विदेशी छात्रों को हिन्दी और लखनऊ विश्वविद्यालय खूब भा रहा है। करोना की मार के बावजूद केंद्रीय हिन्दी संस्थान में इस वर्ष रिकार्ड आवेदन किए गए गए हैं। विदेशों से हिन्दी पढ़ने के लिए इस बार कुल 110 छात्रों ने अपनी पसंद जाहीर की है। दूसरी ओर अफगानिस्तान, इंडोनेशिया, श्रीलंका से लेकर रूस और अफ्रीकन व यूरोपियन देशों के स्टूडेंट्स भी यहां लखनऊ यूनिवर्सिटी पढ़ने के लिए पहुंच रहे हैं। इस साल पिछले वर्षों के मुकाबले फॉरेन एडमिशन की संख्या में काफी इजाफा देखने को मिला है। पिछले साल जहां कुल दाखिले करीब 100 हुए थे तो वहीं इस साल 371 एडमिशन फॉर्म आए हैं। इस संख्या में अभी और इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही है। अब तक का यह रिकॉर्ड आवेदन है। इससे पहले कभी भी यहां इतने बड़े पैमाने पर दाखिले के लिए विदेशी स्टूडेंट्स के एडमिशन फॉर्म नहीं आए थे।
इन देशों से आ रहे छात्र
विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल स्टूडेंट्स एडवाजर प्रो. आरपी सिंह के अनुसार विदेशी स्टूडेंट्स का रुझान लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर है। पिछले साल करीब 100 स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन दाखिले लिए थे। इस बार आवेदन की संख्या 371 पहुंच गई है। अभी 30 जून तक ऑनलाइन आवेदन का मौका है। ज्यादातर दावेदार दक्षिण एशियाई देशों से हैं। फॉरेन स्टूडेंट्स ने लखनऊ विश्वविद्यालय में रहकर भारत की संस्कृति, साहित्य, संगीत के साथ-साथ अंग्रेजी और प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रमों को पढ़ने में रुचि दिखाई है। अफगानिस्तान के अलावा इंडोनेशिया, तजाकिस्तान, रूस, केन्या, श्रीलंका, नेपाल और नामीबिया जैसे देशों से भारत आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी है। अब आए हुए आवेदन पत्रों की स्क्रीनिंग के बाद संबंधित देश के दूतावास को सूचना भेज दी जाएगी, जिससे प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
मैनेजमेंट कोर्स की है सबसे ज्यादा डिमांड
विदेशी स्टूडेंट्स में लखनऊ विश्वविद्यालय में आकर एमबीए जैसे कोर्स में एडमिशन लिए भारी डिमांड है। इसमें अफ्रीकी देशों से आने वाले छात्रों की संख्या भी बड़ी है। इसके अलावा बीते दिनों ट्रेंड में कुछ बदलाव भी देखने को मिला। अब हिंदी और संस्कृत सीखने के लिए भी स्टूडेंट्स एलयू पहुंच रहे हैं। बीते सत्र में पहली बार इटली की एक छात्रा ने यहां हिंदी में शोध के लिए दाखिला लिया था। इसी तरह मॉरीशस की एक छात्रा की ओर से हिंदी में पीएचडी के लिए आवेदन प्राप्त हुआ था।