इंदौर : रोटरी काव्य मंच की 159 वी आन लाइन ऑडियो काव्य गोष्ठी,”सुपर हीरो! हम सबके पापा जी” का आयोजन किया गया|
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की स्थापना, दीप प्रज्वलन,माल्यार्पण के पश्चात सरस्वती वंदना से किया गया| डॉ, स्वाति सिंह ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया| शोभारानी तिवारी जी ने मुख्य अतिथि डॉ मनीष शुक्ल का परिचय का वाचन किया रो,राजेंद्र खरे जी ने सम्मान पत्र का वाचन किया| रो,अशोक द्वेदी जी ने अपने सारगर्भित भाषण दिया| अध्यक्ष रो, डॉ, बनवारी लाल जाजोदिया, यथार्थ ने कहां कि “पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिकेय जी ने पूरी पृथ्वी के चक्कर लगा कर भी वह अधिकार न पा सके। जो श्रीगणेश ने अपने माता,पिता की परिक्रमा कर प्रथम पूजनीय बने,उन्होंने सिद्ध किया कि संतान के लिए माता,पिता त्रिलोक के समान होते है! मनु कहते है कि हमारे कारण ही माता,पिता दुखी और क्लेश में रहते है जबकि बच्चा मां के जिगर का टुकड़ा होता है| लेकिन वर्तमान जमाने में आज्ञाकारी पुत्रों की उपज कम होती जा रही है,श्रवण कुमार तो किवदंती बन कर रह गए?!!,
इस विशेष काव्य गोष्ठी के मुख्य अतिथि थे डॉ, मनीष शुक्ल, वरिष्ठ साहित्यकार,लखनऊ से| उन्होंने ने भी पिता के महत्व से अवगत कराया कि पिता वह छाया है जिसके नीचे पढ़ लिखकर उनके बच्चे फलदार वृक्ष बनकर दुनिया के लिए उदाहरण बने ओर उनका नाम रोशन करें| पिता को त्याग की मूर्ति और भगवान का अवतार बताया जो हर क्षण साथ खड़ा मिलेगा उनके आशीर्वाद की ताकत को कोई भी हथियार न मार सकता न काट सकता|
इस काव्य गोष्ठी का संचालन शोभारानी तिवारी जी और रो,राजकुमार हांडा जी ने बखूबी निभाया और निम्न कवियों को बारी बारी से बुलाते गए,जिनमे प्रमुख थे,नीति अग्निहोत्री,रानी नारंग, शोभारानी तिवारी,संतोष तोषनीवाल,सेशनारायण चौहान,राजकुमार हांडा,शिशिर देसाई,रो,राजेंद्र खरे,प्रो,अनुराग खरे, डॉ,राजगोस्वामी,प्रो,शुभकुमार, डॉ,मीना परिहार, डॉ, जवाहर गर्ग, लंदन,हुकुमचंद कटारिया, पूर्णचंद्र शर्मा, डॉ,रामस्वरूप साहू,श्री जय प्रकाश अग्रवाल, काठमांडू, नेपाल,मंजू खरे,दतिया, डॉ,शिरोमणि माथुर छत्तीसगढ़, डॉ, स्वाति सिंह, डॉ, बनवारीलाल जाजोदिया, यथार्थ,सोनल सीकर, रो,महेंद्र शर्मा, डॉ,विजय लक्ष्मी,आगरा, डॉ,मनीष शुक्ल, लखनऊ, डॉ,बिनोद हंसोड़ा,ऐन,के साहू,मनोहर गोरे,लंदन, रशीद अहमद शेख,अनिल वर्मा अलीगढ़,श्री राजेंद्र पसारी, डीडवाना से,आभार माना, डॉ,राजेंद्र खरे जी ने राष्ट्रगान के बाद इस काव्य गोष्ठी की समाप्ति की घोषणा सबका आभार जताया|