आईपीएल 2021 के प्ले ऑफ में केकेआर से मुक़ाबले में जैसे- जैसे आरसीबी के हाथों से मैच निकलता जा रहा था, विरत कोहली की बेचैनी बढ़ती जा रही थी। मैच में एक समय ऐसा भी आया जब विराट की अंपायर से झड़प हो गई। नतीजा अंत में विराट की इच्छा के विपरीत रहा। आरसीबी के साथ उनका कप्तानी का सफर बिना ट्राफी जीते ही खत्म हो गया। टी-20 विश्वकप को शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। विश्व कप के बाद विराट 20-20 में टीम इंडिया की कप्तानी छोडने का ऐलान पहले ही कर चुके हैं। दुनियाँ की नंबर वन टीम इंडिया का कप्तान होने के बावजूद विराट कोहली के हिस्से आज तक कोई भी बड़ी ट्राफी हाथ नहीं आई है। ऐसे में क्या विराट विश्व कप जीतकर इस धारणा को तोड़ पाएंगे। उनके सामने ये करियर की बड़ी चुनौती है।
कोहली ने बतौर बल्लेबाज तो जबरदस्त प्रदर्शन किया है, लेकिन बतौर कप्तान धोनी और गांगुली के स्तर को छूने में अभी तक असफल रहे हैं। अगर आरसीबी के लिए बतौर कप्तान विराट कोहली पर नजर डालें तो देखेंगे कि साल 2011 में डेनियल विटोरी के बाद टीम का कप्तान बनाया गया था। तब से लेकर अब तक उन्होंने 11 सीजन में टीम की कप्तानी की। इस दौरान आरसीबी का बेस्ट प्रदर्शन साल 2016 में रहा था जब ये टीम उप-विजेता बनी थी और उस सीजन में विराट कोहली ने 4 शतक के साथ 900 से ज्यादा रन बनाए थे। लेकिन उनकी कप्तानी में आरसीबी ट्राफी नहीं जीत सकी।
पूरे मामले में स्टार स्पोर्ट्स से बात करते हुए, गावस्कर ने स्वीकार किया कि कोहली को बिना खिताब के खत्म होते देखना निराशाजनक है लेकिन टीम में उनके बहुमूल्य योगदान के बारे में कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा, “यह निश्चित रूप से (निराशाजनक) है। हर कोई ऊंचाई पर करियर समाप्त करना चाहता है। लेकिन ये चीजें हमेशा आपकी इच्छा या आपके प्रशंसकों की इच्छा के अनुसार नहीं होती हैं। “देखिए सर डॉन ब्रैडमैन के साथ क्या हुआ। बस 4 रन की जरूरत थी (100 औसत के लिए), वह अपनी आखिरी पारी में शून्य पर आउट हो गए। देखिए सचिन तेंदुलकर के साथ क्या हुआ। वह शतक के साथ समाप्त करना चाहते थे (अपने आखिरी टेस्ट में) लेकिन उन्होंने अपने 200वें टेस्ट मैच में 79 रन बनाए।
उधर मैक्सवेल ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “आरसीबी के लिए यह सीजन अच्छा रहा. हम वहां तक नहीं पहुंच पाए, जहां पहुंचना था. लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं कि हमारे लिए यह आईपीएल अच्छा नहीं रहा. लेकिन फिर भी सोशल मीडिया पर लोग टीम को लेकर बेकार बातें कर रहे हैं, जो शर्मनाक है. उन लोगों को भी यह समझना चाहिए हम भी इंसान हैं, जो हर दिन अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं. ऐसे में उन लोगों से बस यही कहना चाहूंगा कि अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के बजाए बेहतर इंसान बनें।” ऐसे में पूरे देश कि निगाहें टी- 20 विश्व कप पर लगीं जिसमें विराट कोहली सारे मिथक तोड़कर अपना और देश का ट्राफी जीतने का सपना पूरा कर सकें।