युवाओं को 2047 के भारत का वास्तुकार बताते हुए, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री; अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री; कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री; और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. जितेंद्र सिंह ने उनसे “विकसित भारत” के निर्माण में अपनी भूमिका को पहचानने का आह्वान किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में विकसित भारत एम्बेसडर – युवा कनेक्ट कार्यक्रम के झारखंड चैप्टर को संबोधित कर रहे थे।
सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, “भारत 2047 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। आज के युवा विकसित भारत के वास्तुकार हैं।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के शक्तिशाली नेतृत्व के कारण विश्व स्तर पर भारतीय युवाओं की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
उन्होंने विकसित भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया, जिसके लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज रांची विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में विकसित भारत एम्बेसडर – युवा कनेक्ट कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के कड़ी मेहनत और दूरदर्शी कार्यक्रमों के कारण 2014 के बाद से वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति में नाटकीय बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भारतीय विदेश में अपनी पहचान बताने में झिझकते थे, जबकि अब वे गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कई दूरदर्शी योजनाओं और आंकड़ों का उदाहरण देते हुए इस सकारात्मक बदलाव को लाने के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा साहस, समर्पण और नवीन रणनीतियों के आधार पर की गई कड़ी मेहनत पर प्रकाश डाला।
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इस बदले हुए माहौल का पूरा लाभ उठाएं और खुद को विकसित भारत के लिए तैयार करें, ताकि उनकी भूमिका अधिक प्रभावशाली हो सके।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह शनिवार को रांची विश्वविद्यालय, रांची में “विकसित भारत एम्बेसडर – युवा कनेक्ट” कार्यक्रम के भाग में छात्रों के एक संवादात्मक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री ने पुराने 2,000 नियमों को समाप्त कर दिया है, जिससे युवाओं को उनके भविष्य के प्रयासों में अधिक सुविधा मिली है।
उन्होंने पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा अंतरिक्ष नीति में किए गए बदलावों का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया कि केवल तीन वर्षों में स्टार्टअप की संख्या लगभग नौ से बढ़कर तीन सौ हो गई है। उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र सरकार ने न केवल COVID-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान लोगों की सहायता करने के लिए बल्कि उसके बाद उनकी स्थितियों में सुधार करने के लिए भी प्रौद्योगिकी का प्रभावीशाली ढंग से प्रयोग किया है।
उन्होंने कहा कि 2014 की तुलना में आज स्थिति में काफी सुधार हुआ है, तब भारत को दुनिया की शीर्ष पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में देखा जाता था, जबकि आज इसे दुनिया की शीर्ष पांच मजबूत अर्थव्यवस्थाओं के रूप में देखा जाता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लगभग 2000 अप्रचलित नियमों और विनियमों को खत्म कर दिया है ताकि युवाओं को बेहतर भविष्य के लिए अपने प्रयासों में अधिक परेशानियों का सामना न करना पड़े।