महोत्सव, थिंफू, भूटान उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता राजेन्द्र मोहन शर्मा की रही और अपने संबोधन में भूटान और भारत के ऐतिहासिक संबंधों की मजबूती के लिए इस तरह के आयोजनों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका बताई । मुख्य अतिथि अतिथि मास्को, रूस से आमंत्रित अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शायरा, समाजसेवीका डॉ श्वेता सिंह उमा रहीं उन्होंने अपने उद्बोधन में सकारात्मक लेखन और जिम्मेदार लेखन पर जोर दिया । उद्घाटन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में भूटान पोयट्री क्लब की संस्थापक सीता माया राई, भूटान में वरिष्ठ शिक्षाविद डा देवेंद्र अरोड़ा, डा विमला भंडारी, राजेन्द्र पुरोहित रहे।

भूटान भारत साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजक डॉ विजय पंडित, सतेन्द्र शर्मा और सीमा शर्मा ने अतिथियों का अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया।
सभी मंचासीन अतिथियों द्वारा एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का विमोचन किया गया साथ ही संस्थान की ओर से राजेन्द्र मोहन शर्मा को डा योगेंद्र नाथ शर्मा अरूण साहित्य शिरोमणि अवार्ड, डॉ कविता विकास को अंतरराष्ट्रीय भूटान भारत साहित्य रत्न अवार्ड, डा मधु खंडेलवाल, राजेन्द्र पुरोहित, डा विमला भंडारी, डा विष्णु भंडारी को लाईफ टाईम अचीवमेंट अवार्ड, अंतरराष्ट्रीय आल्हा गायक संग्राम सिंह को अंतरराष्ट्रीय भूटान भारत मैत्री अवार्ड, अंतरराष्ट्रीय भूटान भारत तथागत गलोबल पीस अवार्ड डा सतेन्द्र शर्मा और डा अरविन्द यादव, अंतरराष्ट्रीय भूटान भारत शिक्षा शिरोमणि अवार्ड डा ममता शर्मा, नूतन सिन्हा, डा ब्रजलता शर्मा, अंतरराष्ट्रीय भूटान भारत साहित्य शिरोमणि अवार्ड सीमा वर्णिका, डा हेमप्रभा हाजरिका, अंतरराष्ट्रीय भूटान भारत समाज शिरोमणि अवार्ड डा अनीता गुरूंग, अंतरराष्ट्रीय भूटान भारत समाज रत्न अवार्ड से मनमाया गुरूंग व अन्य श्रेष्ठ साहित्यिक विभूतियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के आयोजक डॉक्टर विजय पंडित ने अपने संबोधन में कहा कि भूटान भारत साहित्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव वसुद्धैव कुटुम्बकम की भावना के साथ आयोजित किया जा रहा है जिसके माध्यम से दोनों देशों के मध्य ऐतिहासिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संबंधों को मजबूती प्रदान करना है। यह आयोजन दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर सहयोग की भावना, भाईचारा, प्रेम, साहित्य का अनुवाद व लेखन, पठन पाठन के दायरे को विस्तार प्रदान करते हुए एक सशक्त साहित्यिक सेतु का निर्माण करता है।
भूटान भारत साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारंभ सरस्वती प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना, श्रीगणेश वंदना द्वारा किया।
लघुकथा सत्र में राजेन्द्र पुरोहित, डा विमला भंडारी, मधुर कुलश्रेष्ठ, ज्योत्सना सक्सेना शामिल रहे सभी ने लघुकथा पाठ किया।
कहानी सत्र में मृदुला श्रीवास्तव और डा कुसुम सरसवाल ने कहानी पाठ किया।
तृतीय सत्र बहुभाषी कविता, चारू को समर्पित रहा जिसका संचालन डॉ कविता विकास द्वारा किया गया।
भूटान की राजधानी थिंफू के भव्य सभागृह व्हाइट तारा में आयोजित भूटान भारत साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव के दुसरे दिन प्रथम सत्र में पुस्तकों के विमोचन और प्रो अजय कुमार श्रीवास्तव द्वारा अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया।
मंचासीन अतिथयों में प्रो अजय कुमार श्रीवास्तव, हेमंत सक्सेना, डा मधु खंडेलवाल, डा विमला भंडारी, सीमा शर्मा, आचार्य खेमचंद शास्त्री, कन्हैया लाल भ्रमर और सत्र अध्यक्ष राजेन्द्र मोहन शर्मा रहे। सत्र संचालन डॉ विजय पंडित और डा सीमा वर्णिका ने किया।

सत्र अध्यक्ष राजेंद्र मोहन शर्मा ने अपने सम्बोधन में आयोजन को भूटान और भारत के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक संबंधों के लिए मील का पत्थर बताया और कहा की भविष्य में भी ऐसे आयोजन निरंतर होते रहने चहिये, आयोजक डॉ विजय पंडित को विशेष रूप से बधाई देते हुए सभी अतिथियों का अभिनन्दन किया।