Thursday, November 21, 2024
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किडनी की कहानी : होती है ट्रांसप्लांट की भी अपनी आयु

लालू यादव के बेटी ने प्रस्तुत किया उदहारण

अमर सिंह उधार की किडनी से 11 वर्ष जी गए, मगर सुषमा स्वराज और अरुण जेटली इतने भाग्यशाली नहीं रहे

लेखक – लव कुमार सिंह

1950 में 17 जून को दुनिया का पहला किडनी प्रत्यारोपण किया गया था। इस दिन शिकागो में 44 साल की महिला रुथ टकर के शरीर में किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी। एक घंटे के ऑपरेशन को डॉ. रिचर्ड लालर ने अंजाम दिया था। उस पहले ऑपरेशन से प्रत्यारोपित हुई किडनी ने महज 53 दिन तक ही काम किया था। उस पहले किडनी प्रत्यारोपण को 70 साल से ज्यादा हो गए हैं और किडनी ट्रांसप्लांट आज एक आम सी बात हो गई है, लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उसके काम करने की अवधि को लेकर अभी भी कोई निश्चिच समय तय नहीं हो पाया है। अब देखिए ना राजनीति के प्रबंधक, राज्यसभा के पूर्व सदस्य और समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह उधार की किडनी से 11 वर्ष जी गए, लेकिन पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली एक ही वर्ष जी पाए। उधर, पूर्व विदेश मंत्री उधार की किडनी से केवल तीन वर्ष जीवित रह पाईं। हाल ही में लालू प्रसाद यादव को उनकी पुत्री रोहिणी की किडनी लगी है। हम प्रार्थना करते हैं कि इस किडनी ट्रांसप्लान्ट के जरिये लालू यादव एक लंबी उम्र पाएं।

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विशेषज्ञों के अनुसार यदि किडनी की समस्या वाला कोई रोगी किडनी ट्रांसप्लांट न कराए और केवल डायलिसिस पर ही रहे तो सामान्यतः वह करीब 5 वर्ष तक ही जीवित रह पाता है। इसके विपरीत किडनी प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) से जीवन की अवधि 8 से 20 वर्ष तक बढ़ सकती है।

यदि किडनी किसी जीवित व्यक्ति ने डोनेट की है तो मरीज अगले 12 से 20 वर्ष तक जीवित रह सकता है। यदि मरीज के शरीर में किसी ऐसे व्यक्ति की किडनी प्रत्यारोपित की गई है जो मर चुका है तो ऐसी स्थिति में मरीज की जिंदगी 8 से 12 वर्ष तक बढ़ सकती है।

यहां बताते चलें कि किडनी हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म के द्वारा बनते वेस्ट पदार्थों को लगातार शरीर से निकालने का काम करता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। किडनी की इराथ्रोपोइटिन नाम के हार्मोन के निर्माण में भी भागीदारी होती है जो शरीर में एनीमिया की स्थिति आने से रोकता है। किडनी की मदद से ही हम भोजन से मिली विटामिन डी को एक सक्रिय यौगिक में बदल पाते हैं जो हमारी हड्डियों को स्वस्थ रखता है। इसीलिए जिन लोगों में किडनी की समस्या होती है, उनमें हड्डियों की समस्या भी आम होती है। यह अंग हमारे शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ को भी पेशाब के रूप में निरंतर बाहर निकालता है। 

// अमर सिंह //

अमर सिंह का 1 अगस्त 2020 को सिंगापुर में निधन हुआ था। वह 64 वर्ष के थे। सिंगापुर में अमर सिंह काफी समय से अपना इलाज करा रहे थे। अमर सिंह ने 2009 में अपनी किडनी ट्रांसप्लांट कराई थी। उसके बाद से उन्हें स्वास्थ्य संबंधी काफी समस्याएं रहीं लेकिन फिर भी वह उधार की किडनी के जरिये करीब 11 वर्ष काट गए।

/// अरुण जेटली ///

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का किडनी ट्रांसप्लांट एम्स में मई 2018 में हुआ था। इससे पहले वजन घटाने के लिए 2014 में उन्होंने बैरियाट्रिक सर्जरी भी कराई थी। वह डायबिटीज से भी पीड़ित थे। उन्हें जीवित व्यक्ति की ही किडनी मिली थी, लेकिन किडनी प्रत्यारोपण के अगले ही वर्ष यानी 2019 में 67 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

/// सुषमा स्वराज ///

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का किडनी प्रत्यारोपण ऑपरेशन एम्स में ही 2016 में हुआ था। उन्हें भी जीवित गैर-रिश्तेदार डोनर ने किडनी दी थी। किडनी प्रत्यारोपण के बाद सुषमा केवल तीन वर्ष जीवित रह सकीं और 2019 में ही 67 की उम्र में उनका भी निधन हो गया।

कुल मिलाकर इन सारी बातों से हमें यह जानकारी मिलती है कि किडनी हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। एक बार इसमें गड़बड़ हो जाए तो बहुत मुश्किल आती है। आपके पास पैसा होने के बावजूद भी यह गारंटी नहीं है कि आप बहुत ज्यादा जिंदगी जी पाएंगे या जी पाएंगे तो सुकून की जिंदगी जी पाएंगे। इसलिए अपना ख्याल रखें।

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