प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु पर्व के मौके पर किसानों को बिल वापसी का तोहफा दिया। केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर बीते साल के 26 नवंबर से किसान आंदोलन शुरू हुआ था सुबह 9 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि ‘हम किसानों और कृषि की हालत को सुधराने के लिए नए कृषि कानून लेकर आए थे, जिससे खासकर के छोटे किसानों का भला हो। इस कानून को लाने से पहले इसकी संसद में चर्चा हुई थी। देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत भी किया था और समर्थन भी किया था, जिसके लिए मैं सभी का बहुत- बहुत आभारी भी हूं। साथियों हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी लेकिन इतनी पवित्र बात हम पूर्ण रूप से कुछ किसानों को समझा नहीं पाए, हमने उनसे बातचीत करने की भी कोशिश की और हर तरह से इन कानून का महत्व समझाने का प्रयास किया लेकिन हम उन्हें समझाने में सफल नहीं हुए, ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया। इसलिए अब हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है। इस बड़े ऐलान के बाद पीएम मोदी ने कानून के खिलाफ प्रदर्शन करे रहे किसानों से अपील की है कि वो अब अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें और सब मिलकर एक नई शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैंने किसानों की पीड़ा को बहुत निकट से देखा है, इसलिए आज ही कृषि क्षेत्र से जुड़ा एक और अहम फैसला लिया है। गौतलब है कि नए कृषि बिल आने के बाद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़ समेत पूरे देश के किसानों ने विरोध शुरू कर दिया था। वहीं विपक्षी राजनेताओं ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उधर राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा. उन्होंने कहा है कि हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा।