Friday, October 18, 2024
Homeराजनीतिअंतर्राष्ट्रीयभारत- अफ्रीका मिलकर पूरा कर सकते हैं विश्व की एक- तिहाई का...

भारत- अफ्रीका मिलकर पूरा कर सकते हैं विश्व की एक- तिहाई का सपना   

भारत-अफ्रीका साझेदारी को जनसांख्यिकीय लाभांश का आशीर्वाद प्राप्त है और यह इस सदी में वैश्विक प्रगति को आगे बढ़ा सकती है: पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण व वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और अफ्रीका ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों के स्वाभाविक साझेदार हैं। श्री गोयल ने आज नई दिल्ली में ‘भारत-अफ्रीका साझेदारी’ पर आयोजित सीआईआई- एक्जिम बैंक सम्मेलन में अपना प्रमुख भाषण दिया। मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि महात्मा गांधी ने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का अनुपालन किया था और श्री नेल्सन मंडेला ने इस अमूल्य विरासत को आगे बढ़ाया।

श्री गोयल ने अफ्रीकी क्षेत्र के 15 राजदूतों के साथ अपनी हालिया बातचीत का उल्लेख किया, जो इस संबंध को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक कदम था। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अफ्रीका के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 9.26 फीसदी बढ़कर लगभग 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। श्री गोयल ने आगे बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में निर्यात 5,120 करोड़ अमेरिकी डॉलर और आयात 4,665 करोड़ अमेरिकी डॉलर के साथ निर्यात व आयात लगभग संतुलित था। उन्होंने साल 2030 तक व्यापार की मात्रा को दोगुना करके 200 बिलियन करोड़ अमेरिकी डॉलर करने के लक्ष्य को प्राप्त करने का विश्वास व्यक्त किया। मंत्री ने कहा कि आकांक्षी युवाओं की आबादी इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता कर सकती है।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि अफ्रीका के 27 सबसे कम विकसित देश (एलडीसी) पहले से ही गैर-पारस्परिक आधार पर शुल्क मुक्त टैरिफ प्राथमिकता से लाभान्वित हैं और अन्य अफ्रीकी देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) व व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) की संभावना का भी पता लगाया जा सकता है।

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पिछले 9 वर्षों में समान भागीदार के रूप में एक साथ विकसित होने की भावना भारत-अफ्रीका संबंधों का मार्गदर्शन करती है। श्री गोयल ने आगे कहा कि इसी भावना ने दोनों पक्षों के बीच साझेदारी की नींव को मजबूत किया है और आपसी भाईचारा को स्थापित किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री की बातों का उल्लेख किया। मंत्री ने कहा, “अफ्रीका हमारी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर होगा। हम अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को और अधिक मजबूत करना जारी रखेंगे। जैसा कि पहले हमने दिखाया है, यह आगे भी निरंतर और नियमित रहेगा।”

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-अफ्रीका के पास विश्व की लगभग एक-तिहाई आबादी के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायता करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीका, दोनों को जनसांख्यिकीय लाभांश का आशीर्वाद प्राप्त है और इस सदी में कौशल विकास व युवाओं की शिक्षा के साथ यह साझेदारी वैश्विक प्रगति को आगे बढ़ा सकती है।

मंत्री ने आगे इस बात को रेखांकित किया कि कैसे भारत वैश्विक दक्षिण (दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और ओसिनिया) की आवाज बन सकता है और बहुपक्षीय मंचों पर वैश्विक दक्षिण की आवाज उठा सकता है। श्री गोयल ने समतापूर्ण और समावेशी विकास सुनिश्चित करने को लेकर विश्व की भू-राजनीति को प्रभावित करने के लिए वैश्विक दक्षिण को एक शक्तिशाली आवाज बनाने पर जोर दिया। श्री पीयूष गोयल ने आगे उल्लेख किया कि भारत जरूरत के समय अफ्रीका के लिए एक सच्चा दोस्त है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से अपने अफ्रीकी भाइयों और बहनों को दवाओं, टीकों और अन्य उपकरणों उपलब्ध करवाकर सहायता प्रदान की।

श्री गोयल ने “एक विश्व, एक ग्रिड” के सपने को साकार करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और अफ्रीका के बीच सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीका नवीकरणीय ऊर्जा, विशेष रूप से जमीन के ऊपर और पानी के नीचे ट्रांसमिशन (पारेषण) लाइनों के माध्यम से परस्पर ग्रिडों के साथ सौर ऊर्जा के उत्पादन में अग्रणी बनने के लिए अद्वितीय रूप से तैयार हैं। मंत्री ने कहा कि इस सस्ती ऊर्जा की क्षमता का प्रभावी ढंग से पूरे दिन लाभ उठाया जाना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) में 20 से अधिक अफ्रीकी देशों की भागीदारी की प्रशंसा की।

मंत्री ने आगे कहा कि भारत का यह दृढ़ विश्वास है कि वैश्विक स्तर पर अफ्रीका का उत्थान मौजूदा समय में काफी जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत और अफ्रीका इस महत्वाकांक्षा को प्राप्त करने के लिए त्वरित गति से एक साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत की स्टार्टअप क्रांति और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), को-विन, एक राष्ट्र- एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) और डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) व्यापार करने में सुगमता व जीवन जीने में आसानी के संवर्द्धन में सहायक रहे हैं और अफ्रीका को इनसे लाभान्वित करने के लिए इसे सफलतापूर्वक दोहराया जा सकता है। इसके अलावा श्री गोयल ने अफ्रीका और भारत के बीच सड़क यातायात, रेलवे व पत्तनों जैसे लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में और अधिक सहयोग व एक विविध, मजबूत और लचीली आपूर्ति श्रृंखला की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया।

श्री गोयल ने कहा कि भारत और अफ्रीका, दोनों समानता व स्वतंत्रता के मूल्यों को साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की शुरुआत साल 2005 में हुई थी, उस समय से यह भारत और अफ्रीका के बीच आपसी संबंधों को आगे बढ़ाने के साथ मजबूत कर रहा है। मंत्री ने इस साझेदारी को और अधिक बढ़ाने के लिए एक मंच पर भारत और अफ्रीका के उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों और नीति निर्माताओं को एक साथ लाने में सम्मेलन की निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया|

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments