Thursday, November 21, 2024
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भारत- पाक बँटवारे की कहानी : 14 साल की उम्र में घर छोड़ने पर मजबूर हुईं, 90 की उम्र में उसी घर में फूलों से स्वागत

14 साल की लड़की जिसकी ज़िंदगी उसका घर, उसकी गली और उसका स्कूल था। एक दिन अचानक उसको ये सब छोडकर हजारों मील दूर जाकर बसना पड़ा। वो सब कुछ भूल गई लेकिन अपने घर और स्कूल की यादों को कभी नहीं भुला पाईं। अब वो लड़की अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुँच चुकी हैं लेकिन अपने घर वापस जाने और एक झलक देखने की ख़्वाहिश मन से नहीं निकाल पाई है। ऐसे मेन एक दिन फेसबुक पर भारत पाक के सांस्कृतिक सम्बन्धों का पेज संचालित करने वाले ग्रुप को दादी की ख़्वाहिश का पता चलता है  है और उसके प्रयास से दादी के अपने घर जाने का सपना सच हो जाता है।

जी हाँ हम बात कर रहे हैं 90 वर्षीय भारतीय बुजुर्ग महिला रीना वर्मा की, जिनकी अपनी गलियों में पहुंचने की मुराद 75 साल बाद आखिर पूरी हो ही गई। दादी इतने सालों बाद एक बार फिर से पाकिस्तान में स्थित उनके पुश्तैनी घर की बालकनी पर खड़ी होकर अपने बचपन को याद कर भावुक हो गईं। रीना वर्मा ने आंखों में आंसू भरते हुए कहा, “ये खुशी के आंसू हैं।” रीना वर्मा को आज भी वो दिन याद है जब उन्हें और उनके परिवार ने रावलपिंडी के गैरीसन शहर की तंग गलियों में बसे उनके एक छोटे से तीन मंजिला घर को छोड़ना पड़ा था।

रीना वर्मा 75 साल बाद जब बुधवार 20 जुलाई को अपने पुराने घर पर पहुंचीं तो उनके आगमन पर उनके पड़ोसियों ने उनपर फूलों की बारिश कर उनका जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर लोगों ने ड्रम बजाया तो दादी ने ड्रम की ताल पर लोगों के साथ डांस भी किया। उन्होंने सुबह से लेकर शाम तक अपने घर और पुरानी गलियों में समय व्यतीत किया।  गौरतलब है कि देश के बँटवारे के समय लाखों लोग पाकिस्तान से अपना घर छोडकर भारत आने पर मजबूर हुए। इसमें रीना वर्मा का परिवार भी शामिल था। उनका परिवार पुणे में आकर बस गया था। फिलहाल वो दिल्ली में अपनी बेटी के घर से पाकिस्तान आईं हैं।  

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