Monday, September 16, 2024
Homeविशेषमहोत्सव : पुस्तकालय सामाजिक संवाद, अध्ययन और चिंतन का केंद्र : राष्ट्रपति

महोत्सव : पुस्तकालय सामाजिक संवाद, अध्ययन और चिंतन का केंद्र : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में ‘पुस्तकालय महोत्सव’ का उद्घाटन किया। यह महोत्सव, संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य पुस्तकालयों के विकास और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना तथा पढ़ने की संस्कृति को विकसित करना है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि पुस्तकालयों का विकास तथा समाज और संस्कृति का विकास आपस में जुड़े होते हैं। यह सभ्यताओं की प्रगति का पैमाना भी होता है। उन्होंने कहा कि इतिहास ऐसे संदर्भों से भरा पड़ा है, जहां आक्रमणकारियों ने पुस्तकालयों को नष्ट करना आवश्यक समझा था। इससे पता चलता है कि पुस्तकालयों को किसी देश या समाज की सामूहिक चेतना और बुद्धिमत्ता का प्रतीक माना गया है। उन्होंने बताया कि आधुनिक युग में ऐसी घटनाएं नहीं होती हैं, लेकिन दुर्लभ पांडुलिपियों और पुस्तकों के गायब होने की घटनाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि दुर्लभ पुस्तकों और पांडुलिपियों को वापस लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि पुस्तकालय सभ्यताओं के बीच सेतु का काम करते हैं। प्राचीन और मध्यकाल में कई देशों के लोग भारत से पुस्तकें ले जाते थे, उनका अनुवाद करते थे और ज्ञान प्राप्त करते थे। ऐसे प्रयासों के केंद्र में यह विचार है कि किताबें और पुस्तकालय मानवता की साझी विरासत होती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि एक छोटी सी किताब में विश्व इतिहास की दिशा बदलने की क्षमता होती है। उन्होंने गांधीजी की आत्मकथा का जिक्र किया, जहां राष्ट्रपिता ने जॉन रस्किन की किताब ‘अनटू दिस लास्ट’ के उनके जीवन पर अत्यधिक सकारात्मक प्रभाव का वर्णन किया है। उन्होंने कहा कि किताबों में धरती की सुगंध और आकाश की विशालता समाहित होती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि पांडुलिपियों के संरक्षण और पुस्तकालयों के आधुनिकीकरण तथा डिजिटलीकरण के प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हैं। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग से पुस्तकालयों का स्वरूप बदल रहा है। पहुंच आसान हो गई है। उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक डिजिटल लाइब्रेरी’ के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत की राष्ट्रीय वर्चुअल लाइब्रेरी विकसित की जा रही है। उन्होंने विश्वास व्‍यक्‍त किया कि राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन की सफलता से पुस्तकालयों से जुड़ने और किताबें पढ़ने की संस्कृति मजबूत होगी। राष्ट्रपति ने कहा कि पुस्तकालयों को सामाजिक संवाद, अध्ययन और चिंतन का केंद्र बनना चाहिए। उन्होंने पुस्तकालयों के विकास के राष्ट्रीय अभियान को आगे बढ़ाने के लिए संस्कृति मंत्रालय की सराहना की

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments