उत्तर प्रदेश में सभी राजनैतिक दल भले ही ब्राह्मणों को रिझाने में जुटे हों लेकिन ब्राह्मणों की पहली पसंद अभी भी भाजपा ही है। ब्राह्मण मतदाताओं को लेकर राजनीतिक दलों की सक्रियता के बीच एक सर्वे में परिणाम आया है कि अभी भी 64 फीसदी ब्राह्मण भाजपा के साथ है। ब्राह्मणों की दूसरी पसंदीदा पार्टी बसपा और तीसरे नंबर पर कांग्रेस है, जबकि इस दौड़ में सपा सबसे पीछे है।
एक स्वतंत्र एजेंसी मैटराइज न्यूज द्वारा उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में करवाए गए सर्वे में एक बार फिर भाजपा का परचम सबसे ऊपर नजर आ रहा है। बीते 12 से 22 जुलाई के बीच करवाए गए इस सर्वे में लोगों से रायशुमारी करके कोरोना की दूसरी लहर के बाद योगी सरकार की स्थिति का आकलन किया गया, जिसमें अधिकांश ने योगी सरकार में विश्वास व्यक्त करते हुए यह संकेत दिया कि अगर इसी वक्त विधानसभा चुनाव हो जाएं तो उसमें भाजपा की सत्ता में वापसी होगी।
दलित वोटरों के बीच बसपा 45 प्रतिशत समर्थन हासिल कर सबसे आगे है जबकि दूसरे नंबर पर 43 फ़ीसदी दलित वोटर भाजपा के साथ जा रहे हैं. । महिला सुरक्षा के लिए एक के बाद एक कदम उठाने पर लोगों का समर्थन योगी आदित्यनाथ के ही साथ दिखाई दे रहा है । महिला सुरक्षा के मुद्दे पर 52 फीसदी लोगों ने योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया है। इस मुद्दे पर 34 फीसदी लोग मायावती पर भरोसा करते हैं जबकि अखिलेश यादव सबसे निचले पायदान पर है। केवल 12 मतदाता ही उन पर विश्वास करते हैं । सर्वे में अधिकांश लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ को सर्वश्रेष्ठ बताया, जबकि दूसरे और तीसरे नंबर पर क्रमशः बसपा की मायावती और सपा के अखिलेश यादव रहे।