Monday, September 16, 2024
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मार्शल आर्ट की जननी भारत, जूडो को जन्म देने वाले जापानी जिगोरो कानो

जब भी मार्शल आर्ट अक जिक्र होता है तो एक जापानी स्कूली शिक्षक जिगोरो कानो का नाम सामने आता है। कानो ने आज के दिन 1882 में जूडो का आविष्कार किया। कुश्ती और जिउ-जित्सु के संयोजन से यह खेल अपनी मार्शल आर्ट बन गया। जिगोरो कानो ने अपना जीवन दुनिया भर में जूडो की उन्नति और प्रसार के लिए समर्पित कर दिया। मार्शल आर्ट मुख्य रूप से आत्म रक्षा की कला है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी।

हमारे देश में मार्शल आर्ट्स का इतिहास बहुत पुराना है। कलरीपयट्टु भारतीय मार्शल आर्ट है, जिसकी उत्पत्ति केरल में हुई थी। यह कला दुनिया के सबसे पुराने मार्शल आर्ट्स में से मानी जाती है। इसके अलावा इंबुआन रेसलिंग मिजोरम की पारंपरिक कला है। इस मार्शल आर्ट में किक करने, सर्कल से बाहर जाने और यहां तक कि घुटनों को मोड़ने की मनाही होती है। इसमें विजेता वो बनता है, जो कि अपने हाथों और पैरों की ताकत के दम पर विरोधी को जमीन से ऊपर उठाने में कामयाब हो जाए।

उत्तर भारत की मार्शल आर्ट में शुमार मुष्टि युद्ध की उत्पत्ति वाराणसी में हुई थी। संस्कृत भाषा में मुष्टि का मतलब मुट्ठी होता है। इस मार्शल आर्ट में पंच, किक, एल्बो, नी के अलावा विरोधी को पकड़ने का नियम शामिल है। इसके अलावा वरमा कलाई दक्षिण भारत खासकर की तमिलनाडु में काफी प्रसिद्ध है। इसमें मसाज, योग और मार्शल आर्ट्स हिस्सा होते हैं। मल्लयुद्ध यानि कुश्ती का इतिहास भी भारत में हजारों साल पुराना है। कई धार्मिक गंथ्रों में भी इसका जिक्र है।

हालांकि जूडो के रूप में मार्शल आर्ट को आधुनिक और लोकप्रिय रूप देने के लिए जापान के प्रोफेसर जिगोरो कानो का ही जिक्र होता है। जापान की टोकियो इंपीरियल यूनिवर्सिटी में अध्ययन करते समय उन्होंने जूजित्सु कला में निपुण होने का निश्चय किया। फिर एक नई कला जूडो को जन्म दिया। उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में अपना जूडो विद्यालय भी खोला और विद्यार्थियों की शारीरिक व मानसिक क्षमता को मजबूत किया।। वह अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के सदस्य थे। जूडो को विश्वव्यापी खेल के रूप में स्थापित करने के उनके प्रयासों ने 1964 में ओलंपिक खेलों में शामिल किया। जूडो एक मार्शल आर्ट है जो एक मुकाबला खेल के रूप में अभ्यास किया जाता है और व्यक्तिगत रक्षा के लिए सेवा करने के उद्देश्य से बनाया गया था, कुछ छोटे मार्शल आर्ट्स जैसे कि ज्यू-जित्सू में शामिल होने और एक मजबूत मार्शल आर्ट बनाने के उद्देश्य से बनाया गया था। जूडो, जो जापानी में “कोमल विधि” का अनुवाद करता है। यह दुनिया में सबसे अधिक प्रचलित मार्शल आर्ट है, साथ ही फुटबॉल के बाद दुनिया का दूसरा सबसे लोकप्रिय खेल है।

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